काजल अपनी जिंदगी के पहले मजे का किस्सा सुना रही थी जो उसने पंद्रह साल की उम्र में उंगली को अपनी चूत में डाल कर लिया था।
काजल बता रही थी,”इसके बाद एक हफ्ता तो मैं दिन में दो दो बार भी चूत में उंगली करती रही और मजे लेती रही। मेरा खाना बंद हो गया। मम्मी को लगा मैं बीमार हूं। वो मुझे लेडी डाक्टर के पास ले गयी”।
“लेडी डाक्टर ने मुझे पूरी तरह चेक किया और मम्मी को बाहर जाने के लिए बोल दिया। मेरा सब कुछ चेक करने के बाद डाक्टर ने मेरी चूत को भी चेक किया”।
“फिर डाक्टर ने मुझे बिठाया और मुझसे बोली,” देखो बेटा तुम जो कुछ भी कर रही हो वो गलत नहीं है। तुम्हारी उम्र की लड़कियां अक्सर ये करती हैं I लेकिन तुम जो कर रही हो वो थोड़ा कम करो, आराम से करो। तुम्हें कोइ नहीं रोकेगा”।
“फिर डाक्टर ने मम्मी को बुलाया और कहा “कुछ नहीं है लड़की बड़ी हो रही है और इसमें कुछ कुदरती बदलाव आ रहे है। मैं आपके घर का माहौल तो नहीं जानती, मगर आप इसकी भावनाओं को समझें और इससे खुल कर बात करें। इसे किसी तरह की किसी भी तरह की दवाई की जरूरत नहीं”।
“और वरुण, डाक्टर से इस मुलाकात के बाद अपने आप ही मैंने अपनी चूत में ऊंगली कर के मजा लेना कम कर दिया। मेरा खाना पीना भी नार्मल हो गया I लेकिन मेरी मम्मी, तुम्हारी मौसी को ढेले भर की भी अकल नहीं आयी”।
“अगले दिन मुझे मम्मी से बड़ी शर्म आ रही थी। मगर मम्मी को तो जैसे कोइ फरक ही नहीं पड़ा था। ना उसने इस बारे में कोइ बात की ना ही उस तरह की फ़िल्में देखनी बंद की”।
“वरुण ये जो फिल्म के बीच में मम्मी उठ कर जाती है न, ये अपनी चूत में उंगली करके चूत का पानी छुड़ाने के लिए जाती है। यह भी मैंने अपनी आँखों से देखा है। मुझे कुछ खटका सा तो था कि मम्मी को एकदम क्या होता है जो उठ कर चली जाती है”।
“एक दिन जब ऐसा ही गंदा सा सीरियल चल रहा था तो एक सीन के दौरान मम्मी अपनी मैक्सी के ऊपर से बार बार मम्मी अपनी चूत छू रही थी। फिर एकदम मम्मी उठी और अंदर कमरे में चली गयी”।
“मैंने सोचा आज देखती हूं ये मम्मी करती क्या है। दरवजा बंद करने कि तो मम्मी कि आदत ही नहीं है – कोइ कुछ भी देखता है तो देखता रहे। मैंने देखा, मम्मी बिस्तर पर लेटी हुई है और अपनी मैक्सी में हाथ डाल कर चूत में उंगली कर रही है। मम्मी कि आखें बंद थी और मुंह से अजीब अजीब सी आवाजें निकाल रही थी”।
“मुझ से ये नहीं देखा गया। मेरी अपनी चूत में कुछ कुछ होने लगा। मैं तो अपने कमरे में चली गयी और दरवाजा बंद करके अपनी चूत में उंगली कर के अपनी चूत का पानी छुड़ाया”।
मैंने काजल को कहा, “लेकिन काजल अगर तुम्हे इतनी चुदाई कि इच्छा होती है तुम किसी लड़के के साथ दोस्ती क्यों नहीं कर लेती”?
काजल बोली, “कैसे करूं दोस्ती वरुण और किससे”?
