पिछला भाग पढ़े:- अंकिता और मेरी कामवासना-4
मैं कैसे ककोल्ड बना-
मुझे और अंकिता को मिले 2 महीने हो चुके थे। इन 2 महीनों में अंकिता और मैंने एक-दूसरे के बारे में वो सब जान लिया था, जो कोई केवल खुद ही जानता है। हर छोटी-बड़ी, अच्छी-बुरी सब तरह की कामुकता पूरी करने की अभिलाषा। इस दौरान अंकिता की अपने बैंक में एक सहकर्मी से अच्छी दोस्ती भी हुई, जो अक्सर अंकिता को नई-नई बातें और कामनाएं देने लगी।
इनका असर ये हुआ कि अंकिता ने एक दिन मुझसे कहा: मनीष अगर मैं तुम्हे धोखा दूं, और किसी दूसरे मर्द के साथ संबंध बना लूं, तो भी तुम मुझसे शादी करोगे? और मुझे इतना ही प्यार करोगे?
मैंने कहा: हां अंकिता, तुम मेरी जान हो। मेरी दोस्त हो, और मैं तुम्हें दिल से चाहता हूं, ना कि तुम्हारे जिस्म से।
मेरी बात सुन कर अंकिता को एक असीम संतुष्टि मिली, और उस रात हमने फोन पर लंबी रात सेक्स किया। अगले दो दिन बाद मुझे अंकिता से मिलने जाना था। उसकी और मेरी दोनों ही की छुट्टी थी।
वो दिन शनिवार का था जब मैं अंकिता के बताए पते पर पहुंचा, जहां वो रह रही थी। रात के 10 बज चुके थे। मैंने दरवाजे पर दस्तक दी तो अंकिता ने दरवाजा खोल कर मुझे अंदर लिया, और हम दोनों एक-दूसरे की बाहों में लिपट गए। हमें आपस में इस तरह लिपटे पूरे दो महीने हो चले थे। मैंने अंकिता की आंखों में देखा, और उसके होंठ चूमने के लिए अपने होठों को आगे किया।
तो अंकिता ने मुझे रोकते हुए कहा: मनीष मुझे बहुत प्यार करते हो ना? हमेशा मेरे साथ रहोगे ना? मुझे कभी भी किसी भी हालत में छोड़ कर तो नहीं जाओगे ना?
अंकिता की बातें सुन कर मैंने कहा: जान चाहे कुछ हो, हम हमेशा ऐसे ही रहेंगे। मैं तुमसे जल्दी ही शादी भी कर लूंगा।
अंकिता बोली: शादी के लिए मैं तब ही हां कहूंगी, जब तुम मेरी कसौटी पर खड़े रह सके। और इसके लिए तुम्हे एक इम्तेहान से गुजरना पड़ेगा। बोलो मंजूर है?
मैंने कहा: हां अंकिता, मुझे तुम बहुत पसंद हो। मुझे तुम्हारी सब बातें मज़ूर है।
तो अंकिता बोली: तो सुनो मेरी जान। इन दिनों कोई एक है, जो मेरे पीछे पड़ा था, और मुझे पसंद भी करने लगा था। वैसे तो ये सब तुम्हारे प्यार के कारण है, और मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं, पर उसकी तरह भी आकर्षित होने लगी हूं। आकर्षित क्या मैं उससे प्यार करने लगी हूं।
अंकिता की बात सुन कर मुझे अजीब सा मजा आने लगा। इस तरह की बातें तो हम रोज ही फोन पर कर रहे थे।
तो मैंने कहा: अंकिता तुम कितनी अच्छी हो, जो मुझे सब सच बता रही हो।
अंकिता बोली: तो तुम्हे बिल्कुल भी बुरा नहीं लगा?
मैंने कहा: नहीं मेरी जान बिल्कुल भी नहीं।
अंकिता बोली: वो मेरे साथ अकेले में मिलना चाहता है। समझ रहे हो ना, वो तुम्हारी अंकिता के साथ क्या करना चाहता है?
मैंने कहा: और मेरी अंकिता, वो क्या चाहती है?
