भाभी की बहन की चुदाई

एक बार मेरी गांव की रीना भाभी की बहन सारिका हमारे यहां बैंगलोर आई। उसकी किसी कंपनी में इंटर्नशिप थी। तो वो तीन महीने हमारे पास ही रहने वाली थी।

सारिका है एक बहुत ही सुंदर लड़की। उसकी उम्र 22 साल है। गोरा रंग, लंबा कद, मस्त फिगर है उसका। उसको देख कर अच्छे-अच्छे लोगो की नीयत फिसल जाए।

एक रात को वो अपने कमरे में सो रही थी, तो मैं पानी लेने किचन में गया। उसका रूम खुला था और वो बेड पर लेटी हुई साफ दिखाई दे रही थी। उसने मेरी पत्नी रिया की नाइटी पहन रखी थी। उसकी नाइटी पेट तक उपर हुई पड़ी थी। तो उसकी जांघें और पैंटी साफ दिखाई दे रही थी। वो करवट लेकर सो रही थी, तो ये सब मुझे उसके पीछे से दिखाई दे रहा था। मन तो किया अभी जा कर सारिका को चोद दूं। लेकिन रिया घर में ही थी, तो अभी मैं ऐसा नहीं कर सकता था।

उसको देख कर मेरा मन पहले ही उसे चोदने को करता था। लेकिन उस दिन उसे ऐसे देखने के बाद तो मेरी चाहत बढ़ गई थी। मैं मौका देखने लगा, और कभी-कभी उसे छेड़ देता था। वो मेरे साथ ही अपने ऑफिस आती-जाती थी। एक दिन मैंने उससे पूछा-

मैं: सारिका तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है क्या? ऐसे ही अकेले ही हो?

वो बोली: जीजू मुझे कभी ऐसा महसूस ही नहीं हुआ।

मैं बोला: तो तुम्हारा कभी सेक्स करने का भी मन नहीं करता क्या?

मैं उससे मजाक करता रहता था, तो उसको मेरी बातों का बुरा नहीं लगता था।

मैं उससे बोला: यार सारिका मेरा मन तुम्हारे साथ सोने का करता है। और जो तुम्हारी ब्लैक पैंटी है ना, उसमें तो तुम गजब लगती हो।

वो मेरी बात सुन कर एक-दम चौंक गई और बोली: आपने मेरी पैंटी कब देख ली? अच्छा बाथरूम में देखी होगी। परसों वो वहीं छूट गई थी।

मैं बोला: मैंने उसे तुम्हें पहने हुए देखा है।

वो बोली: क्यों झूठ बोल रहे हो जीजू? मैं तो कभी पैंटी पहने हुए दीदी के सामने नहीं आई, आपके सामने कब आई?

मैं बोला: बस देख ली। तुम्हारे कूल्हे पर एक तिल भी है। बोलो है या नहीं?

अब तो वो मुझे घूरने लगी और बोली: यार जीजू बताओ ना आपने मुझे ऐसे कब देखा?

मैं बोला: एक बार मुझे अपने साथ सोने दो, तभी बताऊंगा।

खैर इन बातों को तीन दिन बीत गए। एक दिन शाम को रिया के अंकल का फोन आया।

वो बोले: बेटा अरुण, रिया को लेकर जल्दी घर आ जाओ। तुम्हारी आंटी की तबियत खराब है। वो रिया को बुला रही है।

मैं रिया को लेकर अंकल के यहां पहुंचा तो देखा आंटी की तबियत बिगड़ी हुई थी। वो रिया से मिल कर थोड़ा खुश हुई, और बोली: रिया आज तुम मेरे पास ही रह जाओ।

रिया बोली: ठीक है आंटी। लेकिन मेरी बहन सारिका घर पर अकेले है। तो मैं अरुण को घर भेज देती हूं।

मैं फिर घर के लिए निकल पड़ा। अब तो रिया आज घर में नहीं थी, तो मैं रास्ते में ही सारिका को चोदने का प्लान बनाने लगा। मैंने रास्ते से एक पैकेट कंडोम का भी ले लिया। क्योंकि सारिका कुंवारी थी, तो मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था।

मैंने रास्ते से सारिका को फोन किया कि: रिया अंकल के यहीं रुक गई है, तुम खाना मत बनाना। मैंने हम दोनों के लिए आर्डर कर दिया है, और मुझे पहुंचने में भी थोड़ी देर हो जायेगी। ट्रैफिक बहुत है रोड पर।

वो बोली: ठीक है जीजू, आ जाओ। मैं आपका वेट करती हूं।

करीब एक घंटे बाद मैं घर पहुंचा तो हमारा खाना आ चुका था। और सारिका ने वहीं रिया की नाइटी पहन रखी थी। उसने खाना लगाया और हम दोनों ने डिनर किया।

तभी वो बोली: जीजू आज तो आपको बताना पड़ेगा कि आपने मुझे पैंटी में कब देखा?

