मेरा नाम मस्तमौला है और मेरी उमर 19 साल है। मैं अपनी बहन के यहा गया था। उसकी ननद 18 साल की थी। उसका नाम रानी था और मैं उसको पटाने में लग गया। रात को हम दोनों काफी बातें करते रहे और बातें करते-करते हम पास में ही अलग-अलग पलंग पर सो गए।
हम एक हॉल में सो रहे थे और हम दोनों के अलावा, वहां मेरी बहन और उसकी सास सो रही थी। रात को अचानक मेरी नींद खुली और मैं बाथरूम करके वापस आया। वापस आके मैंने देखा, कि वो सो रही थी और उसका पेट दिख रहा था।
ये देख कर मेरी तो नींद ही उड़ गई। मैं सोचने लगा, कि काश मुझे उसको एक बार चोदने का मौका मिल जाए। फिर जब मैंने देखा, कि सब सो रहे है, तो मैं अपनी चड्डी मे हाथ डाल कर लंड सहलाने लगा और मैंने हिम्मत करके एक हाथ उसके स्तनों पर रख दिया।
फिर मैं धीरे-धीरे उसके स्तन दबाने लगा। तभी उसने अचानक अपनी एक आँख खोल कर मुझे देखा और मैं डर कर सोने का नाटक करने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने देखा, कि उसका एक हाथ मेरी तरफ था। पता नहीं मुझे क्या सूझा और मैंने अपना लंड उसके हाथ में दे दिया।
फिर अपने लंड को उसके हाथों में देने के बाद, मैं धीरे-धीरे उसके स्तन दबाने लगा। फिर उसकी तरफ से जब कोई हलचल नहीं मिली, तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने उसकी पजामी का नाड़ा खोल दिया और एक उंगली कोने पर से उसकी चूत में घुसा दी।
उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो गई थी। मैं समझ गया था, कि लड़की चुदने के लिए तैयार है। मैं चुप-चाप उठ कर उसके पलंग के किनारे पर लेट गया। उसकी गरम साँसे मुझे और पागल करने लगी थी। फिर मैंने धीरे-धीरे से उसकी कमीज़ को ऊपर कर दिया।
उसके गोरे-गोरे स्तन देख कर मैं अपने आप पर नियन्त्रण नहीं कर पाया और मुँह मे लेकर चूसने लगा। अब वो भी पागल होने लगी थी और सिसकियां निकालने लगी थी। फिर उसने अपना हाथ मेरी चड्डी में डाल दिया और मेरे लंड को धीरे-धीरे सहलाने लगी, पर हमें ये नहीं पता था, कि मेरी बहन ये सब देख रही थी।
उसकी भी एक कहानी है, जो मैं आपको बाद में बताऊंगा। अब हमें डर था, कि कहीं हमें कोई देख ना ले। इसलिए उसने मुझे इशारा करके दूसरे कमरे में जाने के लिए बोला। मैं दूसरे कमरे में चला गया और उसका इंतजार करने लगा। फिर थोड़ी देर में वो आ ही गयी और बोली-
रानी: आप तो बहुत शरारती हो।
तभी मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया और उसके स्तन दबाने लगा। स्तन दबाते-दबाते मैंने उसको घोड़ी बना दिया और उसके सारे कपड़े उतार दिए। फिर मैंने चड्डी नीचे करके अपना लंड बाहर निकाल लिया और वो मुंह मे लेकर चूसने लगी।
अब मेरी हालत खराब होने लगी थी। मैंने उसको लिटा दिया और उसकी टांगे चौड़ी कर दी। उसकी चूत मेरे सामने फैल गई थी। उसकी चूत का रस चाटने के लिए मैंने अपनी ज़ुबान उसकी चूत पर रख दी और पागलों की तरह चाटने लगा।
मैं बताना भूल ही गया, कि हम 69 पोजिशन में थे। 10 मिनट की चूत चटाई के बाद, वो सिसकियां लेते हुए कहने लगी-
रानी: अब और मत तड़पाओ और चोद डालो मेरी रसीली चूत को।
