पिछला भाग पढ़े:- माँ पापा से गुस्साई, बेटे से चुदवाई-2
पिछले दो पार्ट में आपने देखा कि कैसे मैंने अपनी माँ की चुदाई की पूरे दिन। कुछ दिन तक हम शांत रहे। कोई चर्चा नहीं हुई। मम्मी भी पापा से रिश्ते ठीक करने लगी थी। क्योंकि अंदर से वो भी सोच रही थी, कि अब तो उसने भी दूसरा लंड ले लिया। भले ही वो उसके बेटे का है। तो अब वो भी धोखा दे चुकी है, तो बात बराबर। इसलिए गुस्सा घट गया।
पापा को भी मम्मी को चोदने की याद आ रही होगी। दोनों में वापस दोस्ती हो गयी, और दोनों जम के सेक्स भी करने लगे। मम्मी अब खुश थी। पर मम्मी मुझे भूल चुकी थी। पर मैं मम्मी के उस नंगे जिस्म को भूल नहीं सकता था।
मैंने 3 दिन बाद ही उनसे सेक्स के लिए कहा था। उसने खुद आने की बात कही थी कि बेटा मैं खुद आऊंगी। मैं इंतजार कर रहा था। 10 दिन हो गए, मैं मम्मी का इंतजार करता, जैसा कि उसने वादा किया था। पर वो आयी नहीं कभी मेरे कमरे में उस काम के लिए।
मै अब तड़पने लगा था। मैं फिर से माँ की चूत का स्वाद लेना चाहता था। मैंने कुछ प्रयास करने का सोच लिया, शाम को किचन में पीछे से खड़ा लंड गांड में सटा दिया और बूब्स को मसलने लगा। पापा टीवी रूम में थे तो मम्मी की हालत खराब हो गयी। वो बोली-
मम्मी: पापा घर में ही हैं, छोड़ो, पागल हो।
मैं: अरे अब कंट्रोल नहीं हो रहा। अब मुझे चोदना है आपको।
मम्मी: ठीक है, अभी छोड़ो, पापा नहीं होंगे कल तब कर लेना।
पर मैं मूड में था आज।
मैं: नहीं, आज ही करना है। वरना अभी करो।
मैं ज़ोर से चूची दबाने लगा, और लंड सटाने लगा गांड में। वो बोली-
मम्मी: अभी छोड़ो, रात में आऊंगी पापा के सो जाने पर।
मैं मान गया। फिर सब ने खाना खाया। डाइनिंग टेबल पे मैं फिल्मों की तरह अपने पैरों से मम्मी के पैर रगड़ने लगा। मम्मी भी मुस्कुराने लगी। खैर, मैं अपने कमरे में 9:30 में गया और वेट करने लगा। रात के 11 बजे वो मेरे कमरे में आई।
आते ही बोली: रोहित मुझे डर लग रहा है, कहीं वो जग गए तो? अभी रहने दो, कल कर लेना।
मैं: अरे माँ, ये लंड खड़ा है, इसका क्या करूँ। कुछ नहीं होता, तू बोल देना कि चावल चुन रही थी। आवाज तो आएगी उनकी गेट खुलेगा तो।
दरअसल माँ सुबह के नाश्ते के लिए कभी चावल चुनना, कभी सब्जी काटना रात को कर लेती है। पापा लाइट बन्द करके सोते है। मैं पढ़ता हूं तो मेरे रूम में आ जाती है अक्सर।
तो माँ ने ऐसा ही किया, चावल ले आयी। मेरे कमरे में अटैच्ड बाथरूम भी है। अब पूरी तैयारी थी, पापा जगे तो गेट खुलने की आवाज आएगी ही। बस मम्मी बाथरूम में चली जायेगी, कपड़े पहनेगी, और बाहर चावल रखा ही है। मैं गेट की चिटकनी खोल कर पढने बैठ जाऊंगा। अब माँ को प्लान सेफ लगा, तो वो बैठ गयी और बोली-
माँ: देखना गड़बड़ ना हो कुछ।
मैं: मां तुम चिंता मत करो। फिर मैंने रूम अंदर से लॉक किया, और मां को लिटा कर ऊपर लेट गया।
मैं: माँ तुम बहुत सुंदर हो। मैं खुशनसीब हूं कि तुमको चोद पाया।
वो शर्मा के बोली: ऐसा क्या?
