हैलो दोस्तों मेरा नाम राजेश है, और मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं। अपनी नौकरी के चलते मैं दिल्ली में हूं, और वहीं पर एक किराए के फ्लैट में रहता हूं। मेरी ऊंचाई 5 फीट 8 इंच है, और मेरे लंड का साइज 7 इंच है। रंग मेरा हल्का सावला है, और मैं प्रतिदिन व्यायाम भी करता हूं, तो मैं काफी फिट हूं। ये सेक्स कहानी मेरी कामवाली की चुदाई की कहानी है। चलिए अब मैं अपनी कहानी शुरू करता हूं।
जब मैं नया-नया फ्लैट में शिफ्ट हुआ था, तो सारे काम खुद करता था। इससे मेरे पास अपने लिए जरा भी वक्त नहीं बचता था। फिर मेरी मम्मी ने मुझे एक कामवाली रखने को कहा। मैंने बिल्डिंग के आस-पास वाली दुकानों पर जाके पूछा तो एक दुकान वाले ने कहा कि वो अपनी नौकरानी को मेरे घर भेज देगा।
फिर अगले दिन सुबह-सुबह एक औरत मेरे घर आई। उस औरत का नाम गीता था। वो कोई 35-38 साल की होगी। उसने मुझे बताया कि उसको उस दुकान वाले ने भेजा था, जिसको मैंने नौकरानी के लिए बोला था। गीता की ऊंचाई 5 फुट 3 इंच थी, और रंग उसका सावला था। उसका फिगर 36-32-36 होगा। मैंने उससे ज्यादा कुछ नहीं पूछा, बस घर का काम बताया, और तनख्वाह की बात की।
अगले दिन से वो काम पर आने लगी। क्योंकि उसके आने का और मेरे ऑफिस जाने का वक्त एक ही था, तो मैंने उसको घर की एक चाबी दे दी। वो मेरे पीछे से घर में आती, और सारा काम करके चली जाती। हमारा मिलना नहीं होता था, और ना ही मेरी कोई गंदी नजर थी उस पर। लेकिन फिर एक दिन चीज़ें बदलने लग गई।
रविवार का दिन था, और रविवार को मेरी छुट्टी होती है। तो मैं उस दिन घर पर होता हूं। गीता के काम पर लगने के बाद ये मेरा पहला रविवार था। मैं सोफे पर बैठा अखबार पढ़ रहा था। क्योंकि ये रविवार का अखबार था, तो उसमें हीरोइनों की फोटोज थी। उनको देख कर मैं मूड बना रहा था।
तभी दरवाजे की घंटी बजी, और मैंने दरवाजा खोला। गीता आई थी। दरवाजा खोल कर में वापस अपनी जगह पर चला गया, और गीता अपने काम में लग गई। गीता ने आज साड़ी पहनी हुई थी। उसका ब्लाउज काफी डीप गले वाला था। ये साड़ी उसकी अपनी नहीं लग रही थी, ऐसा लग रहा था किसी ने उसको दी हो। खैर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
फिर जब वो पोछा लगाने लगी, तब मेरा ध्यान उस पर पड़ा। वो नीचे बैठ कर हाथ से पोछा लगा रही थी। मेरा ध्यान सीधे उसके ब्लाउज में बंधे हुए उसके बड़े-बड़े स्तनों पर गया। उसके स्तन बड़े रसीले लग रहे थे, और ब्लाउज टाइट होने की वजह से बाहर आने की कोशिश कर रहे थे। स्तनों ने बीच की लकीर जिसको क्लीवेज कहते है देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया।
उसके बड़े स्तन देख कर मेरे मन में उल्टे-सीधे खयाल आने लगे। मैंने सोचा कि इतने दिन से वो इतना सेक्सी बदन लिए घर आ रही थी, और मेरा ध्यान उस पर कैसे नहीं पड़ा। मैं उसके स्तनों को लगातार घूरे जा रहा था। तभी वो दूसरी तरफ घूम गई, और अब उसको गांड मेरे सामने थी। उसकी गांड भी सेक्सी थी, लेकिन स्तनों के मुकाबले कम थी।
जितने वक्त वो घर में रही, मैं उसके जिस्म को घूरता रहा। शायद उसको भी इस बात का अंदाजा हो गया था कि मैं उसको घूर रहा था। लेकिन उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। फिर वो काम करके चली गई, और मैंने बाथरूम में जा कर उसके नाम का लंड हिलाया, और पानी निकाल कर उसको शांत किया।
अगले दिन से मैंने अपने काम पे जाने का वक्त बदल दिया। अब जब वो घर आती तो मैं उसको देखने के लिए घर पर ही रहता। ऐसा कुछ दिनों तक चलता रहा। अब तक तो वो भी अच्छी तरह से ये समझ चुकी थी, कि मैं उसको हवस भरी नजरों से देखता था। लेकिन जब भी उसकी और मेरी नजर मिलती, तो वो बस मुस्कुरा देती।
मुझे अब तक पता चल गया था कि अगर मैं उसके साथ कुछ करूं, तो वो मना नहीं करेगी। लेकिन मुझमें इतनी हिम्मत नहीं थी। पर फिर एक दिन मेरी हवस मेरी हिम्मत से कहीं ज्यादा बढ़ गई, और मैंने उसको चोदने का निर्णय लिया।
उस दिन गीता नीले रंग की सारी में थी, और उसने काले रंग का ब्लाउज पहना था। जब वो बाथरूम के सफाई कर रही थी, तो मैं पीछे से गया, और उसको कमर से पकड़ लिया। मेरे छूते ही वो एक-दम से हैरान हो गई। मैंने अपने दोनों हाथों से उसके स्तन पकड़ लिए, और उन्हें जोर-जोर से दबाने लगा।
वो बोली: साहब आप ये क्या कर रहे हैं?
