पिछला भाग पढ़े:- बबिता जी की मां बनने की इच्छा-1
अय्यर बबिता मिशनरी पोजिशन में थे। अय्यर अपने लोड़े को बबिता की चूत के ऊपर सेट करता है, और धीरे-धीरे अंदर डालने लगता है। लंड का ऊपरी सिरा बबिता की चूत में चला जाता है। बबिता के मुँह से आह निकलती है।
फिर अय्यर एक जोरदार धक्का मारता है, जिससे अय्यर का पूरा लंड बबिता की चूत में चला जाता है। जिसकी वजह से बबिता को बहुत ज्यादा दर्द होता है, क्योंकि उसने बहुत लंबे समय से सेक्स नहीं किया था। और दर्द की वजह से उसके मुँह से चीख निकल जाती है, “आहहहहहह मर गई माँ”, और उसकी आँखों में आंसू आ जाते हैं।
वह इतनी ज़ोर से चीखती है, कि उसकी चीख उसके बेडरूम से होते हुए उसके हॉल से होते हुए बाहर तक सुनाई दे रही थी , और बाहर वहां से पोपट लाल गुज़र रहा था। वह चीख सुनता है और समझ जाता है कि आज बबिता की अच्छी सेवा होने वाली थी। तो हम वापस आते हैं अय्यर और बबिता के बेडरूम में जहाँ बबिता नंगी लेटी हुई है। अय्यर उसके ऊपर लेटा हुआ है, और अय्यर का पूरा लंड बबिता की चूत में घुसा हुआ है। बबिता की आंख में आंसू हैं। दर्द के मारे उसका बुरा हाल है, और उसके मुँह से चीख निकल रही है।
बबिता अय्यर से कहती हैं, “थोड़ा आराम से करो ना, मुझे बहुत दर्द हो रहा है”। पर अय्यर कहता है, “बबिता बेबी, अगर तुम्हें माँ बनना है तो दर्द तो सहना पड़ेगा, और एक बार नहीं कई बार सहना पड़ेगा”। फिर वह प्यार से बबिता के माथे पर हाथ फेरता है और उसे किस करता है, और फिर अपना लंड बबिता की चूत से बाहर निकालता है और वापिस पूरा अंदर डाल देता है। इसकी वजह से फिर से बबिता को बहुत ज्यादा दर्द होता है, और उसकी आँखों से और आंसू निकलते हैं, और मुँह से चीख निकलती जाती है, “आहहहह माँ मर गई”।
फिर अय्यर बबिता की चूचियों को अपने हाथों से दबाता है, और बबिता से कहता है कि, “बबिता बेबी, अपनी माँ को क्या याद कर रही हो। तुम्हें पैदा करने के लिए तुम्हारी माँ भी तुम्हारे बाप से इसी तरह चुदी होगी”, और बबिता की चूत में धक्के मारना शुरू कर देता है।
पर क्योंकि बबिता की चूत बहुत ज्यादा टाइट थी, इस वजह से उसमें लगातार दर्द होता ही रहता है, और बबिता की आँखों से लगातार आंसू निकल रहे थे, और उसके मुँह से लगातार चीखें निकल रही थी, और अब कमरे में बस बबिता की चीखों की आवाज गूंज रही थी, और साथ में अय्यर के धक्के की आवाज फट फट फट गूंज रही थी।
क्योंकि बबिता के चूतड़ अय्यर से टकरा रहे थे, और बबिता बस लगातार चीखें जा रही थी, “आहहहहह मर गई माँ आहहहह आहहहहह आहहहह आहहहहह आहहहहह अय्यर कुत्ते धीरे चोद मुझे आज चोद-चोद के ही मार डालेगा क्या”? पर अय्यर बिना कुछ सोचे पागलों की तरह धक्के मार रहा था। क्योंकि उसने वायग्रा की दो गोलियां खाई हुई थी। बबिता कहती हैं, “इस तरह तो तुम मुझे सुबह चलने लायक भी नहीं छोड़ोगे”।