“मेरा कालेज लड़कियों का कालेज है। कालेज की बस से जाती हूं कालेज की बस से ही आती हूं”।
“वो सामने वाले कपूर अंकल का बेटा है राहुल, तुम्हारी उम्र का ही होगा। वो आता था पहले हमारे घर और मुझे देखता भी था, मुझ पर लाइन मारता था। मुझसे बात करता था। मेरी चूचियों की तरफ देखता था I मम्मी ने पता नहीं क्या उसे पट्टी पढ़ाई कि अब वो मम्मी से ही बात करता है मेरी तरफ देखता भी नहीं” I
“आता भी है तो बहाने से सीधा मंम्मी के कमरे में चला जाता है। अगर कभी मम्मी यहां बैठी होती है तो वो उठ कर अपने कमरे में चली जाती है। पीछे पीछे राहुल पूंछ हिलाता हुआ उनके कमरे में ही चला जाता है। फिर दोनों वहीं बैठे रहते हैं आधा आधा एक एक घंटा”।
“कभी कभी मुझे तो लगता है मम्मी ने उसे भी पटा लिया है और उससे भी चुदाई करवाती हैं”।
“मम्मी का कपूर आंटी – नेहा आंटी – के घर आना जाना है। नेहा आंटी और मम्मी एक ही उम्र कि हैं 44 – 45 साल कि । कपूर अंकल भी 46 – 47 साल के होंगे – एकदम तंदरुस्त। मुझे पता है मम्मी का कपूर अंकल के साथ चक्कर है और कई बार तो लगता है नेहा आंटी को भी पता होगा I
“और वरुण सच बात तो ये है कि कई बार तो मुझे ऐसा भी लगता है कि कोई बड़ी बात नहीं कि नेहा आंटी के सामने ही मंम्मी और कपूर अंकल की चुदाई होती हो I कोइ हैरानी की बात नहीं की इस चुदाई में नेहा आंटी भी भाग लेती हों I
“दो गायें और एक सांड – बारी बारी से दोनों की चुदाई – एक दुसरे के सामने।”।
मैंने काजल से पूछा, “काजल तुझे कैसे पता है मौसी का उन सामने वाले कपूर अंकल के साथ चक्कर है “?
काजल ने बताया, “मैंने चुदाई करते हुए पकड़ा है उन दोनों को। हुआ ये कि एक दिन कालेज में मुझे माहवारी आ गयी। मुझे दर्द सा भी हो रहा था। मैं ऑटो पकड़ कर जल्दी घर आ गयी”।
“घर आयी तो दरवाजा अंदर से बंद था। बहुत खटखटाने के बाद मंम्मी ने दरवाजा खोला तो मुझे देख कर बिना किसी परेशानी के बोली, “क्या हुआ आज जल्दी आ गयी”।
“मैंने अंदर जाते हुए कहा की मेरी तबियत ठीक नहीं है पीरियड (माहवारी) शुरू हो गए हैं। मम्मी ने कहा, “अभी पीरियड की डेट तो नहीं थी। चल तू जा आराम करले”।
“तभी मम्मी के कमरे से कपूर अंकल निकले मुझे देख कर बोले, “अरे काजल, कैसी हो बेटा। इतना बोला और वो चले गए”।
“मैंने मम्मी से पूछा “मम्मी ये कपूर अंकल यहां क्या कर रहे थे और वो भी बंद घर में तुम्हारे कमरे में”?
“बेशर्मी से मम्मी बोली “काजल तेरे पापा तो बूढ़े हो चुके है उनसे कुछ नहीं होता। मगर मैं तो बूढ़ी नहीं। और ये कह कर मम्मी बाथ रूम में चली गयी”।
“मुझे मम्मी की बेशर्मी पर हैरानी हो रही थी”।
“मैं मम्मी के कमरे से दर्द कि गोली लेने गयी तो टेबल पर कंडोम पड़ा था। लेसदार सफ़ेद पानी से लबालब भरा हुआ”।
“कपूर अंकल ने इसे चढ़ा कर मम्मी को चोदा होगा”।
“टेबल का दराज खोला तो देखा कंडोम का पूरा पैकेट पड़ा था। अब मुझे याद आया कि मैंने तो कपूर अंकल कि बेटे राहुल को भी कई बार मम्मी कि कमरे में बेरोकटोक आते देखा है। तो क्या मम्मी मेरे कालेज जाने कि बाद उससे भी चुदाई करवाती हैं “?
