पिछला भाग पढ़े:- मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-40
संगीता: बहुत ही ज़्यादा खूबसूरत हो नफ़ीसा। अभी चुदवाओगी?
नफ़ीसा किसी आदमी के सामने पहली बार ही नंगी हुई थी। लेकिन उसके चेहरे को देख कर लग रहा था, कि उसे किसी तरह की शर्म नहीं थी।
नफ़ीसा: हमारे घर में लड़कियां और औरतें आती रहती हैं, और अब्बू अंदर वाले कमरे में उन्हें ऐसे ही चोदते है जैसे आप लोग कर रहे हैं। चूदाई देखते-देखते मैं भी बहुत गर्म हो जाती हूं, और मन करता है कि अंदर जा कर अब्बू से चुदवा लूं। लेकिन कभी हिम्मत नहीं हुई। दीदी, आप बाद में लीजिएगा, मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है। अमित मुझे चोदो।
संगीता: बस दो मिनट नफ़ीसा।
अमित समझ गया और अगले 5-7 मिनट उसने बहुत ही ज़ोरदार चूदाई की। संगीता बाप-बाप करने लगी।
संगीता: बस अमित और नहीं ले सकती। लंड निकाल लें और इस परी को प्यार से चोदना।
नफ़ीसा मेरे बग़ल में लेट जा। नफ़ीसा किसी कठपुतली जेसी बेड पर लेट गई। अब्बू की सैकड़ों चुदाई देख कर जो असर नफ़ीसा पर हुआ था, उससे ज़्यादा असर अमित के लंबे और मोटे लंड को एक बार ही देख कर हो गया था। नफ़ीसा ने टांगों को फैलाया और अमित की ओर दोनो बाहों को फैलाया। अमित का लंड पूरा टाइट था। फिर भी अमित खूबसूरत जवानी का स्वाद लेने से अपने को नहीं रोक सका।
होंठ से शुरु कर गाल, चूचियों, पेट को चूसते चाटते हुए चूत पर आया। दोनों हाथों से झांट को अलग किया, तो अमित को लड़की की चूत की स्लिट, क्लिट और लंड घुसाने का छेद दिखा। सबसे पहले उसने क्लिट को चूसना शुरु किया, तो लड़की का पूरा बदन सिहर उठा।
नफ़ीसा: आह, बहुत बढ़िया… मैंने अब्बू को कभी किसी की भी बूर पर मुंह लगाते नहीं देखा था। अमित बहुत बढ़िया लग रहा है।
अमित ने क़रीब 15 मिनट बूर के अंदर-बाहर खूब बढ़िया से चाटा और चूसा। नफ़ीसा की लाउड सिसकारी बाहर बैठे चारों असलम, हेडमास्टर, उसकी घरवाली सुशीला, और इंदिरा को साफ़ साफ़ सुनाई देने लगी।
इंदिरा: कितने बेशर्मी कर रहे हैं तीनों!
नफ़ीसा: दीदी, आपके यार ने मेरी चूत फाड़ दी, अमित निकाल लो बहुत मोटा है।
सभी ने नफ़ीसा की लाउड और दर्द भरी आवाज़ सुनी। अमित ने असलम की बेटी की कुंवारी चूत में अपना घोड़े के लंड जैसा लंड पेल दिया था। संगीता ने कुछ देर देखा कि कैसे अमित एक कमसिन कुंवारी लड़की को चोद रहा था,और नफ़ीसा भी ख़ुशी-ख़ुशी मस्ती से चुदवा रही थी।
नफ़ीसा: मैं तो छोटी अम्मी (नगमा) के साथ ही तुमसे चुदवाने को आने वाली थी, लेकिन तुम्हें किसी कुंवारी चूत में लंड पेलने में डर लगा था, इसलिए मुझे अपने रुम में आने से मना कर दिया। लेकिन देखो मेरी चूत कितने प्यार से तुम्हारे मूसल जैसे लंड से चुदवा रही है। मज़ा आ गया यार।
संगीता: कितनी गर्मी है तेरी बूर में लड़की!
बोल कर संगीता नंगी ही रुम से बाहर आई।
संगीता: मां, आंटी, देखिए कैसे एक शेर (अमित) बकरी को चोद रहा है।
हेडमास्टर: बेटी, इतनी बेशर्मी ठीक नहीं। अमित की मां क्या बोलेगी कि संगीता कितनी गंदी लड़की है।
बाहर जितने भी लोग थे सभी एक साथ अंदर घुस गये।
असलम: बेटी, ये क्या कर रही हो?
