शीला की जवानी- 7

दस मिनट की एक और चुदाई के बाद ज्योति भरजाई की चूत फिर पानी छोड़ गयी, मगर मेरा लंड खड़े का खड़ा था। ज्योति झड़ चुकी थी। मेरा खड़ा लंड ज्योति की चूत में ही था। ज्योति को लगा कि मैं लंड चूत में से निकाल लूंगा, और कुछ देर बाद फिर से चुदाई करूंगा।

कुछ देर ऐसे ही लेटने के बाद ज्योति को लगा उसकी चूत अभी भी भरी हुई थी, फ़ैली हुई थी। फिर ज्योति धीरे से बोली, “जीते क्या हुआ, तेरा लंड तो अभी भी सख्त और खड़ा ही है I तेरा निकला नहीं अभी? तेरे लंड ने अभी भी पानी नहीं छोड़ा?”

शीला भी तो यही बोली थी “क्या जीत भैया आपका अभी भी नहीं निकला?”

मैंने कहा “भरजाई अभी नहीं निकला, अभी लंड खड़ा ही है I इस बार की चुदाई में भी मेरे लंड का पानी नहीं निकला, अब निकलेगा।”

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