दोस्तों मेरा नाम मनोज है। ये मेरी बहन की चुदाई की कहानी है। मेरे परिवार में पापा-मम्मी, बड़ी बहनें चुदक्कड़ सपना, गांडमरी मीनाक्षी, और छोटी रंगली रंडी चंचल, ये तीनों बहनें मेरे सर से चूत चुदवाती थी। मेरी प्यारी बहन अंकिता प्रजापत, उसका बदन मस्त गठीला और गौरा है। बूब्स चुदाई का आमंत्रण देते हैं। मैं कई बार बाथरूम में उसके नाम की मुठ मारता था।
दोस्तों मेरी बहन जो कि मेरी बीवी जैसी है, उसे आप कोई देख लो तो पक्का चोदने की मन में आएगी। खैर किसी को भी मन में आये तो जरूर बताना। मैं आज आपको मेरे जीवन की सच्चाई बता रहा हूं कि मैंने अपनी बहन की पहली चुदाई कैसे की।
बात यू थी कि मम्मी-पापा और भैया गांव शादी में गए थे, और इधर मैं और मेरी बहन जो कि अब मेरी पत्नी जैसी है, दोनों थे।
इधर हमारे घर मे एक कुत्ते का जोड़ा है। वो दोनों हीट में थे, और मैं उनका सम्भोग करवाने की कोशिश कर रहा था। दोस्तों मेरी नज़र चुपके से मेरी जान अंकिता पर गयी। दोस्तों उसकी उभरी हुई चूचियां मस्त लग रही थी। वो अपनी चूत पर हाथ रगड़ते हुए कुत्तों का मिलन देख रही थी। दोस्तों मेरा लंड तन गया। मैंने मन में सोच लिया बस आज तो अंकिता की गांड मारनी थी।
मैंने अपने कपड़े उतारे (बस चड्डी पहने रखी) और पीछे कमरे से होते हुए मेरी मेरी बहन की गांड से चिपक कर कहा-
मैं: देखो भाई बहन का प्यार ऐसे होता है।
और उसकी चूत पर हाथ से दबाया। मेरा लंड गांड में दबने से और चूत दबने से वह बोली-
अंकिता: क्या भैया, पागल हो? लोग देख लेंगे तो?
मैंने बोला: चलो अंदर।
उसने धक्का देकर मुझे गिरा दिया, और अंदर भाग गई। फिर खिड़की में से चोरी-छुपे मुझे देखने लगी। मैंने जान-बूझ कर लंड निकाला और मुठ मारने लगा।
बहन जोर से डांटने लगी और बोली: पागल क्या कर रहे हो?
तो मैंने अंदर जाकर कहा: कुत्ते भी तो भाई-बहन है। मैं कुत्ता बनना चाहता हूं।
और अंकिता के गालों पर हाथ रख कर होंठों पर किस्स किया। उसने फिर ऊपरी मन से मना किया, और धक्का दिया, और हसने लगी।
मैं कमरे में चला गया और बोला: मुझे चाय नहीं पीनी।
फिर अंकिता कमरे में चाय लेकर आई। मैं अंडरवियर में ही था, और मेरा 7 इंच का लंड फ़नफना रहा था। दीदी मेरे लंड के पास बैठ कर बोली-
अंकिता: लोग देख लेते तो?
तभी मैं बोला: मैं बताऊं कहता कि मेरी बीवी मैं जानू, तुम्हें क्या?
और दीदी को खींच कर अपने ऊपर ले लिया। वो ऊपरी मन से मना करने लगी, और मुझे एक थप्पड़ मार कर अपने से दूर कर दिया। मैंने सोचा कि कहीं सभी को कह ना दे। फिर मैं अपने कमरे में चला गया, और वो अपने कमरे में। शाम को अंकिता ने खाना खाने बुलाया तो मैंने मना किया। तो वह मेरे कमरे में आई। मैं सिर्फ चड्डी में सोया था।
उसने एक-दम ट्रांसपरेंट और पिंक मैक्सी पहन रखी थी। मैंने देखा तो लंड एक-दम तन गया। खाना खाते समय उसके मैक्सी के बटन खुले होने से उसकी बूब बाहर आने को तड़प रहे थे।
उसी समय उसने मुझे पूछा: भैया चंचल और सर को तुमने कभी देखा है?
तो मैंने कहा: वो तो देखते है ना।
तो वो बोली: नहीं, वैसे जैसे वो आप सुबह मेरे साथ करना चाहते थे।
मैंने कहा: क्या?
तो वो बोली: चुदाई।
इस पर मैंने कहा: सर चंचल के ऊपर सोये हुए थे। सर का लंड चंचल की गांड पेल रहा था। वे सपना और मीनाक्षी को भी अपनी बीवी मान कर चोदते है। मेरी तो बस तुम हो।
तो उसने बोला: मुझे डर लगता है, और आप मुझे पहली बार करोगे, आपको कोई एक्सपीरियंस भी नहीं।
तो मैंने उसे कहा: मुझे है।
तो उसने पूछा: कैसे?