मैं: गीता तुम्हारे इस सेक्सी जिस्म को देख कर मैं पागल हो गया हूं। अब मैं खुद को कंट्रोल नहीं कर सकता। प्लीज मुझे मत रोकना!
ये बोल कर मैंने उसको घुमाया, और अपने होंठ उसके होंठों पर चिपका दिए। अब मैं उसके रसीले होंठ चूसने लगा, और वो भी मेरा साथ देने लगी। होंठ चूसते हुए मैं उसकी जांघों को सहलाने लगा, और उसके चूतड़ दबाने लगा। धीरे-धीरे मैंने उसकी साड़ी खोल दी। अब वो ब्लाउज और पेटीकोट में थी, और काम की देवी लग रही थी।
फिर मैंने उसको दीवार के साथ पीठ के बल लगाया, और उसको ब्लाउज खींच कर निकाल दिया। उसने ब्रा नहीं पहनी थी, इसलिए उसके रसीले स्तन मेरे सामने थे। मैं जानवरों की तरह उसके स्तनों पर टूट पड़ा, और उनको मसल-मसल कर चूसने लगा। वो मदहोश होने लगी और आह आह आह करके आहें भरने लगी।
तकरीबन 10 मिनट तक मैंने उसके स्तनों को चूस-चूस कर लाल कर दिया। फिर मैं नीचे गया, और उसके पेट को चूमने लगा। उसके बाद उसके पेटीकोट का नाड़ा खोला, और उसको नीचे गिरा दिया। अब वो सिर्फ पैंटी में थी। उसकी नंगी जांघें देख कर मैं और उत्तेजित हो गया। मैं उसकी जांघों को चाटने लगा। वो बस आह आह कर रही थी।
फिर मैंने उसकी पैंटी नीचे की, और उसकी गीली चूत मेरे सामने आ गई। चूत देखते ही मैंने अपना मुंह उसकी चूत पर लगाया, और उसको चूसने लगा। वो मेरे सर को चूत में दबाते हुए आह आह करने लगी। कुछ देर चूत चूसने के बाद मैंने उसको गोद में उठाया, और अपने बिस्तर पर ले गया।
मैंने उसको बिस्तर पर फेंका, और आपके कपड़े उतारने लगा। जैसे ही मेरा बड़ा लंड बाहर निकला, वो मेरे लंड पर झपट पड़ी। उसने लंड मुंह में डाला, और उसको चूसने लग गई। मैं भी धक्के मार कर उसका मुंह चोदने लगा। फिर मैंने उसको सीधी किया, और उसकी टांगों के बीच आके अपना लंड उसकी चूत पर सेट किया।
लंड सेट होते ही मैंने जोर का धक्का मारा जिससे लंड एक ही बार में पूरा अंदर चला गया। उसकी चीख निकली, और मुझे उसकी गरम चूत की गरमी का मस्त एहसास होने लगा। मैंने लंड अंदर-बाहर करके उसकी चुदाई करनी शुरू कर दी। वो आह आह कर रही थी, और अपने स्तन दबा रही थी।
मैं उसके होंठ और स्तनों को चूसते हुए उसकी चूत की चुदाई करे जा रहा था। कुछ देर बाद मैंने उसको कुतिया बनाया, और पीछे से उसकी चूत चोदने लगा। बड़ा मजा आ रहा था। 30 मिनट मैंने तसल्ली से उसकी चुदाई की। इस दौरान वो 2 बार झड़ चुकी थी। फिर मैंने भी अपने लंड का पानी उसकी चूत में निकाल दिया।
उस दिन से अब तक गीता मेरी सेक्सी रंडी है। Xxx कामवाली की चुदाई कहानी का मजा आया हो तो कमेंट जरुर करें।