पर अय्यर ये सब बातें नहीं सुनता। वह लगातार बबिता की चूत में धक्के मार रहा था तेजी से, और धक्के मारने की वजह से बबिता की चूत से थोड़ा सा खून भी निकल जाता है। क्योंकि घर्षण की वजह से शायद उसकी चूत में कुछ स्क्रैच लग गए थे। बबिता अब लगातार रो रही थी और चीख रही थी, “आहहहह आहहहहह माँ आहहहह आहहहहह मर गई माँ, आहहहहहह आहहहहहह”। और अय्यर धक्के मारे ही जा रहा था मिशनरी पोज़ीशन में।
फिर अय्यर बबिता को कहता है कि, “पोजिशन चेंज करते है”। और वह बबिता को कुतिया बनने को कहता है। अब बबिता कुतिया बन जाती है। उसकी दो बड़ी-बड़ी चूचियां नीचे लटक रही थी, जैसे बड़े-बड़े आम हों और बबिता का मंगलसूत्र उसकी चुचियों के बीच में ही फंसा हुआ था। हाथ बेड पर रखे हुए थे। हाथों में चूड़ियां थीं। पैरों में पायल थी। पैर कांप रहे थे दर्द के कारण।
फिर अय्यर बबिता के पीछे जाता है, और अपना लंड बबिता की चूत पर सेट करता है, और ज़ोर से धक्का मारता है। क्योंकि वह कुतिया बनी हुई थी, तो उसका लंड पूरी तरह से बबिता की चूत में चला जाता है, और लगातार बबिता की जी-स्पोट को टच कर रहा होता है। अब अय्यर बबिता की गांड को पकड़ता है और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारना शुरू कर देता है। बबिता का दर्द के कारण बहुत बुरा हाल था। वह रो रही थी।
उसकी आँखों से आंसू और मुँह से चीख निकल रही थी, “माँ मर गई आहहहहहह आहहहहह आहहहहह आहहहहह अय्यर कुत्ते तेरा बाप भी तेरी माँ की इसी तरह से चीखे निकलवाता होगा। इसीलिए तो आज मेरी चूत का भोसड़ा बनाने पर लगा हुआ है”। ये सुन कर अय्यर को गुस्सा आ जाता है, और वह ज़ोर से बबिता के चूतड़ों पर थप्पड़ मारता है पांच-छह जिसकी वजह से बबिता को और दर्द होता है, और वह रोने लगती है, और चीख तो रही ही होती है चुदाई के कारण।
यह मंजर लगभग 40 मिनट तक चला। अय्यर बबिता को चौदता रहा, और बबिता रोती और चीखती रही। पर अय्यर ने उसकी एक बात नहीं सुनी। 40 मिनट बाद अब अय्यर बबिता के अंदर अपना वीर्य छोड़ने वाला था, तो वह बबिता को कहता हैं, “बेबी क्या तुम माँ बनने के लिए तैयार हो?” बबिता कहती हैं, “हाँ प्लीज़, उसी के लिए तो इतनी देर से दर्द सह रही हूँ आईईईईईई आईईईईई”।
फिर वह तेजी से धक्के मारना शुरू करता है, और बबिता का दर्द भी बढ़ जाता है, और वह और ज़ोर से चीख रही थी। फिर अय्यर अपना पूरा वीर्य बबिता की चूत के अंदर डाल देता है और अपना लड़ धीरे-धीरे बाहर निकालता है। इससे बबिता को थोड़ी राहत मिलती है। अब बबिता बिस्तर पर नंगी ही लेट जाती है और अय्यर उसके बाजू में लेटा हुआ था। बबिता अब अय्यर के कंधे पर सिर रखती है और उससे चिपक जाती है।
अय्यर बबिता को गले लगा लेता है और कहता है, “सॉरी बेबी आज मैंने तुम्हें बहुत दर्द दिया। तुम्हें बहुत रुलाया है। तो बबिता कहती है, “कोई बात नहीं, माँ बनने के लिए इतना दर्द तो सहना ही पड़ता है”। तो अय्यर उसे कहता है कि, “एक बार सेक्स करने से तुम माँ नहीं बन जाओगी। बल्कि पूरी तरह से माँ बनने के लिए तुम्हें कई बारी इसी तरह से अच्छा सेक्स करना होगा। और खासतौर पर तुम्हारे पीरियड्स के आने से एक हफ्ता पहले सेक्स करना होगा, जिससे तुम्हारी माँ बनने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाएगी”।