नफ़ीसा: आप सब देख ही रहे हैं कि हम और अमित क्या कर रहे हैं। और अब्बू, आप तो मुझे खुद ही अमित से चुदवाना चाहते थे मुझे। सच अब्बू, छोटी अम्मी बिल्कुल सही कहती है। अमित जैसा चोदने वाला कभी-कभी ही पैदा होता है।
19 साल की लड़की की बात सुन कर सभी स्तब्ध थे। बेड पर अमित आराम से रगड़-रगड़ कर नफ़ीसा को चोद रहा था। नफ़ीसा के अब्बू असलम ने नंगी खड़ी संगीता की कमर में हाथ डाला, और दूसरी तरफ़ से हेडमास्टर ने भी अपनी बेटी के कमर में हाथ डाला।
इंदिरा: सुजाता बहन, अब ये दोनों जल्दी बाहर नहीं निकलने वाले, और संगीता अगर तुम्हें भी बहुत गर्मी है, तो तुम भी ठंडी हो जाओ। मुझे जो खिलाना है खिला दीजिए, मैं जल्दी चली जाऊंगी। मुझे इस तरह की गंदी हरकतें बिल्कुल पसंद नहीं है। हेडमास्टर साहब, आपकी बेटी हम सब के सामने नंगी खड़ी है, उसे डांटने-मारने के बदले आप खुद बेटी को चोदने के चक्कर में है। कितना गंदा ज़माना आ गया है। और अमित, तुम मुझे अपना चेहरा मत दिखाना। छी! मुझे नहीं मालूम था कि मेरा बेटा इतना गंदा आदमी है।
इंदिरा ने इतनी रुखाई से कहा कि कोई भी उसका जवाब नहीं दे पाया। इंदिरा रुम से बाहर आ गई, तो उसके पीछे सुजाता और हेडमास्टर भी आ गये। असलम ने संगीता की बूर को मसला।
संगीता: क्या अमित, तेरी मां बहुत ही ठंडी औरत है। मैंने ये सब उसे गरम करने के लिए किया। लेकिन कुतिया ने सारा मूड ख़राब कर दिया। छोड़ असलम अब चुदाई का मूड नहीं है। अमित के बाद तू भी नफ़ीसा को, अपनी बेटी को चोद लेना।
संगीता ने पूरे कपड़े पहने और बाहर आ गई। असलम ने थोड़ी देर बेटी की चुदाई देखी।
अमित: असलम भाई, अब तो जब तक मैं यहां हूं, इन दोनों मां-बेटी, नगमा और नफ़ीसा को प्यार करता ही रहूंगा। लेकिन मेरी मां एक-दो दिन में चली जायेगी। तुम रंडी को पटाने की कोशिश करो, खुद चोदो, दूसरे से भी चुदवाओ। मुझे अपनी इस गुड़िया को प्यार करने दे।
असलम: बेटी, मुझे माफ़ करना, मैं तुम्हें अपनी बेटी को नहीं चोदना चाहता था। लेकिन अब जब तुम्हें नंगी देख लिया, चुदवाते देख रहा हूं, तो अपने को रोकना मुश्किल हो रहा है।
बोलते हुए असलम ने बेटी की चूचियों को मसला, जांघों को दबाया और सहलाया। अमित के हर धक्के का जवाब चूत्तड़ों को उचका कर, हाथ से अमित के बदन को सहलाते हुए दे रही थी।
नफ़ीसा: अब्बू, नंगी होने बोलोगे तो दिन भर नंगी रहूंगी, चूची दबाने दूंगी, लंड भी सहला दूंगी, लेकिन अगर कभी मेरी चूत में हाथ भी लगाया, मुझे चोदने की कोशिश की, तो मैं खुद तेरा लंड काट दूंगी। मेरा दलाल तू नहीं ललन चाचा है।
बेटी की बात सुन कर असलम भी दुखी होकर बाहर आ गया। बाहर सभी खाने के लिए बैठ गये थे। इन लोगों ने खाना खा लिया तब नफ़ीसा और अमित कपड़े पहन कर बाहर आये। सुजाता ने दोनों को खाना दिया, और इंदिरा ने हेडमास्टर से कहा कि वो उसे रेखा के घर पहुंचा दे। संगीता और उसकी मां ने भी बहुत रोका, लेकिन इंदिरा नहीं रुकी। हेडमास्टर के साथ बाहर आ गई। हेडमास्टर उसे कॉलेज के बारे में बताने लगे।
हेडमास्टर: यहां पढ़ाई बहुत ही बढ़िया होती है, लेकिन यहां का माहौल बहुत ही गंदा है। समझ लीजिए कि इक्का-दुक्का औरत को छोड़ कर सभी औरतें और चुदाई की उम्र की जितनी भी लड़कियां हैं, सभी धंधा करती है। मेरी दोनों बेटी और घरवाली भी। संगीता ने अब तक एक अमित से सिवा किसी और स्टूडेंट्स से नही चुदवाया है। लेकिन मेरी घरवाली 5-10 हज़ार के लिए बेटे के उम्र के लड़कों से चुदवाती है। यहां के कई टीचर अपने स्टूडेंट को चोदते हैं।