अंकिता बोली: मैं… मैं भी।
मैंने अंकिता का फोन उसे देते हुए कहा: मेरी जान आज देख ही लेते है तुम्हारे नए प्यार को। बुला लो उसे आज।
अंकिता शर्म से लाल हो गई। उसके चेहरे पर हसीन कामवासना छा गई। कांपते हाथों से अंकिता ने मेरे हाथ से अपना फोन लिया, और मेरा इशारा पाकर लाउड स्पीकर पर फोन किया अपने उस नए प्यार को।
मेरे शरीर में एक नई कामवासना पैदा हो गई। मुझे अजीब से आनंद आने लगा। मेरी प्यारी माशूका, जिसके लिए मैं छुट्टी लेकर उससे पूरे दो महीने बाद मिलने आया था, वो मेरे ही सामने किसी दूसरे मर्द से बात कर रही थी, और उसे घर आने को कह रही थी।
अंकिता ने उसे घर आने को कहा, और उसने 10 मिनट में पहुंचने का कहा। अंकिता मुझे सोफे पर बैठ कर अंदर कमरे में तैयार होने लगी गई। करीब 10 मिनट बाद अंकिता के फ्लैट का दरवाजा बजा, और मेरा दिल भी जोर-जोर से धक-धक करने लग गया। इतने में अंकिता भी कमरे से बाहर आई, और मुझे देख कर मुस्कुराने लगी। अंकिता को देख कर मैं मंत्र मुग्ध रह गया।
अंकिता ने एक लाल रंग का वन पीस पहना था, और होठों पर लाल लिपस्टिक लगाई थी। अंकिता वाकई कोई अप्सरा लग रही थी। कमरे की तरफ से निकल कर अंकिता दरवाजा खोलने लगी, और अपने साथ एक लड़के को अंदर आने को कहा। वो उसे अर्पित कह रही थी। पहली नज़र में मैंने अर्पित को देखा तो वो एक सादा लड़का था। बस उसका रंग मुझसे साफ था, और वो थोड़ा फैटी भी था।
मुझे देख कर अर्पित थोड़ा संकोच में आया, तो अंकिता ने अर्पित को मुझसे यह कह कर परिचित करवाया कि मैं उसकी रूममेट साक्षी का बॉयफ़्रेंड था। कुछ देर की तकल्लुफात के बाद अंकिता मेरे ही सामने अर्पित के पास जाकर बैठ गई। लगभग अर्पित का सीधा पैर अंकिता के सीधे पैर से चिपका हुआ था। यह देख कर मेरे बदन में मानो करेंट फेल गया।
अर्पित ने अंकिता से कहा: अंकिता मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूं। बहुत दिन से मैं कुछ कहना चाहता था, और आज तुमने मुझे बुलाया, पर…..
अंकिता बोली: अर्पित मैं सब समझती हूं, एक लड़की हूं। दरअसल तुम समझ सकते हो कि एक लड़की एक लड़के को अकेले कमरे में क्यों बुलाती है।
अर्पित ने मेरी तरह देखा तो अंकिता बोली: इनकी चिंता मत करो, ये और साक्षी भी मेरे सामने…..
अर्पित ने कहा: अंकिता तुम बहुत अच्छी हो। पर यहां मुझे बहुत असहज महसूस हो रहा है।
अंकिता ने मेरे सामने अर्पित का हाथ अपने हाथ में लिया और बोली: तो चलो दूसरे कमरे में चलते है।
मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था, पर ना जाने क्यों मुझे मजा भी आ रहा था। अंकिता अर्पित का हाथ पकड़ कर दूसरे कमरे में जाती है, और कुछ देर वहां से बात करने की आवाजें आती है।
मैं मजे और नशे के एक दूसरे संसार में था, इतने में मैं देखता हूं कि अंकिता उठ कर आई और कमरे का दरवाजा बाहर से लगा कर मेरे पास आई।
फिर वो मेरे सीने से लगते हुए बोली: कैसा लगा मनीष?