बबिता ये सोच के थोड़ी चिंता में आ जाती है। क्योंकि उसे आज जितना दर्द हुआ था, उतना ही दर्द उसे कई बार और सहना पड़ेगा। पर बबिता कहती हैं कि ठीक है वह माँ बनने के लिए कुछ भी करने को तैयार है और वह कई बार इस तरह से सेक्स करेगी। अब क्योंकि बबिता को बहुत अधिक दर्द हो रहा था खून भी निकला था, तो अय्यर बबिता की चूत में बर्फ़ लगाता है। इससे बबिता को जलन में थोड़ी राहत मिलती है, और वह शांत हो जाती है। फिर बबिता और अय्यर नंगे ही एक-दूसरे को चिपक के सो जाते है।
अब जब सुबह का वक्त होता है, अलार्म बजता है। बबिता जैसे ही बेड से उठने की कोशिश करती है, तो उसके चूतड़ों में और कमर के निचले भाग में बहुत ज्यादा दर्द होता है। क्योंकि उसने रात को इतने लंबे समय तक चुदाई जो की थी। वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। तो अय्यर उसे पकड़ कर बाथरूम तक ले जाता है। बबिता को इतना दर्द हो रहा था, कि वह कुछ भी नहीं कर पा रही थी। इसलिए अय्यर बबिता के साथ ही बाथरूम के अंदर चला जाता है।
अब क्योंकि उन दोनों ने कपड़े नहीं पहने हुए थे, तो अय्यर बबिता को पहले टॉयलेट सीट पर बिठा देता है। बबिता फ्रेश होती है। फिर अय्यर उसे उठाता है, और खुद भी फ्रेश हो जाता है। फिर वह गर्म पानी का शावर ओन करता है और बबिता को नहलाता है, और साथ में खुद भी नहा लेता है। नहाने के बाद वह खुद को और बबिता को तौलिए से पोंछता है और फिर वह बबिता की चूत में दवाई लगा देता है, और साथ में उसे पेन-किलर भी देता है ताकि उसका दर्द ठीक हो जाए।
अब वह बबिता को कपड़े पहनाता है। वह बबिता को एक नाइटी ही पहनता है। बबिता ने अंदर पैन्टी और ब्रा भी नहीं पहनी थी। उसके बाद वह बाहर से खाना ऑर्डर करता है। अब क्योंकि बबिता चल नहीं पा रही थी, तो वह बबिता को गोद में उठा कर बेड पे बिठा देता है, उसे चद्दर उड़ाता है, और अपने हाथों से नाश्ता खिलाता है। जब अय्यर इस तरह से बबिता की सेवा करता है, यह देख कर बबिता को बहुत अच्छा लगता है, और वह अय्यर से कहती हैं कि, “तुम बहुत अच्छे हो। तुम मेरा कितना ख्याल रखते हो”।
तो अय्यर कहता है, “इसमें कौन सी बड़ी बात है बबिता? बेबी आई लव यू ना”। तो बबिता भी कहती है, “आई लव यू टू अय्यर”। फिर बबिता को कुछ अच्छा नहीं लग रहा था। उसे उल्टी जैसा महसूस हो रहा था। तो बबिता अय्यर से कहती है, कही वो एक रात में ही तो प्रेग्नेंट नहीं हो गई ना। तो अय्यर कहता है, “ऐसा नहीं होता बेबी, इतनी जल्दी प्रेग्नेंट नहीं हो सकती तुम। उसमें अभी थोड़ा टाइम लगेगा”। फिर वह बबिता का टेम्परेचर चेक करता है तो पता चलता है कि बबिता को हल्का बुखार था, जिसके कारण उसे उल्टी जैसा महसूस हो रहा था।
