चित्रा और मैं-12
मैं पड़ोसन आंटी के घर में था, और हम दोनों अपने जिस्म की आग को बुझा रहे थे। पढ़िए कैसे आंटी मेरे घर पर आई, और कौन सा हवस भरा खेल खेला।
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मैं पड़ोसन आंटी के घर में था, और हम दोनों अपने जिस्म की आग को बुझा रहे थे। पढ़िए कैसे आंटी मेरे घर पर आई, और कौन सा हवस भरा खेल खेला।
मुझे पड़ोसन आंटी ने काम के बहाने बुलाया, और मम्मी ने भी मुझे भेज दिया। उनकी चूत का स्वाद लेके कैसे मैंने उनको लंड का पानी पिलाया, वो पढ़िए।
मैंने मम्मी-पापा के मुंह से सुना कि चित्रा आ रही थी। कैसे मैंने अपने लंड का पानी बहाया, और मम्मी से मेरी क्या बात हुई, सेक्स कहानी में पढ़े।
हमारे पड़ोस की आंटी हमारी दीदी बन गई थी। पढ़िए कैसे खाना खाने के बाद वो हमारे घर आई, और फिर शुरू हुआ तीन लोगों की चुदाई का घमासान।
पड़ोसन आंटी ने मुझे और चित्रा को खाने पर बुलाया था। पढ़िए कैसे वो आंटी से दीदी बन गई, और फिर हमारे घर आ कर अपने अनुभव बताने शुरू कर दिए।
चित्रा और मैं अच्छे से एक दूसरे की चूत और लंड का मजा ले रहे थे। पढ़िए कैसे हमारी पड़ोसन ने हमें खाने पर बुलाया, और हमने नई खुराफात सोची।
मैं और चित्रा मजा कर रहे थे। पढ़िए हमने चूत चटाई और लंड चुसाई का ऐसा खेल खेला, कि दोनों के चूत और लंड का सारा काम-रस नदी की तरह बहने लग गया।
मैं और चित्रा शर्म के बांध तोड़ चुके थे। पढ़िए कैसे हम दोनों नंगे हो गए, और उसके बाद उसने मुझे अपने हर एक गुप्तांग के बारे में बताया।
मैं और चित्रा अब नंगे हो चुके थे। पढ़िए कैसे उसने मेरे लंड का पानी निकाल कर और मैंने उसकी चूत का पानी निकाल कर एक दूसरे को शांत किया।
एक दूसरे की हवस देखने के बाद मेरे और चित्रा में बात हुई। पढ़िए कैसे हम एक दूजे से खुल गए, और अब हम दोनो सेक्स करने के बहुत ही करीब आ गए थे