मैंने कहा: अंकिता तुम बहुत अच्छी हो। मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं।
अंकिता ने कहा: मनीष मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं। देखो मैं अर्पित के साथ हूं अंदर। अगर मुझे अर्पित के साथ कुछ करते देखना है, तो दरवाजे के ऊपर एक तरफ से कांच टूटा है। वहां से पूरे कमरे का नजारा साफ-साफ दिखेगा।
ये बोल कर अंकिता कमरे में जाती है, और अंदर से दरवाजा लगा लेती है। मैं भी दरवाजे के ऊपर पर टूटे हुए कांच तक का नजारा देखने के लिए एक कुर्सी रखी, और उसके ऊपर चढ़ कर अंदर देखने लगा। उफ़्फ़ मेरी प्रेमिका अर्पित की बाहों में थी, और अर्पित अंकिता को कुछ कह रहा था, जिससे वो खिलखिला कर हस रही थी।
मुझे उनकी आवाज़ तो नहीं आ रही थी, पर अंकिता अर्पित से दूर हुई और दरवाजे की तरफ आने लगी। तो मैं जल्दी से कुर्सी से उतरा और कुर्सी एक तरफ की।
अंकिता मेरे पास आई और बोली: मनीष अर्पित चाहता है, मतलब उसे सब समझ आ गया कि तुम मेरे बॉयफ़्रेंड हो, तो…।
यह बोल कर अंकिता फिर से कमरे में चली गई और दरवाजा खुला रहने दिया। कमरे से फिर हंसने की आवाज आने लगी। अंकिता और अर्पित एक-दूसरे को चूमने लगे, और बीच-बीच में अंकिता मादक सिसकारियां लेने लगी।
अंकिता: आह अर्पित, मेरी जान, अर्पित आराम से उफ्फ अर्पित।
अंकिता की मादकता भरी सिसकारियां मुझे बेचैन कर रही थी। मुझे अर्पित से बहुत जलन हो रही थी, और अंकिता अर्पित की बाहों में उसकी पत्नी की तरह प्रेम कर रही थी। जल्दी ही अर्पित और अंकिता दोनों नंगे हो गए और एक-दूसरे से प्यार करने लगे। मैं अंदर कमरे में गया तो अर्पित ने मुझे देख कर अंकिता की गांड पर हाथ रखा और बोला-
अर्पित: अंकिता तुम्हारी गांड आज बहुत मस्त लग रही है।
अंकिता ने मुझे देख कर कहा: हा अर्पित, मार लो ना फिर मेरी गांड।
और ये बोलते हुए अंकिता किसी बेशर्म के जैसे अपनी गांड ऊंची करके झुकी और अपने दोनों हाथों से अपनी गांड फैला कर बोली-
अंकिता: मनीष जल्दी आओ और मेरी गांड चाट कर गीली करो, ताकि अर्पित को दिक्कत ना आए।
अर्पित ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अंकिता की गांड के पास ले गया, और मेरा सर अंकिता की गांड के गंदे से छेद पर दबाते हुए बोला-
अर्पित: चल मनीष जल्दी चाट। तेरी यहीं औकात है कि तू अंकिता की गांड चाट।
अर्पित की बात से अंकिता और अर्पित दोनों हंसने लगे, और मेरा जलन और बेइज्जती के कारण बुरा हाल था। मेरा लंड ढीला हो रहा था, और मैं अंकिता की गंदी गांड चाट के साफ करने लगा। अर्पित ने कुछ देर बाद मुझे हटाया, और अंकिता की गांड में अपना लंड घुसा दिया।
अंकिता: अद्भुत, आह, उफ्फ आह, नहीं आह मनीष आह, अर्पित मेरी गांड फाड़ दो अह। देखो मनीष कैसे तुम्हारी अंकिता, आह की, आह आह आह, गांड, आह आह आह, अर्पित अह, अर्पित कैसे गांड मार रहा है देखो मनीष।
वाकई अंकिता की चीखों ने मेरी हालत खराब कर दी थी और अर्पित मेरी जान, मेरी होने वाली पत्नी को किसी रंडी की तरह चोद रहा था। कुछ देर की गांड चुदाई ने अंकिता को निढाल कर दिया। उसकी चूत के पानी की धारा टपक रही थी। अब अर्पित ने अंकिता की गांड से लंड बाहर किया, और अंकिता को बिस्तर पर जाने को कहा।
अंकिता मेरी आंखों में आंखे डाल कर अर्पित के सामने अपनी टांगे फैला कर बैठ गई, और अर्पित अंकिता के ऊपर चढ़ कर उसे चोदने लगा।
अंकिता: आह अर्पित, आह आह आह उफ्फ उफ्फ आह अर्पित मेरी जान, चोदो मुझे अपनी रंडी समझो अर्पित, आह आह।
अर्पित अंकिता को तेज धक्के देकर चोद रहा था। मैं वही खड़ा-खड़ा अपनी प्रेमिका अंकिता की कामवासना से पागल हो रहा था। कुछ ही देर में अर्पित अंकिता के ऊपर से उठा, और उसके मुंह में अपना लंड डाल कर उसके मुंह को चोदने लगा। अर्पित ने मुझे अपने पास बुलाया, और देखने को कहा। मेरी हालत बहुत बुरी हो चुकी थी। कुछ ही देर में अंकिता के मुंह में अर्पित ने अपना वीर्य छोड़ दिया, जिसे मेरी प्यारी पत्नी मजा लेकर पीने लगी।
इसके बाद अर्पित अंकिता को अपनी बाहों में लेकर सो गया। अगली सुबह मैं और अर्पित दोनों अंकिता के फ्लैट से चले गए। इसके आगे इस सेक्स कहानी में क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। यहां तक की कहानी की फीडबैक आप हमें [email protected] या [email protected] पर मेल कर सकते हैं।