मेरी खूबसूरत पत्नी को अकेले रहना पसंद नहीं-13

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माया का सारा काम हो गया था, लेकिन वो अपनी क़ीमत लेने के लिए रुकी थी। दूसरा उसे भी अंजली की चुदाई देखना बढ़िया लग रहा था।

माया: अंजली, लगता है कि आज ये तीनों हरामी उठने नहीं देंगे। क्या खाना बनाना है बना देती हूं। केडिया साहब कितना रगड़ोगे गुड़िया को?

अंजली: बहन देख ही रही है मेरी क्या हालत है। घर में देख लें क्या है, उसी हिसाब से बना दे।

केडिया ने अंजली को बहुत चूमा बहुत सहलाया।

केडिया: माया तुम्हें कुछ बनाने की ज़रूरत नहीं है। बल्लू बाद में खाना ले आयेगा। तेरा काम ख़त्म हो गया है तो तू अब घर जा। ये ले अपना इनाम, लेकिन हमारी अंजली का बढ़िया से ध्यान रखना। जब तक मैं ना कहूं कोई भी दूसरा अंजली को नही चोदेगा।

केडिया ने माया को पचास हज़ार देने की बात की थी, लेकिन उसे साठ हज़ार दिया। माया ने कुछ देर ढीला लंड चूसा, और बाद में अपनी चिकनी बूर को केडिया के मुंह पर रगड़ा। केडिया ने कुछ देर माया की बूर को चाटा।

माया कपड़े पहन कर चली गई। बल्लू अब अंजली को लंड चुसा रहा था, और आनंद लगातार चोदे ही जा रहा था। केडिया ने अंजली के होंठों और गालों को चूमा।

केडिया: आनंद, मेरी घरवाली सिमरन बहुत सुंदर तो थी ही, उसके जैसा मस्ती भी कोई नहीं मार सकता था। 18 साल पहले भगवान ने उसे उठा लिया। उसके जाने के बाद ज़िंदगी से मेरा इंटरेस्ट ख़त्म हो गया। मैंने अपने को शराब में डुबा दिया। इतना शराब पिया कि मेरी तबियत बहुत ख़राब हो गई।

केडिया: क़रीब दो महीने होस्पिटल में रहा, लेकिन मेरे धंधे को कोई नुक़सान नहीं हुआ। मेरी बड़ी बहु ने सब कुछ बहुत ही बढ़िया से संभाला। जिस दिन होस्पिटल से वापस घर आया, उसी रात मेरी तीनों बहुऐं और दोनों बेटी मेरे पास नंगी आई। रात भर पांचो ने नंगा नाच किया, अपने पतियों के सामने सब ने मेरा लंड चूसा, मुझे अपना बूर चटवाया। और पूरी रात मुझे समझाती रही कि सिमरन के मरने से हमारी दुनिया ख़त्म नहीं हो गई।

केडिया: मेरी भी समझ में सब कुछ आ गया। अब 15-16 साल से मेरा लंड टाईट नहीं होता है, लेकिन 18-19 साल की कॉलेज की लड़कियों से लेकर 30-32 साल की बच्चों वाली औरतें मुझसे बूर चुसवाने के लिए लाईन लगाने लगी। हम बढ़िया लंबे और मोटे लंड वाले के साथ ही बढ़िया चोदने वाले को नौकरी पर रखने लगे। ज़्यादातर औरतों को मोटे लंड से लंबी चुदाई चाहिए।

केडिया: मेरी बहु बेटियां रुपया कमाने के लिए किसी से भी चुदवा लेती है, लेकिन बीच-बीच में वे सभी भीमा से चुदवाती है। इस बल्लू को देखा है, बड़ी उम्र की औरतों को चोद-चोद कर रुलाता है, लेकिन कम उम्र की जवान औरतों के सामने बहुत जल्दी ढीला हो जाता है।

अंजली: देख रही हूं आनंद को। अकेले में मुझे कभी 15 मिनट से ज़्यादा नही चोद पाया, लेकिन अभी देखो, माया को एक घंटा चोदा। मुझे एक घंटा से ज़्यादा समय से चोद रहा है। और ये देखने में सांड है, लेकिन बूर में घुसते ही उल्टी कर देता है।

केडिया को खूबसूरत अंजली को चुदवाते देखना बहुत बढ़िया लग रहा था।

केडिया: आनंद बहुत चोद लिया तुमने अपनी घरवाली को। लंड की ताक़त संभाल कर रखो। रात में तुम्हें हमारी दो बहुओं को चोदना है। बल्लू से कहो कि तुम्हारी घरवाली को चोदे।

आनंद भी केडिया से बहुत ही ज़्यादा खुश था। दूसरों और अंजली के सामने माया को चोद कर खुश किया ही, अंजली को भी बहुत देर तक चोद पाया।

