दोस्तो मेरी हिंदी सेक्स कहानी शुरू करने जा रहा हूं। मेरी एक बड़ी साली है, जो मेरी पत्नी रिया से चार साल बड़ी है। उनका नाम रजनी है। उनकी उम्र करीब 36 साल है। वो देहरादून में रहती है। उनका पांच साल का एक बेटा है। उनके पति की मृत्यु करीब तीन साल पहले एक रोड ऐक्सिडेंट में हो गई थी।
एक बार वो हमारे यहां कुछ दिनों के लिए बेटे के वेकेशन में आई हुई थी। मैं उन्हें दीदी बुलाता था, क्योंकि वो रिया की बड़ी बहन थी। मैं उनकी बहुत इज्जत करता था।
एक दिन रात को रिया मुझसे बोली: आपको मेरा एक काम करना है। थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन करने में आसान है।
मैं बोला: कोन सा काम है ऐसा?
वो बोली: आप प्रोमिस करो कि आप मना नहीं करेंगे।
मैं बोला: काम तो बताओ, मुझे सस्पेंस में डाल रही हो।
वो काफी देर झिझक के बाद बोली: आपको मेरे अलावा किसी को चोदना है।
मैं ऐसा उसके मुंह से सुन कर शॉक हो गया। मैंने सोचा मैंने कई लड़कियों को रिया के अलावा चोद रखा था, कहीं इसे पता तो नहीं चल गया था?
मैं बोला: यार तुम ये क्या बोल रही हो, कुछ पता है?
वो बोली: डियर मान जाओ।
उसके काफी रिक्वेस्ट करने के बाद मैं माना। फिर बोला: किसे चोदना है?
वो बोली: रजनी दीदी को।
मुझे तो एक जोरदार झटका लगा।
मैं बोला: ये तुम क्या बोल रही हो? पागल हो गई हो?
वास्तव में दोस्तों मुझे रजनी दीदी के लिए कभी भी गंदा खयाल नहीं आया था।
रिया ने बताया कल दीदी ने उसे बोला था कि: रिया मेरे पति को मरे हुए तीन साल हो गए हैं। अभी ऐसी उम्र तो है नहीं कि सेक्स बंद कर दिया जाए। आखिर शरीर की भी भूख होती है। यार और कुछ नहीं तो अरुण से ही चुदवा दे।
रिया ने उनकी हालत को देखते हुए काफी हिम्मत करके मुझे इस बारे में बात की थी। रजनी दीदी और रिया आपस में खुली हुई थी। ये दोनों सभी तरह की बातें आपस में करती थी। तो रजनी को भी हमारी सेक्स लाइफ के बारे में सब पता था। हमारी शादी के बाद भी रजनी ने ही रिया को सेक्स के बारे में सब कुछ बता कर भेजा था, रिया ऐसे मुझे बताती थी।
उस रात को रिया और रजनी दोनों बेड पर आ कर लेट गई। रिया मेरे साथ में लेटी थी, और रजनी उसके साथ में लेट गई। थोड़ी देर में रिया ने मुझे छेड़ना शुरू कर दिया। उसकी छेद-छाड़ से मेरा लंड खड़ा हो गया। रिया ने अपनी साइड से रजनी का हाथ पकड़ कर मेरे लंड पर रख दिया।
आज दोनों बहनों की चूत एक साथ मारने वाला था। मेरे लंड पर जैसे ही रजनी का हाथ लगा, रजनी ने अपनी आँखें बंद कर ली।
रिया बोली: दीदी अब स्टार्ट मैंने करवा दिया है। बाकी आप लोग खुद देख लो। मैं दूसरे कमरे में जा रही हूं।
अब रिया वहां से चली गई। तभी मैंने बेड पर रजनी को पकड़ लिया। वो भी मेरे से आ कर चिपट गई, और मेरे सीने से लग गई। वो मुझे चूमने लगी।
वो बोली: अरुण आज मेरे अंदर जो आग लगी है उसे ठंडा कर दो।
उसने कस कर मेरे लंड को अंडरवियर से निकाल कर पकड़ लिया। ऐसे लगा मानो ये इसे उखाड़ डालेगी। मैंने भी उनकी नाइटी ऊपर उठा ली थी। वो नीचे से बिलकुल नंगी थी, और चूत को शायद आज ही शेव किया था। वो एक-दम चमक रही थी।
अब मैंने उनकी नाइटी उतार दी, और अपनी बनियान भी उतार दी। हम दोनों बिलकुल नंगे हो गए। वो तुरंत मेरे उपर चढ़ गई, और मुझे उपर से नीचे तक चूमने लगी। धीरे-धीरे वो चूमती हुई मेरे लंड पर आ गई, और वो मेरे लंड को कुल्फी की तरह चूसने और चाटने लगी। मैं अपने हाथों से उसके सर को पकड़ कर लंड पर दबा रहा था।