“वरुण सच कहूं कल रात जब हम सीरियल देख रहे थे तो मम्मी बार बार तुम्हारी तरफ देख कर अपनी चूत छू रही थी, मुझे तो लग रहा था कि अगर कभी मौक़ा मिला तो उन्हें तो तुमसे चुदवाने में कोइ परहेज नहीं होगा”।
“मैंने काजल से पूछा, “काजल तू कहे तो मैं मौसी से बात करुं”?
“काजल बोली, “तुम मम्मी से क्या बात करोगे वरुण”? ये कि काजल को लड़कों से चुदाई करवाने दो ? या तुम मम्मी को कहोगे कि वो कपूर अंकल से चुदाई ना करवाए ? या तुम पूछोगे कि क्या मम्मी राहुल से भी चुदवाती है ? क्या बात करोगे तुम”?
“काजल सही बोल रहे थी। मेरे पास काजल की इन बातों का कोइ जवाब नहीं था”।
“अगले तीन दिन मेरे और काजल की बीच ऐसे ही चुदाई होती रही दिन में भी और रात में भी”।
मैंने काजल से दुबारा कहा, ”कजल मुझे लगता है एक बार मौसी से बात करनी चाहिए। कब तक तुम ऐसे ही अपना मन मारती रहोगी”।
काजल ने पूछा, “मगर वरुण क्या और कैसे बात करोगे तुम “?
मैंने जवाब दिया, “मुझे नहीं पता कैसे बात करूंगा। लेकिन बात करना ही ठीक है। मौसी को तुम्हारी फीलिंग्स – भावनाओं का ध्यान रखना ही चाहिए”।
“वरुण इतना कुछ मैंने तुम्हें मंम्मी के बारे में बता दिया है। क्या तुम अब भी सोचते हो वो तुम्हारी बात सुनेगी ? और चलो मान भी लिया सुनेगी I लेकिन जिस तरह सीरियल देखते हुए तुम्हारी तरफ देख कर बार बार अपनी चूत पर हाथ फेर रही थी – अगर मम्मी ने तुम्हें ही चुदाई के लिए बोल दिया तो ?
मैंने कहा, “मुझे कैसे बोल देगी। मेरी मौसी है वो, मेरी मां की सगी जुड़वां बहन “।
अब जो काजल ने कहा, उसका मेरे पास कोइ जवाब नहीं था।
“वरुण, मैं भी तो तेरी बहन ही हूं, फिर भी मैंने तुझसे चुदवा ली या नहीं। और फिर मम्मी को तो चुदाई का चस्का लगा हुआ है। बेशर्म हो कर चुदवाती है और मेरे पूछने पर भी उसे शर्म नहीं आती”।
“कपूर अंकल से चुदवाते हुए तो मैंने ही पकड़ा है। मान लो उनके बेटे राहुल से भी चुदवाती हुई तो ? तो इसका मतलब तो ये हुआ कि बाप बेटे दोनों से चुदवाती है “?
“अगर ऐसा है, तो वरुण मंम्मी तुमसे भी चुदवाना चाहती है। तभी तो तुम्हारे सामने ऐसे ऐसे सेक्सी सीरियल देखती है और अपनी चूत को बार बार छूती है”।
“अगर मम्मी का तुमसे चुदवाने का मन आ भी गया तो फिर तुम क्या करोगे ? नहीं चोदोगे मम्मी को”?