मैं बोला: मैंने कुछ बोला था तुम्हें, आज वो वादा पूरा करो। मैं तुम्हे बता दूंगा।

वो बोली: ठीक है, आज मैं आपके ही कमरे में आपके साथ सो जाती हूं।

थोड़ी देर में सारिका मेरे कमरे में आ गई और मेरी बगल में लेट गई। मैं उसे बड़े प्यार से देखने लगा। वो भी मुझे देखती रही। तभी मैंने उसके उपर अपना हाथ रख दिया, और उसके बूब्स को धीरे से छेड़ने लगा। ऐसे करते ही वो मेरे और नजदीक आ गई और मुझे पकड़ लिया।

मैंने उसके गालों पर किस किया, और फिर उसके होठों पर किस करके होठों को चूसने लगा। वो भी मुझे किस करने लगी।

मैं बोला: क्या बात है! तुम तो तैयार थी मुझे प्यार करने के लिए।

वो बोली: अरे जीजू, आप से कौन प्यार नहीं करना चाहेगा? आप पर तो मैं बहुत पहले से ही फिदा हूं। आज मौका मिला है आपसे प्यार करने का, तो मैं छोड़ने वाली थोड़ा ही हूं।

उसने मुझे कड़ा पकड़ लिया, और मेरे मुंह से लेकर छाती तक चूमने लगी। फिर एक हाथ मेरे लंड पर रख लिया। अब तो मेरे शरीर में सनसनी मच गई। मैंने उसकी नाइटी उतार दी और नंगा कर लिया। उसने नीचे कुछ नहीं पहना था। मतलब आज वो पहले से ही तैयार थी।

अब मैंने उसे खड़ी करके चूमना शुरु किया, तो वो पागल हो गई और मुझे खाने लगी। उसने मेरे नीचे बैठ कर लंड की चुसाई चालू कर दी। वो करीब पांच मिनट लंड को चूसती रही। मैं भी उसके सर को पकड़ कर उसके मुंह को चोदने लगा।

मैंने उसे उठाया, और बेड पर लिटा कर पहले उसने बूब्स को दबा कर चूसने लगा उसके बूब्स एक-दम टाइट थे। फिर मैं उसकी चूत पर अपनी जीभ फिराने लगा। उसकी चूत क्लीन शेव की हुई थी। वो सिसकारियां लेने लगी, और उसका बदन एक-दम अकड़ गया। मैं समझ गया ये झड़ने वाली थी, और तभी वो झड़ गई। लेकिन मैं उसकी चूत को चाटे जा रहा था। तभी वो वापस गरम हो गई।

मैंने उसे अब 69 की पोजिशन में ले लिया। वो मेरे उपर आ गई, और मेरे लंड को लोलीपॉप की तरह चूसने लगी। मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा। उसको बहुत मजा आ रहा था। कभी-कभी वो चूत को कड़ा मेरे मुंह पर दबा देती थी। करीब दस मिनट बाद वो फिर से झड़ गई। और उसके कुछ देर बाद मेरे लंड ने भी अपना मॉल छोड़ दिया। उसने मेरा पूरा मॉल पी लिया, और लंड को चाटने लगी।

अब एक बार हम दोनों सीधे हो कर लेट गए, और एक-दूसरे को चूमने लगे। मैं उसके बूब्स दबाए जा रहा था, और वो लंड को मसलने लगी। लंड फिर से खड़ा हो गया। मैंने उसे सीधा लिटा लिया, और उसकी टांगो को अपने कंधो पर रख लिया। उसकी पूरी चूत खुल गई, एक-दम गुलाबी कली के जैसे। मैंने लंड को उसके छेद पर सेट किया, और पूरा झुक कर उसके लिप्स पर अपने लिप्स लगा दिए।

फिर मैंने एक झटका मारा तो आधा लंड उसकी चूत में चला गया। वो चिल्लाने लगी। उसको बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन मैंने उसके लिप्स कड़े दबा रखे थे, तो वो ज्यादा चिल्ला ना सकी। मैं वहीं रुक गया। वो थोड़ी शांत हुई तो मैंने एक जोरदार धक्का लगा दिया। मेरा पूरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया। वो चिल्लाने लगी और रोने लगी।

अब मैंने उसे मशीनरी पोजिशन में ले लिया, और धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा। अब वो शांत हो गई, और मेरे साथ देने लगी। अब उसे भी मजा आने लगा था। वो अपने कूल्हे ऊपर उठा-उठा कर चुदाने लगी।

करीब पंद्रह मिनट बाद मैं झड़ गया। मैंने कंडोम पहन रखा था तो जरा भी वीर्य उसकी चूत में नहीं गिरा। और लंड बाहर निकलने पर देखा कंडोम पूरा उसके खून से सना था। आज उसकी सील टूट गई थी।

वो मुझे प्यार से देखती रही और मैं उसे। आज हम दोनों की इच्छा पूरी हो गई थी। मैंने कंडोम हटाया, और उसे उठा कर बाथरूम में ले गया, और शावर लिया। फिर नंगे ही बाहर आ गए। सारिका से चला नहीं जा रहा था। उसे काफी दर्द और जलन हो रही थी। मैंने उसे नाइटी दी और हल्के से उसकी चूत के साइड में तेल लगा कर मालिश की, और थोड़ा तेल उसकी चूत में भी लगाया। ताकि उसे आराम मिल सके। उसको थोड़ा आराम मिल गया था और हम दोनों एक-दूसरे के लिपट कर सो गए।

सुबह उठ कर सारिका बोली: जीजू आपने तो मजा ही दे दिया। चुदाई में इतना दर्द और मजा आता है, आज पहली बार पता चला। चलो अब बताओ मुझे पैंटी में आपने कब देखा?

मैं बोला: अब तो मेरे सामने सब कुछ खुल गया। अब क्या बताना है? और अब आगे से तुम्हे दर्द नहीं होगा, मजा ही मजा आयेगा। नहीं तो आजमा कर देख लो।

वो बोली: ठीक है। पर मेरा मन भी उसी दिन से आपसे चुदने का था, जिस दिन मैंने आपको दीदी को चोदते हुए देखा था।

हम दोनों ने सुबह एक बार फिर चुदाई का खेल खेला, और दोनों तैयार हो कर ऑफिस चले गए। अगली रात भी रिया अंकल के यहीं रहने वाली थी। तो हमने उस रात में भी खूब चुदाई की। अब सारिका को भी मजा आने लगा था। वो मेरे साथ खूब खुश थी।

तो दोस्तो बताना जरूर आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी।