रंडी बहन की चुदाई-2

पिछला भाग पढ़े:- रंडी बहन की चुदाई-1

रंडी बहन सेक्स कहानी में आपका स्वागत है। जारी रखते हुए-

मैं जैसे ही वाशरूम में घुसा, मैंने अपने कपड़े उतार दिए और मुठ मारने लगा। मैंने गेट नहीं लगाया। 10-15 मिनट बाद दीदी ने आवाज़ लगाई-

तूलिका: क्या कर रहा है।

मैंने आहें भरती हुई आवाज में कहा: बस दीदी आ रहा हूं, 5 मिनट।

मैंने बाथरूम में लटकी दीदी की चड्डी अपने लंड पर लपेट ली, और उसको सूंघते हुए जोरों से लंड हिला रहा था। थोड़ी और देर के बाद दीदी उठ कर आई ये बोलते हुए-

तूलिका: क्या कर रहा है?

और जैसे ही उन्होंने बाथरूम का दरवाजा खोला, तो चीख पड़ी। उनकी नज़रो़ं के सामने उनका छोटा भाई उनकी चड्डी लपेट कर मुठ मार रहा था।

उन्होंने चिल्लाया: ये क्या कर रहा है?!

राजू: कुछ नहीं दीदी, आप जैसा समझ रही हो वैसा कुछ नहीं कर रहा हूं।

तूलिका: बेशरम, अपनी बहन के सामने ऐसी अश्लील हरकत करता है।

यह बोल कर दीदी वापस रूम में जाने लगी। मैं उनके पीछे भागा और बोला-

राजू: दीदी वो ना मेरा मुठ मारना बहुत जरूरी है।

तूलिका: ऐसा क्या जरूरी है? और बेशरम नंगा क्या घूम रहा है, कपड़े पहन। मैं मम्मी-पापा को बताऊंगी तेरी ये हरकत।

राजू: नहीं दीदी, अगर मैंने मुठ नहीं मारा तो मेरा लंड हमेशा के लिए खराब हो जाएगा।

तूलिका: क्या मतलब?

राजू: दीदी मैंने ना लंड खड़ा करने की गोली खा ली थी, और अब अगर ये नहीं बेठा कुछ घंटे में, तो हमेशा के लिए खराब हो सकता है।

तूलिका: ये तूने अपनी मर्जी से ऐसी दवाई क्यों खाई? जा बाथरूम में जाकर कर तुझे जो भी करना है।

राजू: दीदी मैंने बहुत कोशिश करी, नहीं हो रहा है। आपको मेरी मदद करनी पड़ेगी।

तूलिका: तुझमें अकल है? क्या बोल रहा है?

राजू: दीदी अगर ये नहीं बैठा तो मेरा लंड हमेशा के लिए खराब हो जाएगा। आपका छोटा भाई नपुंसक बन जायेगा।

तूलिका: पर मैं क्या कर सकती हूं। तू खुद ही हिला ले।

राजू: दी आपके हाथ से शायद अच्छा लगे।

तूलिका: बेशरम, बहन हूं मैं तेरी।

राजू: दीदी प्लीज (ये बोलते हुए मैं दीदी की तरफ बढ़ा और उनके हाथ में अपना लंड थमा दिया)।

तूलिका: ठीक है बस इतना ही करूंगी और कुछ नहीं। (ये बोल कर दीदी मेरा लंड हिलाने लगी)

राजू: हां दीदी बस एक बार स्पर्म निकल जाए।

दीदी मेरे लंड को कस कर पकड़ कर हिलाने लगी। अगर मैंने गोली ना खाई होती तो अभी तक झड़ भी चुका होता। पर 15-20 मिनट तक भी हिलाने पर लंड टस का मस नहीं हुआ।

राजू: दीदी कुछ और करो, सिर्फ हाथ से हिलाने से नहीं होगा।

तूलिका: और क्या करूं मैं?