मैं चुप रहा। बोलता भी तो क्या बोलता।
मुझे चुप देख कर काजल ही बोली, “वरुण जैसे तुमने थोड़ी झिझक के बाद मुझे चोद दिया, ऐसे ही मम्मी को भी चोद देना”।
“तुम्हें मम्मी को चोदने में तो ना कोइ परेशानी होनी चाहिए, ना कोइ झिझक और ना ही शर्म I वो तो पहले से ही खुला दरवाजा है – जो मर्जी, जब मर्जी, जहां मर्जी अंदर जाये और बाहर आये – सबका स्वागत है”। ये कहते हुए काजल हल्का सा हंसी।
काजल के मौसी के बारे में ऐसे बात करते देख मुझे मुझे थोड़ी शर्म सी आयी। मगर काजल गलत भी तो नहीं कह रही थी।
मुझ से लगभग दो साल छोटी काजल मुझे उपदेश दे रही थी, “और एक बात और बता दूं वरुण, अगर मंम्मी ने तुमसे चुदाई करवाने का मन बना लिया तो वो तुमसे चुदाई करवा कर ही मानेगी। और अगर तुमने उन्हें ना चोदा, तो कोइ बड़ी बात नहीं तुम्हारा यहां आना जाना भी बंद हो जाए”।
“अब बताओ वरुण तुमने मुझे आगे भी चोदना है या नहीं ? अगर तुमने मुझे चोदना है तो अगर मम्मी तुम्हें चुदाई के लिए कहे तो चोद देना उसे। यहां आना जाना बना रहेगा”।
“दो दो घोड़ियों की सवारी के मजे लो”, काजल हंस कर बोली ।
काजल आगे बोली, ” अगर तुमने मम्मी से कोइ बात करनी भी है तो उनकी चुदाई के बाद ही करो I हो सकता है तब वो तुम्हारी बात सुने भी और मान भी ले। आखिर को एक बार की चुदाई के बाद मम्मी का भी तो भी तो तुम्हारा लम्बा लंड लेने का रास्ता खुल जाएगा “I
काजल फिर जैसे अपने आप से बोली, “कुछ तो ख़ास बात होगी इस 44 साल की औरत की चुदाई में जो 21 साल का राहुल कपूर एक सील बंद उन्नीस साल की लड़की को ना चोद इस 44 साल के औरत का दीवाना हो गया”।
फिर काजल हंस कर बोली, “और अगर तुमने मम्मी की चुदाई कर ली तो मुझे भी बताना क्या फरक है मेरी तजुर्बेकार मम्मी की और मेरी चुदाई में। फिर आगे से मैं भी वैसे ही चुदवाया करूंगी। आखिरकार चुदाई का असल मकसद तो मजा लेना और मजा देना ही तो है”।
काजल की सारी बातें सही थी। मैंने काजल से पूछा, “अच्छा काजल ये बता, तू क्या चाहती है। अगर मैं बात करूं भी तो मौसी से क्या बात करूं “?
काजल बोली, “मुझे खुली हवा में सांस लेना है वरुण। मुझे अपनी मर्ज़ी से जीने के आज़ादी चाहिए”।
“नंबर एक – मेरा कालेज बदलें। मुझे सह – शिक्षा यानी कोएजुकेशन वाले कालेज में जाना है”।
“नंबर दो – मुझे स्कूटी ले कर दें। मुझे कालेज की सड़ी गली बस में नहीं आना जाना”।
“तीसरा – ये एकता कपूर के गंदगी से भरे सीरियल देखने बंद करे – कम से कम जब मैं घर में हूं तब तो नहीं। – मेरे सामने तो नहीं”।
“चौथा – ये ब्लू फ़िल्में – चुदाई वाली फ़िल्में अगर देखनी हैं तो अपने कमरे में देखें और जी भर कर अपनी चूत को रगड़ें। लेकिन ड्राइंग रूम में नहीं “।
“और आख़री बात – अगर मम्मी ने कपूर अंकल या उनके बेटे राहुल से दिन दिहाड़े अपनी चूत चुदवानी ही है, तो यहां पापा के घर में नहीं। जाएं और जा कर कपूर अंकल के घर में चुदवाए या किसी होटल में जा कर चुदाई करवाए”।
काजल की सारी बातें ठीक थीं। मगर क्या मौसी मानेगी ये सारी बातें ? और कम से कम मेरे कहने से क्यों मानेगी ?
मैंने काजल से कहा, “काजल ये कुछ ज़्यादा नहीं “?
काजल बोली, “ठीक है, वरुण, अगर तुम समझते हो ज्यादा है तो बताओ कौन सा पॉइंट – कौन सी बात है जो तुम्हें लग रही है, मैं गलत कह रही हूं”।
“वरुण ये तो कम से कम है जो मम्मी को करना चाहिए। अगर तुम्हें लगता है मैं कुछ गलत कह रही हूं तो फिर जैसा चल रहा है चलने दो। जब भी आओ, चोदो मुझे भी और अपनी मौसी को भी”।
काजल का मतलब साफ़ था। मौसी को ये बातें माननी ही चाहियें।
वैसे तो मेरा भी यही ख्याल था।
अगले दिन सुबह ग्यारह बजे मौसी आ गयी। टैक्सी से। अकेले ही।
काजल ने पूछा, “मम्मी क्या हुआ, पापा नहीं आये “?
