बाप बेटी की चुदाई – मालिनी अवस्थी की ज़ुबानी-16

पिछला भाग पढ़े:- बाप बेटी की चुदाई – मालिनी अवस्थी की ज़ुबानी-15

मानसी ने एक रात अपने पापा आलोक को अपना पायजामा सूंघते हुए मुट्ठ मारते देख लिया। मानसी कमरे में गयी और आलोक के हाथ से पायजामा लेकर आलोक के मुंह पर बैठ गयी, और नीचे हाथ करके अपनी चूत की फांकें खोल दीं।

आलोक मानसी की चूत चूसने लगा। चूत चूसते-चूसते आलोक ने मानसी को अपने लंड पर झुका दिया। अब मानसी आलोक का लंड चूस रही थी, और आलोक मानसी की चूत चूस रहा था। इसी चुसाई की मस्ती में आलोक ने मानसी को बिस्तर पर लिटा दिया, और लंड चूत में रख कर चुदाई की तैयारी करने लगा। अब आगे-

मानसी बता रहे थी, “आंटी पापा ने लंड ऊपर-नीचे करते हुए एक जगह लंड रोक लिया। पापा का लंड मेरी चूत के छेद पर सटीक बैठा हुआ था। प्रभात ने भी ऐसा ही किया था और इसके बाद धीरे-धीरे लंड अंदर डाला था। मैं सोच रही थी, क्या पापा भी वैसे ही लंड धीरे-धीरे अंदर डालेंगे”?

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