राजू: आप मुंह में लेकर चूसो ना, शायद उससे हो जाए।

तूलिका: ये ज्यादा हो रहा है।

राजू: दीदी इससे पक्का हो जाएगा। प्लीज कर दो। हमारे वंश का भविष्य आपके हाथ में है।

मैंने अपनी एक टांग उठा कर दीदी के पास पलंग पर रख दी, और दूसरे हाथ से दीदी की लटों को उनके कान के पीछे करने लगा। मेरा लंड दीदी के मुंह से बस थोड़ा ही दूर था। दीदी आंखे उपर करके मुझे देख रही थी। फिर उन्हों धीरे से मेरा लंड अपने पास लेकर अपनी जुबान से चाटा, और उनकी जुबान छूते ही मेरा लंड फड़फड़ाने लगा।

राजू: देखा दीदी, कहा था ना मुंह में लेने से हो जाएगा।

तूलिका: बदतमीज ऐसी बातें मत बोल। वो तो तेरा लंड खराब ना हो जाए, इसलिए कर रही हूं।

फिर दीदी ने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया। दीदी बहुत अच्छे से निचोड़-निचोड़ कर लंड चूस रही थी, और मुझे दोस्त की बात याद आ रही थी कि मेरी बहन कॉलेज की रांड थी। सच ही कह रहा था वो, क्योंकि इतना अच्छा लंड चूसना तो उसे ही आएगा जिसने खूब लंड चूसे हो।

मैंने धीरे से दीदी का सिर पकड़ा, और अपने लंड पर जोर-जोर से हिलाने लगा। दीदी ने मुझे एक-दम से दूर करा-

तूलिका: ये क्या कर रहा है? कोई रांड नहीं हूं मैं।

मैंने दीदी के बाल पकड़े और फिर अपना लंड उनके मुंह में ठूंस दिया, और जोरों से हिलाने लगा। पूरा लंड उनके गले तक उतर दिया। उसके बाद मैं उनके मुंह को सब जगह चोदता रहा, कभी दीवार से सटा कर, और कभी पलंग पर लिटा कर ऊपर चढ़ गया। 20 मिनट तक मैंने अपना लंड उनके मुंह से बाहर ही नहीं आने दिया। दीदी का पूरा चेहरा थूक में लथ-पथ हो चुका था।

मैंने उनके टॉप में से हाथ डाल कर उनकी चूचियां भी दबानी शुरू कर दी। दीदी मेरे लंड तले दबी हुई थी, कहीं भी हिल नहीं पा रही थी। उसके बाद मैं पेलता, और दीदी की चूत से खेलने लग गया। धीरे-धीरे मैंने उनके शॉर्टस में हाथ डाले और उनकी चूत सहलाने लग गया। उनकी चूत एक-दम गीली हो रही थी।

राजू: दीदी अगर आपको मजा नहीं आ रहा तो ये आपकी चूत इतनी गीली क्यूं है?

तूलिका: मम म्म्म्म मम (लंड मुंह में होने की वजह से बोल नहीं पा रही थी)।

फिर मैंने दीदी का शॉर्टस उतार दी और उनकी गीली चूत चाटने लगा। मैंने सोचा कि ये अमृत बर्बाद नहीं होना चाहिए। उनकी चूत का सारा पानी मैं चूस-चूस कर पी गया। एक तरफ से दीदी मेरा लंड चूस रही थी, और दूसरी तरफ से मैं उनकी चूत चाट रहा था।

आधे घंटे तक चाटने के बाद दीदी की चरम सीमा आ गई थी, और दीदी का पूरा शरीर कपकपी कर रहा था। फिर एक-दम से दीदी की चूत से पानी की पिचकारी छूटनी शुरू हो गई, और वो सब सीधा मेरे मुंह में जा रहा था। मैंने उसका एक बूंद भी धुलने नहीं दिया और सब पी गया।

राजू: वाह दीदी ऐसा तो पॉर्न में देखा था। आप तो पोर्नस्टार से भी ज्यादा अच्छा पिचकारी मारती हो। अब मेरी बारी।

उसके बाद मैंने दीदी के मुंह को सस्ती रंडी की तरह चोदना शुरू कर दिया। मेरा लंड उनके गले तक जा रहा था। और फिर अपना सारा माल मैंने दीदी के मुंह में छोड़ दिया।

इसके आगे इस बहन-भाई की चुदाई कहानी में क्या-क्या हुआ, ये आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। अगर आपको यहां तक की कहानी पढ़ कर मजा आ रहा हो, तो अपने विचार जरूर सांझे करें।

अगला भाग पढ़े:- रंडी बहन की चुदाई-3