हेडमास्टर: एक लेडी टीचर ने खुद मुझसे कहा और मेरे बोलने पर अमित ने उसे ऐसा चोदा कि वो अमित से रोज़ चुदवाना चाहती है। वहीं नहीं, अब यहां की सभी औरतें और लड़कियां आपके बेटे से चुदवाना चाहती है। आपने खुद देखा कि सिर्फ़ अमित का लंड ही सबसे लंबा और मोटा नहीं है, वो चूदाई भी सबसे बढ़िया करता है। मैं तो कहता हूं कि आप भी शर्म छोड़ो और बेटे से चुदवाओ।
इंदिरा नाराज़ नहीं हुई। चलते हुए उसने हेडमास्टर का हाथ पकड़ लिया। उसने थोड़ा झूठ कहा-
इंदिरा: अमित के बाबू जी का लंड भी अमित जैसा है, और वो भी कभी एक घंटा से कम नहीं चोदते। इसलिए मुझे कभी किसी दूसरे की ओर देखने की ज़रूरत नहीं है। और अगर कभी ज़रूरत हुई तो अमित को जब बोलूंगी अपनी मां को खुश कर देगा। हेडमास्टर साहब आप से मिल कर बहुत ख़ुशी हुई। मेरे बेटे का ध्यान रखिएगा।
रेखा का घर आ गया। रेखा और अरविंद दोनों ने हेडमास्टर से बहुत कहा लेकिन हेडमास्टर ने कहा कि काफ़ी रात हो गई है बाद में कभी आयेंगे। इंदिरा अंदर आई और रेखा ने दरवाज़ा बंद कर दिया।
इंदिरा: रेखा, तेरे साथ की चूदाई ने अमित को कितना बेशर्म बना दिया है! अरविंद, सुजाता तुम्हारी बहुत तारीफ़ कर रही थी। मुझे भी दिखाओ की तुम कितने बड़े मर्द हो।
इंदिरा ने खुद ही अरविंद से कहा कि वो उसे चोदे। अमित और नफ़ीसा की चूदाई देख कर इंदिरा बहुत ही ज़्यादा गर्म हो गई थी। रेखा देखती रही और इंदिरा ने पहले अरविंद को नंगा किया। उसकी जांघों और चूत्तडों को सहलाते हुए लंड को चूसने लगी। रेखा ने देखा कि जितनी देर इंदिरा ने अरविंद का लंड चूसा, पूरे समय वो अरविंद के आंड (दोनों बॉल्स) से भी खेलती रही। रेखा भी लंड चूसती थी लेकिन वो 10-12 मिनट से ज़्यादा नहीं चूस सकती थी।
लेकिन इंदिरा ने पूरा एक घंटा चूसा। अरविंद को खुद आश्चर्य हुआ कि वो इतनी देर अपने को कैसे कंट्रोल कर सका। इंदिरा को जब लगता था कि अरविंद का लंड रस फेंकने वाला था, तो वो आंड को इस तरह दबाती थी कि अरविंद का सारा जोश ख़त्म हो जाता था और लंड बिना पानी गिराये ढीला होने लगता था। लेकिन फिर वो इस तरह चूसने लगती थी कि लंड फिर टाइट हो जाता था। और जब तीसरी बार लंड से पानी निकलने का टाइम हुआ, तब इंदिरा ने अपना मुंह हटा लिया, और रस का सारा स्प्रे इंदिरा के चेहरे पर ही गिरा।
रेखा: तुमने इतनी देर कैसे चूसा? मैं तो मुश्किल से दस मिनट ही चूस पाती हूं।
इंदिरा: बहुत प्रैक्टिस करनी पड़ी है। मैं चाहूं तो अमित जैसे चुदक्कड़ को भी 5 मिनट में ही ठंडा कर दूं, या फिर किसी ढीले लंड वाले का भी लंड एक घंटा तक टाइट रख सकूं। अरविंद, तुममें बहुत स्टैमिना है।
रेखा: ऐसे स्टैमिना का क्या फ़ायदा? 50 साल का असलम सभी को मुफ़्त में चोदता है और ये साहब संगीता जैसी रंडी को 20-25 हजार देकर चोदते हैं।
इंदिरा खुद नंगी हो गई, और अरविंद को इशारा किया कि उसकी बूर को चाटे।
इंदिरा: सिर्फ़ कुत्ता जैसा चाटना, कुछ भी मत चूसना।
रेखा: तुम्हारा बेटा तो बूर के अंदर-बाहर चूस-चूस कर ही ठंडा कर देता है।
इंदिरा: साला गधा है। 10-15 मिनट बूर को चाटने से ही ठंडी से ठंडी औरत चुदाई की गर्मी से पागल होने लगती है। बहुत हुआ तो क्लिट को चूसो, बाक़ी बूर में चूसने लायक़ और कुछ नहीं है। बूर को चूस कर ही औरत को ठंडा करना है तो कोई ना-मर्द भी किसी भी रंडी को ठंडा कर देगा। फिर लंड का लंबा, मोटा, या कड़ा होने का क्या मतलब?
