बाप बेटी की चुदाई – मालिनी अवस्थी की ज़ुबानी-1

ये कहानी पूर्णतया काल्पनिक है। इस कहानी के सभी पत्रों और घटनाओं का वास्तविकता से कोइ सम्बन्ध नहीं। ये कहानी केवल मनोरंजन के लिए लिखी गयी है।

“नमस्ते – मुझे तो आप भूले नहीं होंगे”।

“मैं, कानपुर से मालिनी अवस्थी, फिर से आपकी सेवा में एक बार फिर एक नए केस, एक नई कहानी के साथ हाजिर हूं”।

“आपने मेरी नसरीन और असलम के बीच पनपे मां बेटे की चुदाई के रिश्तों की दास्तान तो पढ़ी ही होगी”।