आनंद: बल्लू भाई, तुम लोगों की इस रंडी ने मेरी सारी ताक़त चूस ली है। अब थोड़ी देर तुम उस कुतिया को संभालो। मैंने बहुत चोद लिया। साली रंडी को खूब जमा-जमा कर चोदो।

अंजली को बढ़िया नहीं लगा था, जब आनंद ख़ुद बल्लू को बुला कर लाया घरवाली को चुदवाने के लिए। केडिया ने नंगा किया, चूसा, चाटा, बल्लू ने चोदा, फिर भी आनंद ने एक बार भी कुछ नहीं कहा। अंजली को लगातार चुदवाना बढ़िया लग रहा था, लेकिन उसे लग रहा था कि जैसी चुदाई की मस्ती वो चाहती थी, वैसा मज़ा नहीं मिल रहा था। जैसा केडिया ने कहा था आनंद ने अंजली की बूर से लंड को बाहर निकाला। लंड “फ़चाक” की आवाज़ से बाहर निकला।

अंजली: बाप रे, कितना चोदा तुमने आज। मैं समझ गई कि तुम्हें अकेले में चोदने में मज़ा नहीं आता है। जब कोई दूसरा मुझे चोदता है, तब तुम्हें ज़्यादा जोश चढ़ता है और तुम मुझे बढ़िया से चोद पाते हो।

आनंद: हां शायद तुम ठीक कह रही हो। कॉलेज के दिनों में हम ज़्यादातर ग्रुप में ही चुदाई करते थे, और मेरी सभी औरतों मुझसे बहुत खुश रहती थी।

केडिया ने तीसरी बार आनंद का लंड पकड़ा और 2-3 मिनट सुपाड़े को चूसा। केडिया ने लंड को हाथ में पकड़े ही रहा।

केडिया: तुम लोगों ने देखा ना कि मैंने अंजली की बूर को कितना चूसा और चाटा? मैं जीभ भी अंदर पेलता हूं, लेकिन उतना अंदर नहीं जा पाती हैं जितना अंदर आनंद का ये लंड गया। आनंद ने बूर को एक घंटा से ज़्यादा चोदा है, तो लंड पर अंजली की बूर के अंदर का माल जमा है। मुझे अंजली के बूर के अंदर के माल का संवाद लेने दो। बल्लू अब तुम चोदो।

अंजली: केडिया साहब बोल रहे हैं इसलिए चोदने दे रही हूं। अगर आधा घंटा से कम चोदा तो हर समय तेरे सामने नंगी रहुंगी, दूसरों से चुदवाऊंगी, लेकिन तुम्हें हाथ भी लगाने नहीं दूंगी।

केडिया अपने बेटे से भी कम उम्र के आदमी का लंड चूसने लगा और बल्लू दिन में तीसरी बार अंजली को चोदने लगा। उस समय केडिया भी लंड चूस रहा था, इसलिए कोई बात नहीं कर रहा था। तीनों आदमी और एक औरत जवानी की मस्ती का मज़ा ले रहे थे। बल्लू तीसरी बार अंजली को चोद रहा था।

अंजली को तीसरी चुदाई में मज़ा आने लगा था। वो हल्की-हल्की सिसकारी भी मारने लगी, लेकिन बेचारी अंजली! चुदाई का पूरा मज़ा भी नहीं मिला, और बल्लू फिर झड़ गया।

अंजली: उफ़, इस बार तुम बढ़िया चोद रहे थे, लेकिन फिर इतना जल्दी झड़ गये। अंकल, अब अगर कभी बल्लू से मुझको चुदवाया तो फिर तुमसे भी कभी बात नहीं करूंगी। अंकल, लंड को छोड़ो बूर को बढ़िया से चाट दो।

केडिया ने आनंद के लंड को चूसना बंद

किया। लंड को अपने मुंह से बाहर निकाला।

केडिया: आनंद, बढ़िया लंड है, मेरी दोनों बहुओं को तुम ज़रूर पसंद आओगे। तुम मेरी बहुओं को चोदना और हम तीनों बाप-बेटे अंजली के साथ मस्ती मारेंगे। जी तो करता है कि रात-दिन अंजली को ऐसे ही नंगा अपने पास बिठा कर रखूं, लेकिन दोपहर में 2 रंडियां आयेंगी।

केडिया ने बल्लू को रूपया दिया, और एक होटल का नाम बता कर वहां से खाना लाने कहा।

अंजली: मेरा बदन बहुत चीर-चीर कर रहा है। मैं नहाने जा रही हूं।

केडिया: चलो मैं तुम्हें नहला दूंगा।

आनंद कमरे में बैठ कर देखता रहा, और बाथरूम में दोनों केडिया और अंजली ने एक-दूसरे को खूब रगड़-रगड़ कर नहलाया।