तो मैंने बताया: सर ने एक बार सपना दीदी को चोदा था, तो पहले उन्होंने कई साइट में से 2 या 3 फिल्में दिखा कर चुदाई की। फिर मेरा सपना दीदी को मालूम चल गया, तो उन्होंने मुझसे 7 या 8 बार चुदाई करवाई और गांड मरवाई। सपना मुझे पूछती भी है कि कोई है तुम्हे पसन्द। तो मैंने एक बार बात में कहा था तुम्हारा। तो सपना ने कहा था कि तुम्हें गांव नहीं ले जाएंगे, उस दिन चोद लेना तेरी रंडी को।
इस पर अंकिता ने कहा: तभी सपना ने मुझे कॉन्डम दिया था।
मैंने कहा: अब रहा नहीं जाता। आओ अंदर चलो।
इतना कह कर उसे गोद में उठा कर कमरे में ले गया, और लैपटॉप चालू करके सेक्स साइट लगाकर फ़िल्म दिखाना शुरु किया। फिर मैंने बिना कुछ सोचे उसकी मैक्सी को फाड़ दिया, और बिस्तर पर सुला लिया। अब मेरी बीवी हो तुम कहते हुए उसके ऊपर चढ़ गया, तो उसने मुझे थप्पड़ लगाया, और भाग गई। मैं भी उसके पीछे गया, और नीचे गिरा कर, ऊपर चढ़ कर चोदनी की कोशिश करने लगा।
मैंने उसकी मैक्सी, चड्डी, और ब्रा फाड़ कर अलग कर दी। उसकी गर्म गुलाबी चूत मुझे बुला रही थी। मैं उसकी चूत चाटने लगा। 10 मिनट में वह झड़ गयी। मैंने उसका मूत चाट लिया। फिर मेरे सांप जैसे लंड को उसकी चूत पर रगड़ना चालू किया, तो उसने तड़पते हुए मुझे अपने ऊपर खींच लिया। बस मैंने आव देखा ना ताव, मेरे बाहुबली लंड को मेरी बहन की चूत पर रख कर जोर से दबाया।
लंड का टोपा चूत में घुसते ही वो दर्द से चिल्लाने लगी। मैं हाथों से बूब मसलने लगा, और जोर से एक झटके में लंड अंदर घुसा दिया। वह दर्द से तड़पने लगी, और बोली-
अंकिता: भैया आह, निकाल लो आह, दर्द हो रहा है। सहन नहीं हो रहा आह।
उसकी मधुर सिसकारियां कमरे में मस्ती बढ़ा रही थी।
मैंने कहा: जान बस हो गया, थोड़ा सा और।
फिर एक झटका और देकर मेरे 7 इंच के लंड को मेरी बहन के चूत के सागर में डुबो दिया। लगातार 22 मिनट तक चूत चोद कर मैंने कहा-
मैं: लंड चूसोगी या माल चूत में छोड़ दूं?
इस पर वह दर्द से कहराते हुए बोली: मेरी चूत में ही रहने दो मेरी जान। बस थोड़ा और मजा लेलो।
मैंने स्पीड बढ़ा दी, और पूरा वीर्य चूत में छोड़ दिया। फिर उसके नरम शरीर पर निढाल हो गया। वो थोड़ी देर बाद बाथरूम में अपनी चूत धोकर चाय बना कर लायी, और मेरे पास बैठ गयी।
मैंने पूछा: कैसा लगा?
तो वह मेरे लंड को मुह में लेकर चूसते हुए बोली: आई लव यू।
फिर मैंने कहा आओ, तो वह बोली मुझे रॉकेट पर बैठाओ ना। मैंने चाय पीकर उसे लंड चुसाया और मैं उसकी चूत और गांड चाटने लगा।
मैंने पूछा: अब दर्द कितना हैं?
तो वो हसने लगी। मैंने उसको अपने पास सुला कर उसे कहा-
मैं: अब तुम मेरी बीवी हो।
और उसके बूब चूमने लगा। वह भी मेरा साथ देने लगी। दोस्तों लंड थोड़ी देर में रंगत में आया, और उसे मैंने लंड पर बिठाया। दर्द के कारण वो उठ कर भागने लगी। तब मैंने उसको पकड़ा, और बिस्तर पर उल्टा लिटा कर उसकी गांड भी चोदी। पहले वो बहुत चिल्लाई, लेकिन फिर मजा लेने लगी। इस तरह से मैंने अपनी बहन की चूत और गांड दोनों की चुदाई की।
दोस्तों मेरी बहन की चुदाई कहानी पर अपने विचार ज़रूर सांझे करें।