पिछला भाग पढ़े:- मेरी नई असिस्टेंट-1
हैलो दोस्तों, मेरी ऑफिस सेक्स कहानी के अगले पड़ाव में आपका स्वागत। पिछली किश्त में आपने पढ़ा था कि मुझे अपनी ऑफिस असिस्टेंट अदा को अपने साथ उत्तराखंड लेके जाना पड़ा। फिर वहां हम नंगे हुए, और मैंने उसको किस किया। अब आगे-
अदा: सर, ये ग़लत है। कृपया आप ऐसा कुछ मत कीजिए।
पर अदा का हाथ बहुत ठंडा था, और उसका बदन भी ठंड से कांप रहा था। कंबल में होने के बाद भी वो ठंड से कांप रही थी।
मनीष: अगर ठंड से बचना है तो अपनी बॉडी मेरी बॉडी से टच कर लो।
मैंने देखा कि अदा कोई जवाब नहीं दे रही थी। उसकी आंख बंद हो गई थी, और वो बेहोश हो गई थी।
मनीष: अदा… अदा… क्या हुआ?
पर कोई जवाब नहीं आया। मैं उसके हाथ और पैर गर्म करने लगा। मैंने अदा को बॉडी टू बॉडी गर्मी देने का फैसला किया।
मैं उसके शरीर से चिपक गया, और उसके निप्पलों को चूसने लगा। मेरा दूसरा हाथ उसकी छोटी सी चूचियों को दबा रहा था। अदा की बॉडी में कुछ हलचल हुई और मैं अपने हाथों से उसके नंगे शरीर की मसाज करने लगा। मैंने हम दोनों को कम्बल से ढक रखा था। अब मैंने अदा के होठों पर अपने होठों को रख दिया और स्मूच करने लगा। उसकी जीभ को चूसने लगा।
अरे ये क्या हुआ? वो भी मेरा साथ देने लगी। उसकी जीभ मेरे मुंह में आ गई। मेरे दोनों हाथ अभी भी अदा की अनछुयी चूचियों को सहला रहे थे। मेरे घुटने अदा की चूत के पास आ गए थे, जो अदा की चूत पर दवाब बना रहे थे। अदा की चूत गीली होती जा रही थी और काम-रस छोड़ रही थी।
मैंने अपने सीधे हाथ की उंगली उसकी चूत में डाल दी, और अपनी उंगली को अंदर-बाहर करने लगा। फिर मैंने उसकी चूत के दाने को उंगली से मसल दिया। अदा के मुंह से कामुक सिस्कारी निकली, और चूत ने पानी की धार छोड़ दी, जैसे चूत से पेशाब निकला हो।
अदा अब अच्छे से गरम होने लगी थी। क्योंकि अब वो भी पहल कर रही थी। उसने धीरे से मेरे लंड को छुआ और हाथ में लेने की कोशिश की, पर मेरा लंड छोटा है और लेखकों की तरह नहीं जिनका 7″ का लंड होता है। मैंने उसकी मंशा को जान कर अपना मुंह उसकी चूत की तरफ घुमा लिया और अपना लंड उसके मुंह की तरफ।
अब हम 69 की पोजिशन में थे, और मैं उसकी चूत को फैला कर देख रहा था। उसकी चूत अंदर तक गुलाबी रंग की थी। मैंने समय ना गंवाते हुए उसकी चूत पर मुंह रख दिया। जिसने वो एक-दम उछल पढ़े।
अदा: मजा आ रहा है… हाय अम्मी… ये क्या हो रहा है… सर और ज़ोर से करो…, और अंदर तक।
अब उसकी टांगें चौड़ी हो गई थी, और मैं उनके अंदर तक चाट रहा था, और मेरे मुंह से लार के साथ उसकी चूत का पानी निकल रहा था। उसके दोनों हाथ मेरे सिर को अपनी चूत में दबा रहे थे। क्या खुशबू थी उसकी चूत की, और केबिन की गर्मी बढ़ती जा रही थी।
अदा: सर ये आपने क्या कर दिया! हाय अम्मी… और चूसो।
मनीष: तुम मेरा लंड चूसो।
