बस में मिली पूनम से हुआ सेक्स-1

दोस्तों, मेरी नई सेक्स स्टोरी आप लोगों के लिए हाजिर है। ये एक सच्ची घटना है, और मैं फेक चीजे शेयर करना खुद भी पसन्द नहीं करता हूं। उम्मीद है ये कहानी भी आपको पहले की तरह से फील देगी। ये घटना पिछले नवम्बर की है, जब मेरा CTET का पेपर होना था। मेरा सेंटर बनारस गया हुआ था।

फिलहाल मैं अकेले ही जा रहा था। पेपर सुबह 8 बजे से था, तो एक दिन पहले ही निकलना था। वरना प्रयागराज से बनारस समय पे ना पहुंच पाते। ये भी समझ गए थे कि रात कहीं होटल लेके रुकना ही पड़ेगा सोने के लिए।

फिलहाल हम एक दिन पहले ही शाम को 4 बजे घर से निकल गए, क्योंकि बस से जाना था, 8-9 बजे रात तक पहुंच के रूम भी लेना था रात बिताने के लिए। बस अड्डा पहुंचा तो देखा काफी लड़के-लड़कियां पेपर देने जाने के लिए बस का वेट कर रहे थे।

पता चला कि बस 6 बजे शाम तक जनरथ जाएगी, तो मैं उसी में जाने के लिए एक जगह बैठ के इंतजार करने लगा। थोड़ी ही देर में एक लड़की मेरी ही उम्र की रही होगी, एक 10-12 साल के लड़के के साथ वहीं आके बैठ गई। मैं उसे देखा। वो बैग पकड़े हुए थी, और वो शायद उसका छोटा भाई था साथ में ऐसा गेस लगाया।

मैं उसे देख रहा था चोरी-चोरी। काफी अट्रैक्टिव फिगर था उसका। उसने सफर करने के लिए लोवर और टी-शर्ट और स्पोर्ट जूते पहना हुए थे। ऊपर से एक जैकेट थी। काफी सुंदर लग रही थी। हाथ में दोनों के चिप्स का पैकेट और पानी की बोतल भी थी।

मुझे अंदाजा लगा कि हो ना हो इसका भी पेपर ही होगा। खैर मैं उसकी हरकतों को चोरी-चोरी देख रहा था। वो भी भाई के साथ बैठ गई। उसकी लोअर काफी चुस्त थी दोस्तों, इसलिए उसकी कमर के नीचे का हिस्सा आगे का और पीछे का काफी सेक्सी नजर आ रहा था। अगर सच कहूं तो अंदाजन 36-24-36 जैसा ही सेक्सी फिगर रहा होगा।

उसने गोल फ्रेम का चश्मा लगाया था, जिससे पता चलता था कि वो पढ़ाकू टाइप थी। 5 मिनट बाद उसने बैग से एक पेपर निकाला, और फ़ोन पे किसी से बात की।

उसने बोला फ़ोन पे: पापा मैं चिंटू के साथ बनारस जा रही हूं। कल पेपर है।

तो मैं खुश हो गया कि मेरा गेस सही निकला। फिर उसने अपने सेंटर का नाम बताया पापा से अपने, तो मुझे लगा कि कुछ सुना-सुना सा था। 2 मिनट बाद अचानक मैंने भी अपना एडमिट कार्ड निकाल के देखा तो याद आया अरे ये तो सेम उसी कॉलेज का नाम ली, जो मेरा भी सेंटर थी।

मैं तो अब और खुश हो गया कि चलो अब साथ में ही जायेंगे भले खटारा बस में ही जाना पड़े। खैर उसकी बात खत्म हुई तो मैं ही पूंछ लिया कि-

मैं: आपने जो कॉलेज का नाम लिया, बनारस में वही सेंटर है क्या आपका?

तो बोली: हां आपका भी है क्या?

तो मैं भी मुस्कुरा के बोला: हां जी सेम उसी में मेरा भी गया है।

तो वो भी थोड़ा जैसे खुश हुई। फिर हम बातें करने लगे तो उसने बताया कि वो पहली बार बिना पापा के पेपर देने जा रही थी, इसीलिए चिंटू को लेके निकली थी।

मैं बोला: हां कोई बात नहीं। अब तो हम भी साथ है। एक ही जगह जाना है, और फिर वापस भी यही आना है।

वो बोली: आपका कोई वहां रहता होगा बनारस में ना?

तो मैं बोला: नहीं मैं भी अपने भरोसे जा रही हू़ं। कोई नहीं वहां मेरा।

तो फिर कुछ देर बाद वो चिप्स मेरी तरफ ऑफर की। मैं उसको थैंक्स बोला और एक चिप्स लिया पैकेट से। मैं उसका एडमिट कार्ड लेके देखने लगा क्योंकि मुझे उसका नाम पता करना था। उसका नाम पूनम दुबे था‌। उसमें उसका नम्बर भी लिखा। नाम देख के दे दिया उसको एडमिट कार्ड मैंने।

वो बोली: अपना दिखाइए।

तो मैं मोबाइल में ही उसको दिखा दिया pdf  खोल के, तो वो पहले सेंटर का नाम देखी, फिर साइड करके नाम भी देख ली।

फिर मुस्कुरा के बोली: नीरज हो आप?

हम बोले: हां, आप पूनम हो?

तो बोली: आप नाम के लिए मांगे थे एडमिट कार्ड?

