पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि ब्रिजेश की बीवी और बेटियां उसके ससुराल गई हुई थी, और घर में वो, उसका बेटा, और एक नौकरानी ही थे। उस दिन ब्रिजेश को अपने ऑफिस में कुछ ठीक नहीं लग रहा था, तो वो घर आ गया। घर आ कर उसने देखा कि उसका बेटा नौकरानी के साथ चुम्मा-चाटी कर रहा था। फिर कामवाली नुसरत ने अपना कमीज़ उतार दिया, और ब्रा भी उतार दी। उसके चूचे देख कर बेटे की आंखों में चमक आ गई, और ब्रिजेश के मुंह में भी पानी आ गया। अब आगे की कहानी ब्रिजेश की जुबानी-
जैसे ही मेरे बेटे ने नुसरत के दूध से भरे चूचे देखे, तो वो पागल हो गया, और उनको पकड़ कर उन पर टूट पड़ा। नुसरत के चूचे इतने बड़े थे, कि बेटे के हाथों में भी नहीं आ रहे थे। फिर बेटे ने नुसरत के चूचों पर अपना मुंह लगा लिया, और किसी भूखे बच्चे की तरह उसके निपल्स चूसने लगा।
नुसरत आह आह कर रही थी, और बेटे के सर को अपने चूचों में दबा रही थी। वो बोल रही थी-
नुसरत: चूसो बाबा (हम घर में मेरे बेटे को प्यार से बाबा बुलाते है) आह, जोर से चूसो आह, बहुत मजा आ रहा है। खा जाओ इन्हें आह। हां बाबा, आप बहुत अच्छा कर रहे हो आह।
नुसरत ऐसे बोल कर मेरे बेटे का हौंसला बढ़ा रही थी, और वो भी कुत्तों की तरह उसके चूचों को चूसे जा रहा था। कुछ देर तक चूचे चुसवाने के बाद नुसरत ने बेटे को बिस्तर पर धक्का देके लिटा दिया। बेटा सीधा लेट गया। उसने कुर्ता पजामा पहना हुआ था। फिर नुसरत बिस्तर की तरफ बढ़ी, और बेटे के पजामे के नाड़े को हाथ डाला। उसने नाड़ा खोल कर बेटे के पजामे को नीचे खींच कर उतार दिया। बेटे ने अपना कुर्ता खुद उतार दिया, और अब वो सिर्फ अंडरवियर में था।
नुसरत अपनी छाती आगे करके, बेटे के लंड पर अंडरवियर के ऊपर से अपने चूचे रगड़ने लगी। इससे बेटे को मजा आ रहा था, और वो कमर ऊपर उठा कर अपना लंड उसके चूचों पर रगड़ रहा था। फिर नुसरत ने अंडरवियर के ऊपर से ही बेटे के लंड को चाटना शुरू किया। बेटा नुसरत के बालों में हाथ रख कर उसका सर सहला रहा था।
फिर नुसरत ने मेरे बेटे का अंडरवियर नीचे करना शुरू किया। जैसे-जैसे अंडरवियर नीचे जाता गया, बेटे का अकड़ा हुआ लंड बाहर आने लगा। अब अंडरवियर उतर चुका था, और मेरा बेटा पूरा नंगा हो गया। उसका लंड काफी तगड़ा था, लेकिन अपने बाप के लंड से कम ही था।
फिर नुसरत ने उसके सख्त लंड को अपने कोमल हाथों में लिया, और उसको सहलाने लगी। ये करते हुए नुसरत के चेहरे पर एक खुशी सी नज़र आ रही थी। फिर लंड को सहलाते हुए वो अपनी जीभ से उसके लंड के टोपे को चाटने लगी। इससे मेरे बेटे के मुंह से हल्की आहें निकलने लगी।
