बबिता जी की मां बनने की इच्छा-1

हैलो दोस्तों मेरा नाम अंकित गोयल है। मैं अपनी पहली कहानी लिखने जा रहा हूँ। आशा करता हूँ कि आपको अच्छा लगेगा। अगर आपको यह कहानी अच्छी लगे तो आप मुझे फीडबैक के लिए ई मेल करें। मैं ऐसे ही कहानियाँ लेकर आपके सामने हाजिर होता रहूँगा। तो आइये अब कहानी शुरू करते हैं।

अच्छा तो जैसा कि आप सब जानते हैं, कि गोकुलधाम की सारी महिलाएं माँ बन चुकी हैं, लेकिन सिर्फ बबिता और अंजलि ही हैं जिनके कोई अभी बच्चे नहीं हैं। इसलिए एक दोपहर अंजलि और बबिता आपस में एक-दूसरे से बात कर रही है, और वो सोच रही है क्यों ना अब वे भी माँ बन जाए। तो इस पर बबिता कहती हैं कि वो इस बारे में अय्यर से बात करेगी और अंजलि भी इस बारे में तारक से बात करने वाली थी।

रात के समय जब अय्यर ऑफिस से घर आता है तो बबिता उसे वेलकम करती है और फिर वो दोनों डिनर करने के लिए बैठ जाते हैं डिनर टेबल पर। बबिता थोड़ी शरमाती हुई अय्यर से कहती है कि क्यों ना उन्हें अब बच्चा कर लेना चाहिए। अय्यर एक-दम से चौंक जाता है और बबिता को कहता है “क्या!” इस पर बबिता कहती है कि हाँ उसने ठीक सुना।

वो प्रेग्नेंट होना चाहती है। फिर अय्यर थोड़ा सोचता है, और उसके बाद मान जाता है। वह बबिता को कहता है कि वह सोडा पीने जा रहा है, और जब वह वापस आएगा तो बबिता उसके लिए तैयार रहें। और ये कह कर वह सोडा पीने चला जाता है।