चित्रा और मैं-9
हमारे पड़ोस की आंटी हमारी दीदी बन गई थी। पढ़िए कैसे खाना खाने के बाद वो हमारे घर आई, और फिर शुरू हुआ तीन लोगों की चुदाई का घमासान।
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हमारे पड़ोस की आंटी हमारी दीदी बन गई थी। पढ़िए कैसे खाना खाने के बाद वो हमारे घर आई, और फिर शुरू हुआ तीन लोगों की चुदाई का घमासान।
पड़ोसन आंटी ने मुझे और चित्रा को खाने पर बुलाया था। पढ़िए कैसे वो आंटी से दीदी बन गई, और फिर हमारे घर आ कर अपने अनुभव बताने शुरू कर दिए।
चित्रा और मैं अच्छे से एक दूसरे की चूत और लंड का मजा ले रहे थे। पढ़िए कैसे हमारी पड़ोसन ने हमें खाने पर बुलाया, और हमने नई खुराफात सोची।
मैं और चित्रा मजा कर रहे थे। पढ़िए हमने चूत चटाई और लंड चुसाई का ऐसा खेल खेला, कि दोनों के चूत और लंड का सारा काम-रस नदी की तरह बहने लग गया।
मैं और चित्रा शर्म के बांध तोड़ चुके थे। पढ़िए कैसे हम दोनों नंगे हो गए, और उसके बाद उसने मुझे अपने हर एक गुप्तांग के बारे में बताया।
मैं और चित्रा अब नंगे हो चुके थे। पढ़िए कैसे उसने मेरे लंड का पानी निकाल कर और मैंने उसकी चूत का पानी निकाल कर एक दूसरे को शांत किया।
एक दूसरे की हवस देखने के बाद मेरे और चित्रा में बात हुई। पढ़िए कैसे हम एक दूजे से खुल गए, और अब हम दोनो सेक्स करने के बहुत ही करीब आ गए थे
मैं अपनी बहन के साथ अकेला था घर में। पढ़िए कैसे मैंने नहाते हुए उसकी जवानी के दर्शन किए, और फिर उसने मेरे फनफनाते लंड का पानी निकलते देखा
मेरी जवानी पूरे उफान पर थी, और मैं सेक्स के लिए तड़प रहा था। पढ़िए कैसे मेरी चचेरी बहन घर रहने आई, और मेरे सपने पूरे होने लगे