नुसरत बेटे के लंड के मुंह में जीभ घुसाने की कोशिश कर रही थी, जिससे बेटे के जिस्म में हलचल सी पैदा हो रही थी। वो लंड चुसाई की पक्की खिलाड़ी लग रही थी। पीछे से उसकी गांड बहुत बड़ी नज़र आ रही थी। मुझे तो उसकी सलवार उतरने का इंतेज़ार था, कि कब सलवार उतरे, और मुझे उसकी नंगी मोटी गांड के दर्शन मिलें।
फिर नुसरत ने लंड को चाटते हुए अपने मुंह में भर लिया। इससे बेटे के मुंह से जोर की आह निकली। शायद उसकी ये आह नुसरत के मुंह की गर्मी की वजह से होगी, जो उसके लंड ने अभी-अभी महसूस की थी। फिर नुसरत मुंह को आगे-पीछे करके मेरे बेटे के लंड को चूसने लग गई। उसका लंड चूसने का अंदाज बहुत मस्त था। ऐसा लग रहा था जैसे कोई लॉलीपॉप चूस रही हो।
कुछ देर ऐसे ही वो बेटे के लंड को मस्त चूसती रही। उसके बाद मेरे बेटे ने उसके बालों में हाथ डाला, और उसको मुंह आगे-पीछे करने से रोक दिया। अब वो खुद उसके मुंह की चुदाई करना चाहता था, तो उसने अपनी कमर ऊपर-नीचे करके नुसरत के मुंह में धक्के मारने लगा। नुसरत के मुंह से निकली थूक से बेटे का लंड बिल्कुल चिकना हुआ पड़ा था। जब लंड अंदर-बाहर हो रहा था, तो पच-पच तुचुक-तुचुक और घुप-घुप की आवाजें आ रही थी।
मेरा बेटा बीच-बीच में लंड पूरा नुसरत के मुंह में डाल के रोक देता, जिससे उसको सांस लेने में मुश्किल होने लगती। फिर जब वो बेटे की जांघों पर अपने हाथ पीटती, तो वो उसके मुंह को ढीला छोड़ता। चाहे इससे नुसरत का हाल बुरा हो जाता, लेकिन फिर भी उसको बहुत मजा आता।
कुछ देर ऐसे ही लंड चुसाई का कार्यक्रम चलता रहा। फाई नुसरत उठी, और बिस्तर पर खड़ी हो गई। उसने अपनी सलवार के नाड़े को खोलना शुरू किया, और सलवार नीचे गिरा दी। अब नुसरत ब्लैक पैंटी में थी, और क्या मस्त गांड थी उसकी। मैं पीछे से उसके पूरे जिस्म को देख पा रहा था, और सामने से बेटा उसके जिस्म को देख रहा था। ऐसी औरत जिसको आज तक मैंने अपनी बहन की नज़र से देखा था, वो ऐसी सेक्सी रंडी होगी, इस बात का अंदाजा नहीं था मुझे।
उसको ऐसे रूप में देख कर मेरा बेटा झट से उठा, और बैठ गया। अब उसका मुंह बिस्तर पर खड़ी नुसरत की चूत के सामने था, जो पैंटी से ढकी हुई थी। उसने जल्दी से नुसरत की पैंटी पर हाथ डाला, और उसको नीचे करने लगा। पैंटी एक-दम टाइट थी, और नुसरत ने अपनी गांड हिलाते हुए पैंटी को नीचे करने में बेटे की हेल्प की।
अब वो पूरी नंगी थी। मुझे उसकी पीठ, गांड, और मोटी जांघें नज़र आ रही थी, और बेटे को उसके चूचे, पेट, और चूत। नुसरत की गांड का चीर देख कर मैं भी खुद को कंट्रोल नहीं कर पाया, और अपना लंड बाहर निकाल कर हिलाने लगा। उधर बेटे ने नुसरत के चूतड़ों पर अपने हाथ रखे, और उसकी चूत पर मुंह लगा दिया।
इसके आगे क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा। यहां तक की कहानी की फीडबैक gulati.gulati555@gmail.com पर दे।