अजब गांडू की गजब कहानी-30

पिछला भाग पढ़े:- अजब गांडू की गजब कहानी-29

युग पेशाब करके जैसे ही बाथरूम से वापस आया, राज का खड़ा लंड देख कर बोला, “ये क्या, तेरा तो अभी भी खड़ा है।” इतना बोल कर युग राज के पास बैठ गया और उसका लंड हाथ में पकड़ लिया।

उधर युग की बात सुन कर चित्रा उठ कर दोनों के पास आ गयी और युग से बोली, “मैं भी अभी-अभी राज से यही बोल रही थी कि इसका लंड कभी बैठता भी है या दिल्ली की क़ुतुब मीनार की तरह ऐसे आसमान की तरफ ही देखता रहता है।”अब आगे-

चित्रा की बातों से लग रहा था कि वो कुछ ज्यादा ही बोल रही थी। गनीमत थी कि युग को भी चढ़ी हुई थी। चित्रा की आधी बातें तो उसे समझ ही नहीं आ रही होंगी।

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