फिर मैंने तेल की शीशी उठाई और थोड़ा सा तेल उसकी चूत पर लगा दिया। अब वो खुशी से चहक रही थी। मैंने एक ज़ोरदार झटका लगाया और आधा लंड उसकी चूत में चला गया।
वो चिल्लाई और उसकी आंखें बाहर आ गई, लेकिन मेरे ऊपर तो चुदाई का भूत सवार था। मेने तुरंत दूसरा झटका मारा, जिससे मेरा पूरा लंड अंदर चला गया और उसका पूरा शरीर अकड़ गया। फिर मैंने प्यार से धीरे-धीरे उसको चोदना चालू रखा।
2 मिनट की चुदाई के बाद, वो भी नीचे से टागें उठाने लगी। अब उसे भी मज़ा आ रहा था और वो जोश मे चिल्लाने लगी-
रानी: चोदो मुझे और फाड़ दो मेरी इस चूत को।
वही दूर खड़ी मेरी बहन हैरानी भरी आखों से ये नज़ारा देख रही थी। अब मेरी बहन ने अपनी चूत मे उंगली करना चालू कर दिया था। उसे देख कर मुझे भी जोश आ गया और मैंने अपनी चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी थी।
नीचे से रानी ने भी रफ्तार बढ़ा दी थी। अब हम आसमान की वादियों मे सैर कर रहे थे। रानी बहुत गर्म हो गई थी और ज़ोर-ज़ोर से सिसकियां लेने लगी-
रानी: आह… उम्म… आह… आई… उई… उफ्फ.. अह…
ऐसे करते हुए वो अपनी चूत के मुंह को अपने हाथ से सहलाने लगी। फिर मैंने रानी के मुंह में अपना लंड फिर से डाल दिया और उसको लंड चुसवाया। फिर मैंने रानी को कुतिया बना कर लंड को पीछे से उसकी चूत में डाला और एक तेज़ धक्का दे दिया।
10 मिनट तक बहुत तेज़ी से झटके मारते हुए, मैं रानी की चूत में ही झड़ गया। रानी की प्यास अब बुझने लगी थी। उसको ऐसी ही चुदाई चाहिए थी और मैं रानी के ऊपर ही गिर गया। मैंने रानी को बांहों में लिया और उसको किस करने लगा।
फिर 1 घंटे की चुदाई के बाद, हमनें अपने कपड़े पहने और वापस अपनी-अपनी जगह सोने चले गए। अगली सुबह ही मैं अपने घर वापस आ गया । लेकिन अब रानी की चूत को लंड का स्वाद मिल गया था और एक बार जब कुंवारी चूत को लंड का पहला मज़ा मिल जाए, तो चूत में खुजली बहुत तेज़ी से होने लगती है।
अब रानी की चूत भी रोज़ खुजली करने लगी थी और वो हमेशा अपनी चूत को मसलती रहती थी। वो जब कॉलेज से पढ़ाई करके घर आती थी, तो कपड़े बदलने के बहाने आते ही बाथरूम में घुस जाती थी और वहां अपनी चूत को सहलाती थी।
वो अपनी चूत पर नहाने का ब्रश को घिसती रहती थी।
उससे अब अपनी चूत की आग सहन नहीं हो रही थी और अब वो किसी लड़के को पटाने की कोशिश में थी।
वह चाहती थी, कि उसको कोई उसकी चूत की आग को बुझाने वाला मिल जाए, जो ज़रूरत पड़ते ही उसकी चूत में लंड डाल दे और उसको चोद कर उसकी चूत की खुजली मिटा दे।
वैसे उसके कॉलेज में भी काफी लड़के उस पर लाइन मारते थे। उनमें से एक लड़का रानी का पीछा भी किया करता था और वो रानी को देख कर स्माइल किया करता था। वो हर वक्त रानी को घूरता रहता था।
रानी को तो लंड चाहिए ही था, तो फिर रानी भी उसको देखने लगी। रानी उसको देख कर कभी-कभी स्माइल भी पास कर देती थी और कभी-कभी उसको देख कर शर्मा जाती थी। लेकिन वो बदनामी से डरती थी और ये बात मुझे रानी ने ही बताई थी। लेकिन आगे कुछ हुआ नहीं, या ये भी कह सकते है, कि उसको कभी मौका ही नहीं मिला।
मुझे मेल पर जरूर बताए, कि आपको ये कहानी कैसी लगी । मुझे आपकी मेल का इंतज़ार रहेगा। मेरी मेल आइ.डी. है: