पिछला भाग पढ़े:- जवान बहन की तड़प-1
बहन की चुदाई की इस कहानी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि नेहा चुदासी होके अपने भाई से अपनी प्यास बुझवाना चाहती थी। और वो ब्रा पैंटी में ‘आशिक बनाया आपने’ गाना चला कर उसके सामने बैठ गई। अब आगे-
लोकेश ने जब गाना देखा था वह भी अपनी बहन के साथ वैसा ही करने लगा, जैसा कि उसे गाने में बताया जा रहा था। पहली बार इतने कम कपड़ों में लोकेश ने किसी जवान लड़की को अपने इतने करीब देखा था। बहन नेहा को इस तरह देख कर वो खुद को रोक नहीं पाया। फिर उसने उसकी ब्रा को उतार दिया और उसकी चूचियों को दबाने लगा।
दोनों भाई-बहन ने एक-दूसरे को ऊपर से नंगा देख लिया, परंतु नीचे से नहीं देख पाए। यहां नेहा ने फिर से अपने भाई का हाथ अपनी चड्डी में घुसा दिया, और अपनी चूत पर रगड़ करने लगी। लोकेश को भी मजा आ रहा था नेहा की चूत को रगड़ने में, और साथ ही उसकी चूचियों को मसलने में।
नेहा को गांड में अपने भाई के लंड का एहसास हुआ, परंतु वो समझी नहीं कि वो उसके भाई का लंड था। वह कुछ और ही समझी उसे। गाने को देख कर आगे और कुछ बातें सीखें, इससे पहले ही बाहर किसी के आने की आहट हुई। तब दोनों अलग हो गए और लोकेश बाथरूम में चला गया।
कुछ समय बाद कॉलेज में ह्यूमन रिप्रोडक्शन का पाठ पढ़ाया गया। परंतु दोनों ही बहन-भाई बहन पिक्चर और टीवी में इतने मशरूफ रहते थे, कि उन्हें इतना कुछ समझ ही नहीं आता था। दिसंबर में अर्धवार्षिक परीक्षा होने वाली थी, जिसमें वह पाठ भी आने वाला था। उन्हें तो कुछ समझ नहीं आता था इतना।
हालांकि नेहा ने तो अपने मम्मी-पापा की चुदाई भी देखी थी, उसके बावजूद उसने इस पाठ के बारे में अपनी मम्मी से पूछा, तो उसकी मम्मी ने उसे समझा दिया। उधर लोकेश ने सोचा अपने पिता से पूछता हूं। इसके लिए वो उनके पास जा रहा था, लेकिन वह पूछ ही नहीं पाया, और ना इस पाठ को समझ पाया। एक महीने बाद अर्द्धवार्षिक परीक्षा भी थी। लोकेश यह पाठ समझना चाहता था। वह इसे समझने के लिए नेहा से पूछने गया तो नेहा ने कहा ठीक है मैं बता दूंगी।
दिवाली के बाद शादियों का सीजन था। इसलिए उनके मम्मी-पापा सिलाई के कार्य में दुकान पर व्यस्त थे। ठंड में अचानक जोरदार बारिश हुई। दोनों भाई-बहन कॉलेज से घर आ रहे थे। दोनों भीग गए। उनके मम्मी पापा आ नहीं सके हालांकि दुकान पास में ही थी। तो उन्होंने उनको बाहर से कह दिया कि ‘दरवाजा बंद करके, दोनों कपड़े बदल कर रजाई में सो जाना। अभी ठंड बहुत है, शाम को उठना।’
पहले तो नेहा अपने भाई के सामने केवल चड्डी और ब्रा में ही आती थी, परंतु आज तो बारिश में दोनों गीले हो गए थे। दोनों के अंदर से चड्डी-बनियान भी गीले हो गए थे। दोनों कपड़े खोल और पूरे नंगे हो गए। तभी नेहा अपने भाई के पास आई, और अपनी नंगी चूत को अपने भाई के हाथ से खुजलवाने लग गई।
लोकेश को ठंड लग रही थी, और वो थर-थर कांप रहा था। वह अपने कपड़े ढूंढने लगा। तभी नेहा की नज़र अपने भाई के लंड पर पड़ी जो कि मुरझाया हुआ और काफी छोटा लग रहा था। क्योंकि नेहा ने तो अपने मम्मी-पापा की चुदाई देखी थी, उसने तो देखा था उनके पापा का लंड तो काफी सीधा और बड़ा था। तो भाई का इतना छोटा क्यों था, ऐसा उसने सोचा।
फिर नेहा ने अपने भाई से कहा: मैं हमेशा तुझसे खुजलवाती हूं। ले आज मैं तेरे शरीर पर तेल मालिश कर देती हूं, जिससे तुझे ठंड नहीं लगेगी।
लोकेश: तुझे ठंड नहीं लग रही क्या?