नहाते समय अंजली ने कहा: ना तो मुझे आनंद के साथ चुदवाने में मज़ा आता है, और ना बल्लू के साथ ही कोई मज़ा आया। अंकल, मुझे कुछ और मस्ती चाहिए। मुझे ऐसा चोदने वाला चाहिए जो चोदते चोदते मेरी हड्डी पसली तोड़ डाले।

केडिया: तुम्हें किसी एक आदमी के साथ चुदाई का मज़ा नहीं मिलेगा। तुम्हें भी मेरी घरवाली सिमरन जैसा घंटो की लगातार चुदाई चाहिए।

अंजली: मैं तैयार हूं, लेकिन वैसी चुदाई में आनंद नहीं रहना चाहिए।

केडिया मान गया। थोड़ी देर बाद बल्लू खाना लेकर आया, और सब ने मिल कर खाना खाया। खाने के बाद बल्लू ने पूरी सफ़ाई की और क़रीब 6 घंटे बाद बल्लू और केडिया बाहर गये। आनंद ने घर को अंदर से बंद किया।

आनंद: तुम मुझसे बहुत नाराज़ हो ना कि मैंने ना उन दोनों को तुम्हें हाथ लगाने से रोका, ना ही तुम्हें चुदवाने से रोका? अंजली, अब तुम जिस किसी भी आदमी से चुदवाना चाहो, घर में, होटल में, जहां चुदवाना चाहो, तुम चुदवा सकती हो।

अंजली: तुम तो बढ़िया चोदते ही थे, लेकिन इन दोनों केडिया और बल्लू ने मेरी जवानी की आग बहुत ही भड़का दी है। किसी बहुत बढ़िया लंड से बहुत लंबी चुदाई की ज़रूरत है। अपने बाबू जी को अकेले आने के लिए बोलो। मुझे विश्वास है कि बाबू जी मुझे चोदना चाहते हैं। जैसे केडिया अपने बेटों के साथ मिल कर बहुओं को चोदता है, मैं भी चुदवाऊंगी। जानते हो केडिया ने मुझे कितना दिया? पांच लाख, क्या करेंगे इतने रुपये का?

अंजली ने अपने ससुर से चुदवाने की बात की तो आनंद का लंड टाईट हो गया।

आनंद: मैं अपनी मां और बाबू जी की चुदाई छुप-छुप कर देखता था। तभी से मुझे घर की औरतों को दूसरे से चुदवाते देखना बहुत बढ़िया लगने लगा। हमारे कमिश्नर साहब तुम्हें चोदना चाहते हैं। उन्हें खुश कर दो तो जल्दी प्रोमोशन हो जायेगा।

अंजली: पति तुम्हारे जैसा होना चाहिए। चलो जल्दी प्रोग्राम बनाओ। देखें तुम्हारे बॉस के लंड में कितना दम है। लेकिन मुझे अब सिर्फ़ मोटा और लंबा लंड ही बूर में चाहिए। तुम लोगों ने बहुत थका दिया है। थोड़ी देर आराम करते हैं।

दोनों पति-पत्नी एक-दूसरे से लिपट कर आराम कर ही रहे थी, कि कॉलबेल बजी।

अंजली: देखती हूं कौन है, शायद माया आई होगी मुझे बाज़ार ले जाने के लिए।

आनंद: यार, साली माया ने तो तुझे बहुत ही ज़्यादा पसंद कर लिया है। वैसे मुझे उसकी जवानी बहुत पसंद आई है। तुम कुछ पहन लो।

अंजली ने फिर एक कुर्ता पहना और दरवाज़ा खोलने गई। कुछ देर बाद वो सलमान दर्ज़ी का हाथ पकड़े हुए आई।

अंजली: लगता है कि चाचा को भी रात भर नींद नहीं आई। चाचा मैंने तो परसों, रविवार को ट्रायल के लिए कहा था।

अंजली ने कुर्ता पहना था, और आनंद ने सिर्फ़ एक टॉवेल लपेट कर था।

दर्ज़ी: माफ़ कीजिएगा, लगता है मैं ग़लत समय में आया हूं। और मैडम, आपने बिल्कुल सही अंदाज़ा लगाया। साहब, कल से, जब से आपकी इस बेगम को देखा है, बहुत बेचैन हो गया हूं। मेरी नीयत ख़राब हो गई है। रविवार को आना था, लेकिन रात भर जाग कर आपके ये 2 ड्रेस बनाये है, उसका ट्रायल लेना था।

अंजली ने लगातार तीन घंटा चुदवाया था लेकिन दर्ज़ी को देख कर उसके 8.3 इंच लंबे लंड की याद आई तो बूर फिर पनियाने लगी। वो आनंद की नॉलेज में दर्ज़ी से चुदवाना चाहती थी।

अंजली: ठीक है चाचा, चले रुम में। जैसा ट्रायल चाहते हो लेलो। आनंद तुम इसी रुम में रहो, हमें डिस्टर्ब मत करना।

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