पिछला भाग पढ़े:- मेरी लालची मम्मी और बेवड़ा बाप-2
नमस्कार दोस्तों, मैं Thor अपनी हिंदी सेक्स कहानी का अगला पार्ट लेके हाजिर हूं। उम्मीद है आपने पिछले पार्ट्स पढ़ लिए होंगे, और पिछले पार्ट्स आपको पसंद भी आए होंगे।
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था कि आदर्श की मम्मी उसको सिड्यूस करने की कोशिश कर रही थी, और आदर्श ये बात समझ चुका था। फिर एक दिन जब वो सुबह उठता है, तो उसकी मम्मी जान-बूझ कर फटे हुए कपड़े पहन कर योग कर रही थी, जिसमें से उसकी चूत दिखाई दे रही थी। ये देख कर आदर्श से रुका नहीं गया, और उसने अपनी मां से सीधे-सीधे बात की।
उन दोनों के बीच तय ये हुआ कि आदर्श अपनी मम्मी को पैसे देगा, और उसकी मम्मी उसको वो हर सुख देगी, जो एक औरत मर्द को दे सकती है। डील फाइनल होते ही आदर्श ने अपनी मां के मुंह पर थप्पड़ मारा, और उसको ये एहसास दिला दिया कि अब से वो आदर्श की रंडी थी। फिर उसने अपनी मम्मी को किस्स किया। अब आगे की कहानी आदर्श की जुबानी-
मैं पागलों की तरह मम्मी के होंठ चूस रहा था, और मम्मी भी इसमें मेरा साथ दे रही थी। उनके होंठों से कामुक रस बह रहा था, जो मुझे और उत्तेजित कर रहा था। होंठ चूसते हुए मैं मां के सेक्सी जिस्म पर अपने हाथ फेरने लगा। पहले मैंने एक हाथ उनके बूब पर रखा, और उसको दबा दिया। मम्मी का क्या मोटा रसभरा बूब था। ऐसा लग रहा था, जैसे अभी फट जाएगा, और उसमें से सारा दूध बाहर आ जाएगा।
बूब के बाद मेरा हाथ मां की कमर पर गया, और फिर कमर पर होते हुए पीठ पर चला गया। हमारे होंठ लगातार एक-दूसरे के होंठो का रस पिए जा रहे थे। फिर मैं अपना हाथ उनकी पीठ से नीचे लेके गया, और फिर आई वो जगह जिस पर हर लड़का सबसे पहले ध्यान देता है। और वो थी मम्मी की गांड।
मैंने मम्मी के मोटे गोल चूतड़ को अपने हाथ में लिया, और उसको दबाने लगा। चूतड़ दबाने से मां के चुम्बन में भी उत्तेजना आ गई। फिर मैं अपने दोनों हाथ मां के चूतड़ों पर ले गया, और दाएं-बाएं दोनों चूतड़ों पर रख लिए। अब मैं मम्मी के होंठों को तो चूस ही रहा था, साथ ही अपने दोनों हाथों से उनके चूतड़ों को मसल भी रहा था।
बहुत मजा आ रहा था मुझे। तभी मुझे अचानक से एक पोर्न वीडियो का ध्यान आया, जिसमें लड़का लड़की के कपड़े फाड़ देता है। उसके बाद मुझे मम्मी की लेगिंग्स वाला वो छेद याद आया, जिसको मम्मी ने अपनी चूत दिखाने के लिए इस्तेलाम किया था।
मम्मी के चूतड़ों को मसलते हुए मैं अपने हाथ और बीच में गांड के चीर में ले गया। वहां जाके मुझे वो छेद मिला। फिर मैंने दोनों हाथों की उंगलियों को छेद में डाला, और दोनों साइड जोर से खींच दिया। इससे मम्मी की लेगिंग्स पीछे से पूरी फट गई, और मम्मी गांड से नंगी हो गई। मैं लेगिंग्स को तब तक खींचता रहा, जब तक कि मम्मी की पूरी लेगिंग्स फट नहीं गई।
फिर मैंने मम्मी को दूसरी तरफ घुमा दिया, और उनको वैसे ही अपने पैरों के अंगूठे पकड़ने को कहा, जैसे उन्होंने पहले किया हुआ था। मेरी बात मान कर मम्मी झुक गई, और वैसे ही अपने अंगूठे पकड़ने लगी। अब मम्मी की गांड बिल्कुल मेरे सामने खुली हुई थी। उनकी चूत और गांड का छेद मुझे साफ नज़र आ रहा था।