मौसी बोली, “वो उनको कुछ रस्में पूरी करने के लिए कुरुक्षेत्र जाना था। दो दिन लगने थे। मैंने बोला काजल घर पर अकेली है, इस लिए मैं आ गयी “।
काजल बोली, “चलो मम्मी आप फ्रेश हो जाओ, मैं चाय बनाती हूं “।
मौसी बोली,”ठीक है”। और मौसी बाथरूम में चली गयी।
चाय पीकर मौसी सो गयी। दोपहर बाद चार बजे उठी। कपड़े बदल कर हल्का मेक अप करके आई और बोली, “आती हूं ” कह कर मौसी कपूर अंकल के घर चली गयी।
मैं और काजल ही बैठे थे। मैंने काजल से पूछा, “क्या कहती हो काजल, बात करूं मौसी से “?
काजल ने कहा, “कर लो, मगर कैसे शुरू करोगे और क्या बात करोगे। मैं तो आज खाना खा कर जल्दी अपने कमरे में चली जाऊंगी। मेरा मन आज ये सीरियल देखने का नहीं है। मेरी चूत में जो ये गंद भरे सेक्सी सीरियल देखने की खुजली मचती थी वो तो तुम्हारी चुदाई के बाद खत्म हो गई है। मैं तो अपने कम्प्यूटर पर कुछ देखूंगी”।
“रात को अगर तुम्हारा चुदाई का मन करे तो आ जाना। और अगर मंम्मी बात करते करते तुम्हें अपने कमरे में ले गयी तो मजे करना और देखना ऐसा भी क्या जादू करती है मम्मी”।
“कैसे रात को आऊंगा काजल ? मौसी को पता चल गया तो” ?
काजल बोली, “पता लगता है तो लगता रहे। मम्मी भी तो ढिठाई के साथ कपूर अंकल से अपने कमरे में चुदवाती है “।
मैंने कहा, “देखूंगा काजल। बेकार में रिस्क लेने का मेरा कोइ इरादा नहीं। और फिर अभी तो मैं चार पांच दिन और हूं। लग जाएगा मौक़ा I फ़िलहाल तो मैं ये सोच रहा हूं मौसी से बात कैसे करूं “?
काजल बोली, “ठीक है वरुण, मैंने भी ऐसे ही कह दिया। मेरी चूत की खुजली तीन दिनों की चुदाई के बाद फिलहाल शांत है I अच्छा वरुण मम्मी से बात करने का मैं एक आईडिया दूं “?
मैंने भी कहा, “हां बताओ”।
काजल बोली, “वरुण मैंने तुम्हें बताया ही है मेरा मन आज आराम करने का है या मैं कम्प्यूटर पर कुछ देखूंगी। मम्मी सात बजे से पहले आने वाली नहीं। आ कर कपड़े बदल कर – वही अपनी मैक्सी डाल कर टीवी चालू कर देगी और फिर शुरू हो जाएगा वही गंद देखने और चूत खुजलाने का खेल”।
“मम्मी जिस तरह उस दिन चूत खुजलाते खुजलाते तुम्हारी तरफ देख रही थी, आज भी वही करेगी। पूरी कोशिश करेगी तुम्हे पटाने की। फिर देख लेना कैसे क्या करना है। कोइ भी बात करने का भी वही सही वक़्त होगा”।
हालांकि मुझे काजल की बात बहुत बढ़िया तो नहीं लगी, मगर और कोइ तरीका भी नहीं था। ये मेरे लिए “इंतज़ार करो और देखो” वाली स्थिति थी।
मैं तो केवल ये चाहता था की किसी तरह काजल इस घुटन से बाहर निकले। अब इन चार दिनों में हालात ही ऐसे बन गए कि काजल मुझ से चुद गयी, मगर आखिर को काजल थी तो मेरी बहन ही।