वो बोली: अरुण आज तुम कुछ नहीं करोगे। सिर्फ चूत को चोदोगे, बाकी सब मैं करूंगी।
मैंने ओके बोल दिया। वो लगातार लंड को पंद्रह मिनट तक चूसती रही, और उससे खेलती रही।
तभी वो बोली: अरुण अब रुका नहीं जा रहा। तुम अपना लंड मेरी चूत में फसा कर फाड़ दो।
मैं उठा और वो सीधी लेट गई। वो सारी हरकते रिया की तरह करने लगी। रिया को मेरा चूसना पसंद नहीं है। लेकिन मैं चुसवाने से बहुत खुश होता हूं। उसे पता था, तो उसने सबसे पहले मुझे खुश करने के लिए वही काम किया।
अब मैं उसके ऊपर आ गया, और उनको उपर से नीचे तक पूरा चूसा। फिर चूत के पास आकर उसको जीभ से चोदने लगा। वो तिलमिला उठी, और मेरे मुंह को जोर से चूत पर दबा लिया। उनकी चूत गीली हो गई थी। मैंने उनकी चूत में उंगली भी की। चूत थोड़ी टाइट थी, क्योंकि उन्हें चुदे हुए काफी टाइम हो गया था।
मैंने अपने लंड को चूत के छेद पर सेट किया, और एक धक्के में पूरा उनकी चूत में उतर दिया। वो चिल्लाए जा रही थी। उनकी आवाज सुन कर रिया रूम में आ गई। उनकी आखों से आंसू आ रहे थे।
रिया बोली: मैंने कहा था ना ये बेदर्द फाड़ डालेगा, लेकिन आप मानी नहीं।
वो बेड के सिरहाने आ कर बैठ गई।
रजनी बोली: तुम यहां से जाओ, मुझे शर्म आ रही है।
लेकिन रिया उठी नहीं, और मेरे सर पर हाथ फेरने लगी। मैं लगातार रजनी को चोदे जा रहा था। अब रजनी भी अपने चूतड़ उपर उठा-उठा कर मेरा पूरा साथ दे रही थी। रिया भी हम देख कर गरम हो गई। वो मेरी पीठ पर अपनी जीभ फिराने लगी, और बिलकुल नंगी हो कर मेरे उपर चढ़ गई। मैं सैंडविच की तरह दोनों बहनों के बीच में फस गया।
मैं झड़ने वाला था, तो मैं रिया से बोला: कहां निकाल दूं।
रिया बोली: जिसकी चूत में डाल रखा है, वहीं डालो, और क्या मेरी में डालोगे!
मैंने अपना पूरा वीर्य रजनी में चूत में ही छोड़ दिया। वो बहुत खुश थी।
मैं बोला: रजनी मेरी जान, अब मेरा दुबारा खड़ा करो। तुम्हारी बहन की खुजली भी मिटानी है।
रिया मुस्कुरा रही थी। वो बोली: दीदी आया मजा?
रजनी बोली: थैंक्स रिया मुझसे अरुण को बांटने के लिए।
फिर रजनी ने मेरा वापस चूस कर खड़ा कर दिया, और वो वहां से चली गई। फिर मैंने रिया को जी भर कर पेला। रजनी के वहां से वापस जाने तक हम तीनों ने मिल कर कई बार सेक्स किया। कभी-कभी रिया रजनी को अकेले मेरे लिए छोड़ देती थी।
फिर रजनी वापस देहरादून चली गई। अब मुझे जब भी मौका मिलता है, मैं रजनी को चोद देता हूं। इससे रिया को भी कोई तकलीफ नहीं है। वो अपनी बहन को खुश देखना चाहती है।
मैंने कई बार रजनी को उनके घर पर भी चोदा है। रिया और रजनी अब सेक्स के टाइम पर दोनों मुझे ज्वाइन करती है, और खूब मजा लूटती है। हम तीनों अपने रिश्ते से खुश है। मुझे और क्या चाहिए, दो-दो औरतों का प्यार एक साथ मिल रहा है, वो भी दोनों की सहमति से।
लेकिन मुझे तो और भी चूत को चोदने की तलब लगी रहती है। बाहर भी मैं कई सारी सहेलियों को चोद चुका हूं। और भी कोई नई चूत मिल जाए इसी फिराक में रहता हूं। मेरी बॉडी को देख कर कोई भी लड़की और औरत मुझ पर फिदा हो जाती है।
तो दोस्तो आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी बताना जरूर।