फिर वह बबिता को बुखार की दवाई देता है, और कहता है कि वह आज ऑफिस नहीं जाएगा, और पूरा दिन बबिता का ख्याल रखेगा। यह सुन कर बबिता बहुत खुश हो जाती है पर तभी अय्यर को एक फ़ोन आता है जो कि उसके ऑफिस से था, और वह उससे कहते हैं कि उसे आज ऑफिस आना ही पड़ेगा। क्योंकि एक बहुत इम्पोर्टेन्ट मीटिंग है। तो अय्यर कहता है सॉरी बेबी, उसे ऑफिस जाना पड़ेगा। तो बबिता भी कहती है, “ठीक है चले जाओ, मैं अपना ख्याल रख लूँगी”। पर बबिता थोड़ी उदास होती है। अय्यर नाश्ता करके चला जाता है, और बबिता दवाई लेकर आराम ही कर रही थी।
दोपहर के समय में उसकी डोरबेल बजती है। वह धीरे-धीरे लंगड़ाते हुए दरवाजे तक जाती है, और दरवाजा खोलती है तो सामने अंजलि खड़ी थी। अंजलि बबिता की ऐसी हालत देख कर चौंक जाती है। क्योंकि बबिता ने सिर्फ एक पिंक कलर की नाइटी पहनी हुई थी। उसके अंदर ब्रा और पेंटी भी नहीं थे। ब्रा के ना होने की वजह से बबिता की चूचियां साफ-साफ दिख रही थी, और उनके ऊपर मंगलसूत्र की वजह से लगा कट भी दिख रहा था।
साथ में ही बबिता की टांगें भी कांप रही थी दर्द की वजह से। वह ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही थी। इसलिए वह दरवाजे का सहारा लेकर खड़ी थी। उसका होठ भी फटा हुआ था। अंजलि समझ नहीं पा रही थी कि बबिता के साथ क्या हुआ। फिर बबिता अंजलि को अंदर बुलाती है और दरवाजा बंद कर लेती है। अब वो दोनों सोफे पर बैठी थी।
तब अंजलि बबिता से पूछती है, “क्या हुआ बबिता जी, आपकी ऐसी हालत क्यों है”? तो बबिता कहती है कि उसने अय्यर से बच्चे के बारे में बात की और अय्यर ने हाँ कह दी है, और कल रात अय्यर ने बच्चे के लिए उसे चोद दिया बुरी तरह से। बबिता उसे बताती है कि किस तरह कल रात अय्यर ने उसका बैंड बाजा सब बजा दिया, और उसकी क्या हालत हो चुकी थी।
बबिता अंजलि से कहती है कि उसकी चूत में बहुत ज्यादा जलन हो रही थी, और दर्द भी हो रहा था। तो अंजलि कहती है कि क्या वह देख सकती है। बबिता पहले थोड़ा शर्माती है पर क्योंकि अंजलि बबिता की बहुत अच्छी दोस्त थी, और कल उन दोनों ने साथ में ही तय किया था कि वो प्रेग्नेंट होंगी। तो बबिता कहती है, “ठीक है” और वह अपनी नाइटी खोल देती है। अंजलि उनकी चूत का हाल देखती है तो वह दंग रह जाती है।
बबिता की चूत का भोंसड़ा बना हुआ था, और बबिता के चूतड़ों पर अय्यर के थप्पड़ों के निशान थे जो बहुत जल रहे थे। फिर अंजलि पहले उन निशानों पर और बबिता की चूत में और बबिता की चूचियों पर बर्फ़ लगाती है जिससे बबिता को राहत मिलती है। फिर वह उन पर एलोवीरा जैल लगाती है, तथा साथ में बबिता को एक पेन किलर भी देती है, और कहती हैं कि अब बबिता को आराम करना चाहिए। फिर वह वहाँ से चली जाती है, और बबिता भी अपने कमरे में जाकर आराम करती है।
आज की कहानी को यहीं विराम देता हूँ। आशा करता हूँ कि आपको यह कहानी अच्छी लगी होगी। इसके फीडबैक के लिए आप मुझे ईमेल कर सकते हैं [email protected] पर और मैं ऐसी ही कहानियाँ लेकर आपके सामने आता रहूंगा। तब तक के लिए अपनी लाइफ को इंजॉय करते रहे।