इंदिरा: रेखा, हेडमास्टर ने कहा कि यहां की सभी औरतें, सभी टीचर की घरवाली धंधा करती है, फिर तुम क्यों शरीफज़ादी बन कर बैठी हो। हेडमास्टर ने खुद कहा कि उसकी घरवाली, बुढ़िया सुजाता को भी स्टूडेंट्स चोदते है। फिर तुझसे बढ़िया माल कौन है? अरविंद, बढ़िया चाट रहे हो, चाटते रहो।
एक तरफ़ इंदिरा अरविंद से अपना बूर चटवा रही थी, वहीं दूसरी तरफ़ रेखा को धंधा करने के लिए उकसा रही थी।
इंदिरा: अमित बता रहा था कि उसका कोई दोस्त तुम्हें चोदने के लिए 2 लाख देने को तैयार है। बन्नो, आज के जमाने में रुपया सबसे बड़ी ताक़त है। अरविंद से तुम्हें बच्चा नहीं हुआ तो अमित ज़रूर तुम्हारे पेट में बच्चा डाल चुका है। तुमने 11-12 साल इस मादरचोद (अरविंद) को बहुत मज़ा दे दिया। अब तुम भी खुल कर मज़ा मारो। साला खुद तो रंडी-पना करता है, और तुम्हें कमरे में बंद करके रखता है। 2 लाख बहुत होता है रेखा, मौक़ा हाथ से मत जाने दे। मुझे अगर कोई 25-50 हज़ार भी दें तो हर रोज़ धंधा करुंगी।
रेखा: दीदी, हर रोज़ मेरे पास गंदी-गंदी चिट्ठियां आती है। सभी में मुझे चोदने की ही बात होती है। लेकिन किसी में भी भेजने वाले का नाम नहीं रहता है। आठ साल में अमित ही एक मात्र लड़का है जिसने सामने से आकर बात की। मैंने उसे घर बुलाया और साले ने आते ही चोद लिया।
यहां होस्टल में चार गार्ड हैं वही सब यहां की औरतों और लड़कियों की दलाली करते हैं।
रेखा: बाक़ी तीन क्या करता है नहीं जानती। लेकिन असलम अपनी सभी माल को खुद तो मुफ़्त में चोदता है, और दूसरों से क़ीमत लेकर चुदवाता है। उसने भी कहा था कि कोई लड़का है जो मुझे चोदने के लिए दो लाख देगा। मैं उस लड़के से चुदवा भी लूं लेकिन असलम या दूसरा गार्ड कितना भी बढ़िया चोदता हो मैं उससे नहीं चुदवाऊंगी।
इंदिरा: बहुत चाट लिया और अब आराम से चोदो।
सुनते ही अरविंद ने अपना पोज़ीशन लिया और जो लड़का उसकी घरवाली को चोद रहा था उसकी मां को चोदने लगा।
इंदिरा: असलम या दूसरे गार्ड को मारो गोली। अमित के दोस्त से चुदवा लो, और दो लाख लेलो। और मैं विश्वास से कह सकती हूं कि जो भी तेरी बूर में एक बार लंड पेलेगा, वो भी अमित जैसा तेरा कुत्ता हो जायेगा। मैं नहीं बोलती हूं कि जो भी रुपया दिखाए उससे चुदवा ले। 2-3 ऐसे लड़कों को चुनो जो तुम्हें बढ़िया क़ीमत दे। तेरी चूत को ठंडा करने के लिए अमित है ही।
रेखा बढ़िया से जानती थी कि क़रीब-क़रीब सभी टीचर की घरवाली धंधा करती थी, और शान से रहती थी। ना कोई बदनाम करता था, ना कोई बदनाम होती थी। रेखा ने भी रंडी बनने का फ़ैसला कर लिया। रंडी पर संगत का असर तो होना ही था।
रेखा: अगर तुम भी मेरे साथ रहो तो मैं दो लाख के लिए एक बार चुदवा लूंगी।
इंदिरा: अगली रात हम दोनों अमित के रुम में रहेंगे।
इंदिरा अब रेखा के सामने बेटे से चुदवाना चाहती थी।
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