रजनी की चुदाई उसी की जुबानी-19 – हम अभी करनाल में ही हैं
चूत में चुदाई का असली मजा तब आता है जब लंड चूत के अंदर की खुजली मिटाता है और गांड चुदाई का असली मजा तब आता है जब लंड गांड के छेद के सिरे की खुजली मिटता है।
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चूत में चुदाई का असली मजा तब आता है जब लंड चूत के अंदर की खुजली मिटाता है और गांड चुदाई का असली मजा तब आता है जब लंड गांड के छेद के सिरे की खुजली मिटता है।
दोनों की चूतें अभी भी गीली थीं और नमकीन पानी छोड़ रही थी I करनाल में हमारी चूतें कभी सूखनी भी हैं या नहीं ?
मैं जा कर सोफे पर बैठ गयी और पति पत्नी कि चुदाई देखने लगी। एक हाथ मेरा मेरी चूत को मसल रहा था। “गीली हुई पड़ी थी और मुझे तो थोड़ी फूली भी लग रही थी”
लड़कियों ने तो टांगें उठा फैला कर गांड और चूत के छेद आगे कर देने हैं, “आओ जी डालो अपने लौड़े इनमें और करो इनकी चुदाई घिसाई।
घर में चुदाई का पूरा खेल चल रहा था। “इस घर में हर मर्द घर की हर को औरत को चोदता था, मगर पूरी ईमानदारी और असूलों के साथ”।
रजनी उकडू होकर उलटा लेट गयी और गांड उठा दी। अब मैंने उसके चूतड़ खोले,गांड का छेद लाल भी था और थोड़ा सी सूजन भी थी।
“पप्प फच पट्ट — पप्प फच पट्ट — पप्प फच पट्ट — पप्प फच पट्ट — की संगीतमयी ताल के साथ क्या मस्त चुदाई हो रही थी मेरी ।
दीपक के लंड में से कुछ नमकीन नमकीन निकल रहा था। मैं तो चाटती जा रही थी जो भी ये नमकीन नमकीन था।
“जिस तरह सरोज हम लोगों की चूतें चाट रही थी,और हमारी गांड में उंगली डाल कर गोल गोल घुमा रही थी, लग ही रहा था की सेक्स का पूरा मजा लेने में विश्वास रखती है”
चुदाई की आवाजें भी सुनी जा सकती थी फच….. फच…… फच….. । गीली चूत पर लंड का अंतिम सिरा टकराता था तो आवाज़ आती थी फच….. फच….. फच…।