अदा: नहीं।
मैंने एक हाथ से उसकी चूची दबा दी, और उसके निप्पल मरोड़ दिये। अदा सिस्कार उठी, और अपनी कमर उचकाने लगी। अब उसकी बेहोशी ख़तम हो गई थी। मैंने देर ना करते हुए अपना लंड उसकी बहती चूत पर लगा दिया। बराबर लंड अंदर नहीं गया। फिसल कर साइड हो गया। मैंने कुछ देर बाद फिर कोशिश की। इस बार मेरा लंड अंदर चला गया, और अदा की चीख निकल गई।
उसने मुझे धक्का दे दिया। बाहर बारिश पूरा ज़ोर दिखा रही थी, और नीचे मैं। मैंने जल्दीबाज़ी करना ठीक नहीं समझा, और एक पेग व्हिस्की का बनाया। मैंने वो पैग अदा को दिया और बोला-
मनीष: अदा इसको पी जाओ, थोड़ी गर्मी आयेगी।
अदा ने मुंह बनाया और पेग को पी गई। मैंने एक पैग और दिया। उसे भी वो पी गई। अब उसे हल्का नशा हो गया था। मैंने फिर दोनों पर कंबल ले लिये, और उसकी चूचियों को सहलाने लगा। अदा ने अपने होठों को मेरे होठों से जोड़ दिया और चूमने लगी। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया।
उसकी चूत अभी भी गीली हो रही थी, और मेरे एक धक्के ने उसकी चूत को फाड़ दिया। अदा ज़ोर से चिल्लाई और उसकी आंखों से पानी निकल आया। मैंने अपने लंड को रोक दिया, और इंतज़ार करने लगा। करीब एक मिनट बाद मैंने अपना लंड से एक और प्रहार किया, और मेरा छोटा सा लंड पूरा उसकी चूत में घुस गया।
मेरे लंड में जलन होने लगी। मुझे कुछ अजीब सा निकलता हुआ महसूस हो रहा था अदा की चूत से। पर मैंने अब धक्के चालू कर दिये।
अदा: सर बाहर निकालो प्लीज़। सहन नहीं हो रहा, प्लीज़।
मैं एक मिनट रुका। फिर चालू हो गया। 5 मिनट बाद-
अदा: सर अब ठीक है। धीरे-धीरे करो। हाय अम्मी, मजा आ रहा है। हां सर तेज, और तेज।
मैं भी तेजी से उसकी चूत को चोदने में लगा था। मेरा लंड पिस्टन की तरह चल रहा था। मेरे हाथ उसके चूचियों को गूंथ रहे थे। पूरे केबिन में फच पच की आवाज हो रही थी। करीब 15 मिनट तक चोदने के दौरान अदा की चूत 3 बार पानी छोड़ चुकी थी, और अदा बहुत थक गई थी। आखिरी बार हम दोनों एक साथ झड़ गए। मैंने भी अपना वीर्य से उसकी चूत को भर दी।
जब मैं उसके ऊपर से उठा तो फर्श पर बहुत सारा खून और अदा की चूत का पानी पड़ा था। अदा ने हाथ लगा कर अपनी चूत को चेक किया और वह लेट गयी। मैं भी उसके पास लेट गया। अभी 10:00 बजे थे और बाहर बारिश हो रही थी। लग रहा था कि सारी बारिश आज ही हो जाएगी।
उस रात अदा और मैंने तीन बार चुदाई की। फिर हम एक दूसरे की आगोश में सो गए। सुबह बारिश बंद हो गई थी और हमारे कपड़े सूख गए थे। हम रोड पर आ गए थे। होटल वाला हमें खोजते-खोजते उसी रोड पर मिल गया। फिर तीन दिन हम वहीं रहे, और चुदाई का खूब मजा लिया। मैंने अदा से शादी कर ली और अदा संग अपनी सुहागरात उसी होटल में मनाई।
आप लोगों को मेरी ऑफिस सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बताएं।