शीला की जवानी- 8

जब ज्योति को इस ख़ास कंडोम की ख़ास बनावट समझ में आ गयी, तो उसने आगे से इसी कंडोम के साथ चुदाई का मन बना लिया।

आखिर बुराई भी क्या थी कंडोम चढ़ा कर चुदाई करवाने में अगर चूत में बढ़िया रगड़े लगती हों, और चुदाई का मजा दोगुना-तिगुना हो जाता हो।

आखिरकार दाल को देसी घी का तड़का और सब्ज़ी में भी मसाले इनको और ज्यादा स्वाद बनाने के लिए डाले जाते हैं, वर्ना पेट तो उबली हुई दाल सब्जी से भी भर जाता है।

ज्योति की बातें सुन-सुन कर मेरा लंड और भी सख्त हो चुका था। दारू का पटियाला पेग भी खत्म होने वाला था। कंडोम तो लंड पर चढ़ा ही हुआ था।

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