नेहा: नहीं।
लोकेश: ठीक है, तो सरसों के गर्म तेल से मालिश कर दे।
फिर नेहा सरसों का गर्म तेल करके लेकर आई, और अपने भाई के शरीर पर गर्म तेल की मालिश करने लगी। गरम तेल से लोकेश के शरीर में थोड़ी जान आ गई। पर उसकी ठंड अभी भी नहीं गई थी। उसने अपनी बहन नेहा से कहा कि मुझे रिप्रोडक्शन वाला पाठ पढ़ा दो। लोकेश कपड़े पहन कर किताब लेने जाने लगा।
तभी नहाने ने कहा: किताब की कोई आवश्यकता नहीं है। अगर तुझे इसको अच्छे से समझाना ना भाई, तो कंबल में ऐसे ही बरसात में नंगा बैठ जा। मैं तुझे समझा दूंगी।
तभी लोकेश ने अपनी बहन के शरीर को छुआ, जो बहुत ही गर्म हो रहा था।
उसने अपनी बहन नेहा से पूछा: क्या तुझे बुखार है क्या?
नेहा: लड़कियों का तापमान ऐसा तब होता है… (वह कहते-कहते रुक गई)।
लोकेश: बोल ना कब होता है? चुप क्यूं हो गई? बता ना मुझे। अगर तू ऐसे करेगी तो कैसे मुझे पाठ पढ़ा पाएगी।
नेहा: हां अब मुझे शर्म तो छोड़नी पड़ेगी, क्योंकि हम दोनों भाई-बहन होने से पहले एक लड़का और लड़की है।
लोकेश: तो बता ना तेरा शरीर ऐसा गर्म क्यों हो रहा है?
नेहा: चल यह बता तेरा मुरझाया हुआ लिंग तेल की मालिश करने के बाद ऐसा उठ क्यों गया? और देख अभी तक खड़ा है।
लोकेश: मुझे क्या पता। मैंने तो वह पाठ अभी तक पढ़ा ही नहीं है।
नेहा: जैसे मैं कहती हूं वैसा ही करना, ठीक है?
लोकेश: ठीक है, पर करना क्या होगा?
नेहा: उस दिन हम उस गाने की तरह करने लगे थे, वैसा ही कुछ।
लोकेश: हां।
नेहा: वो भी सही से नहीं कर पाए थे, क्योंकि मम्मी आ गई थी।
लोकेश: अब सही से हो जाएगा?
नेहा: क्योंकि मैं कॉलेज में पढ़ने के साथ ही रोज रात मम्मी-पापा को सेक्स करते हुए देखती हूं।
लोकेश: क्या बात कर रही हैं! (चौंकते हुए)
नेहा: किसी किताब में सभी चित्र दिए हुए हैं कि हमें सेक्स कैसे करना है।
लोकेश: तो क्या सेक्स सब करते हैं?
नेहा: तुझे पढ़ना है और सेक्स करना है या नहीं बता मुझे। नहीं तो मैं जा रही हूं।
नेहा नंगी ही नाराज होकर कंबल से उठ कर जाने लगी तो उसके भाई लोकेश ने उसको मनाने के लिए पीछे से पकड़ लिया। तो उसका खड़ा लंड नेहा की गांड पर अड़ गया। दोनों भाई-बहन अब सेक्स पोजीशन में थे। उसी तरह के पोजीशन का एक फोटो नेहा ने उसे किताब में से दिखाया।
उसके भाई ने कहा: यह नंगी अश्लील किताब तू कहां से लेकर आई है?
नेहा: कभी-कभी मम्मी-पापा लाइट चालू करके भी सेक्स करते हैं। मैंने उन्हें किताब पढ़ते हुए देखा था, और मैं चुपके से उनके तकिए के नीचे से चुरा ली। मैंने किताब पूरी अच्छी तरीके से देख ली है। उसके अलावा मैंने कॉलेज में पढ़ाई भी की है। इसलिए भाई तू टेंशन मत ले, सब सिखा दूंगी।
फिर दोनों भाई-बहन पास में आए, दोनों ने अपने होंठ से होंठ मिलाए, और नंगे जिस्म आपस में चिपकाए। वह दोनों एक-दूसरे के पूरे शरीर को चूमने लगे, और नेहा का भाई लोकेश उसके बोबे दबाने लगा। आह आह की आवाजें आने लगीं। पर जब सेक्स करने की बारी आई, तो दोनों को यह नहीं पता चला कि कहां पर लंड को घुसाना था।
वह फिर ऐसे ही सोचते-सोचते नंगे कंबल में सो गये। फिर उनकी चुदाई हुई या नहीं, ये आपको तब पता चलेगा जब आपकी अच्छी फीडबैक मिलेगी। बहन की चुदाई कहानी जल्दी ही आगे बढ़ेगी।