फिर मैं घुटनों के बल उनके पीछे बैठ गया, तो गांड मेरे चेहरे के बिल्कुल सामने आ गई। मैंने देखते ही मम्मी की गांड पर अपना मुंह लगा दिया, और चूत और गांड के छेद को बड़ी शिद्दत से चाटने लगा। मुझे बड़ा स्वाद आ रहा था, और मम्मी भी आह आह कर रही थी।
कुछ देर चाटने के बाद मुझे चोदने का मन किया मम्मी को। फिर मैं खड़ा हुआ और अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया। मम्मी अपनी टांगों के नीचे से मुझे देख पा रही थी। उनकी आँखें मेरे मोटे लम्बे लंड पर थी। फिर जब मैं लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा, तो वो बोली-
मम्मी: बेटा तुम्हारा लंड सूखा है। ऐसे ही डालोगे तो मुझे बड़ा दर्द होगा, और तुम्हें भी दर्द होगा। इससे लंड छिल भी सकता है, जिससे दिक्कत होगी तुम्हे। तुम ऐसा करो, मैं तुम्हारा लंड चूस के गीला कर देती हूं, उसके बाद तुम मजे से चूत में लंड डाल कर मुझे चोद लेना।
मैंने हामी भरी, और मम्मी जल्दी से सीधी हो गई। फिर वो मेरी तरफ घूमी, और मेरे लंड के सामने घुटने टेक कर उसको हाथ में ले लिया। मम्मी ने लंड को थोड़ा हिलाया, और फिर उस पर जीभ फिराने लगी। मुझे इससे मज़ा आने लगा।
कुछ देर में उन्होंने अपना मुंह खोला, और लंड को मुंह में लेके चूसने लगी। ये करते हुए मम्मी बिल्कुल रंडी लग रही थी, एक खूबसूरत रंडी। वो अपनी थूक से लंड को चिकना कर रही थी। फिर मैंने उनके बाल पकड़ लिए, और जोर-जोर से उनके मुंह की चुदाई करने लगा। मैं मम्मी को सांस लेने नहीं दे रहा था, जिससे वो तड़प रही थी, और मुझे मजा आने लगा।
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैंने मम्मी के मुंह से लंड बाहर निकाला, और उनको फिर से घोड़ी बना लिया। आज वक्त था उसकी चुदाई का। मैंने लंड चूत के मुंह पर रख, और जोर का धक्का मारते हुए पूरा चूत के अंदर पेल दिया। मम्मी की ज़ोर की चीख निकली, और मैं यहीं सुनना चाहता था।
अब मैं मम्मी के चूतड़ पकड़ कर उनकी धक्का पेल चुदाई करने लगा। कुछ देर में मम्मी का दर्द कम हो गया, और वो आह आह करने लगी। लेकिन मैं नहीं चाहता था कि उनका दर्द कम हो। इसलिए मैंने उनके चूतड़ों पर जोरदार 2 थप्पड़ मारे। इससे मम्मी के चूतड़ पर मेरे हाथ के निशान पड़ गए, और उनकी फिर से चीखें निकलने लगी। इससे मुझे सुकून मिला।
कुछ देर उसी पोजीशन में चुदाई के बाद मैंने मम्मी को पास पड़े सोफे पर लिटा दिया, और मिशनरी पोजीशन में चोदने लगा। मैं चुदाई के वक्त उनके निपल्स पर काट रहा था, ताकि उनको दर्द हो।
ऐसे ही मैंने आधा घंटा मम्मी की चुदाई की, और अपना माल उनके अंदर ही निकाल दिया। इस चुदाई के बाद मैंने मम्मी की बहुत बार चुदाई की। मुझे मम्मी को पैसे भी देने पड़े, लेकिन चुदाई के मजे के आगे उस पैसे की कोई कीमत नहीं। मैं ये कहानी यहीं खत्म कर रहा हूं। अगर आपको मेरे और मम्मी के और भी चुदाई किस्से पढ़ने है, तो मुझे मेल में बताएं। मेरी ईमेल है gulati.gulati555@gmail.com