मैं बोला: नहीं तो।

वो बोली: पूंछ लेते तो भी मैं नाम बता देती ना आपको।

मुझे अच्छी लगी उसकी ये बात सच में।

मैं बोला: पूनम जनरथ से चलना उसमें भींड़ कम होगी।

तो बोली: किराया ज्यादा होगा ना।

मैं बोला: हां थोड़ा सा होगा पर मैं उसी में जाऊंगा।

तो वो कुछ सोच के बोली: ठीक है हम भी चलेंगे जनरथ से ही।

अब थोड़ा सुकून मिला हमें। कुछ देर बात करते-करते चिंटू भी घुल मिल गया हमसे। वो मेरा फ़ोन लेके कार्टून देखने लगा तो पूनम ने मना किया कि-

पूनम: गन्दी बात चिंटू, उनका फ़ोन देदो, नहीं तो पापा से शिकायत करूंगी मैं।

तो वो दे दिया बेचारा डर के। खैर आधे घंटे ऐसे ही एक-दूसरे से बात करते-करते भीड़ थोड़ा कम होने लगी थी, और उसी बीच जनरथ बस अपनी जगह पे आके लग गई। तो हमने तुरन्त पूनम को इशारा किया बस आ गई। फिर हम तीनों ने फटाफट बस में जाके सबसे पीछे की सीट रिज़र्व कर ली, और अपने अपने बैग ऊपर रख दिये।

फिर मैं बोला: पूनम बैग देखना, मैं कुछ खाने के लिए लेके आता हूं। वरना 3 घंटे जनरथ रुकेगी नहीं।

मैं नीचे उतर के गया, और खाने के लिए 6 समोसे लिये। साथ में स्पेशल इलायची वाली 2 कुल्हड़ चाय भी लाया, और एक पानी को बोतल भी। मैं वापस गया तो देखा कि वो चिंटू को परांठे पर जैम लगा के दे रही थी, क्योंकि उसको सोना था बस में। उसने देखा समोसे लाया हूं, तो एक समोसा चिंटू ले लिया फटाक से, तो पूनम हंसने लगी।

मैं बोला: पूनम चाय पी लो, नहीं तो ठंडी हो जाएगी। बाद में साथ में समोसे खाएंगे साथ में।

उसने चाय ली, और थैंक्स कहा।

मैं बोला: मोस्ट वेलकम पूनम जी।

खैर चिंटू खा-पी कर अब तो गया बस में एक किनारे। दोस्तों जनरथ की 2 सीट भी इतनी बड़ी होती हैं, कि आराम से 3 लोग बैठ सकते हैं।

हम समोसे खा रहे थे, तो उसकी मम्मी का काल आने लगा। उसने मुझे उंगली होंठो पे रख के चुप रहने का इशारा किया। मैं समझ गया।

उसने बात की और बताया: मम्मी एक लोग परिचित के मिल गये हैं। उनका भी सेंटर मेरे ही सेंटर पे है।

फ़ोन स्पीकर पे था, तो मैं सुना मम्मी बोली: चलो अच्छा है, फिर तो साथ में ही रहना उनके, और साथ में ही जाना।

मम्मी उसकी बोली: बात करवा दो मेरी उनसे।

तो वो मुझसे बोली: लो बात कर लो आप।

मैं बोला: हेलो आंटी नमस्ते।

वो बोली: बेटा पूनम को कैसे जानते हो?

अब मैं समझ नहीं पाया क्या जवाब दूं। अचानक से निकल गया मुंह से-

मैं: आंटी हम लोग क्लास 12th में साथ कोचिंग में थे।

तो बोली: अच्छा बेटा, तब तो कोई दिक्कत ही नहीं। ध्यान देना बेटा अपना समझ के। इसके पापा नहीं जा पाए।

मैं बोला: आंटी फिक्र ना करिए। साथ में जा रहे हैं, साथ में वापस आएंगे।

फिर फ़ोन कट गया। अब आधा घंटा बीत गया। ऐसे होते करते तो बस भी लगभग फुल हो गई थी।

मैं बोला: पूनम रात में कहां रुकने को सोची थी?

वो बोली: स्टेशन पे।

मैं बोला: पागल हो? इतनी ठंड में स्टेशन पे। वो भी चिंटू को लेके।

तो वो बोली: आप कहां रुकोगे?

मैं बोला: एक सस्ती होटल है जान-पहचान की। कई बार गया हूं वहां, तो वहीं जाऊंगा इस बार भी। आपकी मम्मी ने बोला भी है साथ में रहना मेरे, तो साथ में चलना पड़ना अब।

तो बोली: अच्छा ऐसे-कैसे?

मम्मी से बोल दी हूं कि जान-पहचान के हो, पर सच में थोड़ी ना जानती हूं जो आपके साथ रूम शेयर करूंगी रात में।

मैं बोला: ठीक है उतर जाओ। दूसरी बस लेलो। ये वाली महंगी भी है।

तो बोली: नहीं उतरने वाली तो कोई बात नहीं है। साथ में ही चलना है।

खैर ऐसे ही हंसी-मजाक के बीच सफर शुरु हुआ। साथ में बैठ गए थे एक-दूसरे के और शरीर से शरीर छू रहे थे पर वो बुरा नहीं मान रही थी। मेरी साइड से हाथ उसके बूब्स को भी लग जाते तो वो बस हमें देख के नज़र नीचे कर लेती हर बार।

इसके आगे की कहानी आपको अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगी। कहानी पर कमेंट करके अपनी राय जरूर दें।

अगला भाग पढ़े:- बस में मिली पूनम से हुआ सेक्स-2

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