मैं: मैं होठ चूसने लगा।
वो भी साथ देने लगी।
मैं: माँ मैं काफी दिनों से प्यासा हूँ। आज वो प्यास तुम्हारे होंठ और चूत को चूस कर ही बुझाऊंगा।
माँ भी काफी खुल चुकी थी। वो बोली-
मम्मी: मेरे राजा, आज तेरे लंड की भी प्यास मिटा दूंगी। जितना चूसना है चूस लो। मैं अब तेरी भी उतनी ही हूँ, जितनी पापा की।
मैं होठ चूसता रहा। उनके जीभ को मुँह में लेके चूसने लगा। मन खुश हो गया।
मम्मी: मेरा राजा, सारी प्यास होठ से ही मिटा लेगा? नीचे क्रीम है, उसे भी चख ले।
मां की यूं बात-चीत सुन के मैं पागल हो गया और बोला-
मैं: आज हर जगह तुझे चुसूंगा। हर तरह प्यास मिटाऊंगा। प्यास बहुत लगी है।
मैंने उसकी चूचियों को कपड़ो के ऊपर से दबाया। उसके हार्ड निप्पल को मसल दिया।
फिर वो बोली: नाइटी तो उतारने दो।
मैंने नीचे से ऊपर उठाया और उसने उतार दिया। जल्दी से ब्रा पैन्टी खोल कर लेट गयी। मैंने चूची को जोर से मसल दिया और चूसा। फिर दूध पीने लगा। फिर उसकी ढुडडी मैं चूसने लगा। वो भी मज़े ले रही थी। मैं पैंटी उतार दिया, और चूत चूसने लगा।
मुझे चूत की मलाई क्रीम और चॉकलेट से भी ज्यादा स्वादिष्ट लग रही थी। उसकी हरेक बूंद को मैं चूस कर पी रहा था, निगल रहा था। ऐसा लग रहा था मानो माँ अपनी चूत के जरिये मेरे गले से पेट मे जा रही हो। आह। अद्भुत अनुभव था। मैं बयान नहीं कर सकता। मां मेरे बल पकड़ कर मस्त आहें भरने लगी। कहीं पापा ना जग जाए इसका डर भी था, पर इस चुदाई का आनंद दोनों ही ले रहे थे।
मैं अब चूत में उंगली करने लगा, और नीचे गांड के छेद को चाटने लगा। उनकी टाइट गांड भी आज मादक खुशबू दे रही थी।
मैं बोला: गांड कब मरवाओगी जान?
बोल कर अपनी उंगली गांड में डालने लगा। वो मचल गयी और बोली-
माँ: आह, वहां नहीं।
मैं गांड को चोदने की जिद करने लगा तो बोली-
मम्मी: आज नहीं। आराम से कभी, जब कोई ना हो। पूरे दिन पापा नहीं होते हैं, तो कभी दिन में कर लेना।
मैं मां की बात मान गया, और उसकी चूची मसल दी, और चूत चाटने लगा। इतनी देर चाटने के कारण उनकी चूत से फव्वारा निकल आया। मैं एक-एक बूंद पी गया। फिर लेट गया उनके बगल में। मैं उनकी कांखों को चाटने लगा। आह क्या मस्त सुगन्ध थी। वो कुछ मिनट में नॉर्मल हुई, फिर हम किस करने लगे। फिर वो उठी और बोली-
मम्मी: अब लंड का स्वाद चख लूं।
मैंने बोला: तेरा ही है जान। चख लो।
वो मेरा अंडरवियर उतार दी, और लंड चूसने लगी। लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया। पूरी तरह खड़ा करके वो लेट गई और बोली-
मम्मी: आजा मेरे राजा, मेरे अन्दर आजा। आज तू फिर से मेरे स्वर्ग में घुस जा।
मैं मिशनरी में ही उपर आ गया, और लंड रगड़ने लगा। चूत को लंड से पीटने लगा।
वो बोली: डाल दो, अब और नहीं रुको।
उसकी तड़प देख कर मैं और भी मस्त हो गया। मैं लंड डाल कर चुदाई करने लगा। आह क्या दृश्य था। हम यूँ ही चुदाई करते रहे। मां को घोड़ी भी बनाया, और पीछे से चोदने लगा। फिर लेट कर उनके पीछे से स्पून पोज में भी चोदने लगा। आखिरकार मैं आने वाला था।
वो बोली: आज पीना है।
मैं खुश हो गया। अंत मे लंड चूत से बाहर निकाला, तो मां खुद घुटनो पे आ गयी और चूसने लगी, और जल्द उनके मुंह में सारा जूस छोड़ दिया। वो भी मुंह खोल कर दिखाई जैसा पोर्न में होता है। फिर सारा माल गटक गयी। फिर हम लेट गए। वो मेरे ऊपर थी। हम बात-चीत करने लगे।
मम्मी: मज़ा आया।
मैं: हाँ बहुत, थैंक्स मां। तुम बहुत सुंदर हो। आई लव यू।
मम्मी: चुदने लगी तो सुंदर। ऐसे क्या बदसूरत थी?
मैं: नहीं जान, तुम तो सुंदर हो, तभी तो बेटा होकर भी तुझ पर आकर्षित हो गया। आपके चूचियों और गांड का मैं शुरू से दीवाना था जान।
मम्मी: बस मौके की तलाश में थे।
मैं: हाँ।
फिर हम होंठ चूसने लगे, और मेरा फिरसे खरा हो गया। माँ एक और राउंड के लिए मान गयी।
वो बोली: ऊपर मैं रहूंगी।
लंड चूस कर उसने तैयार किया, फिर मेरे मुंह पर बैठ गयी। मैं चूत चूसने लगा। क्या सीन था।
फिर वो लंड पे बैठ कर चूत में लंड लेली, और काउगर्ल की तरह कि तरह चुदने लगी।
कुछ देर के बाद वो घोड़ी बन गयी, और मैं पीछे से चूत में घुस गया। काफी देर के बाद मैं चूत में ही माल छोड़ कर लेट गया। माँ मेरे चड्डी से खुद की चूत साफ की। मेरा माल बाहर आ रहा था। फिर उसने कपड़े पहने और चुपके से निकल गयी। मैं नंगा ही सो गया।
अब नेक्स्ट पार्ट में मां की गांड कैसे ली ये पढ़ो। दोस्तों आप कमेंट करके कहानी कैसी लगी जरूर बताओ। अच्छा बुरा जो भी है बताओ।
अगला भाग पढ़े:- माँ पापा से गुस्साई, बेटे से चुदवाई-4 (अंतिम भाग)