नमस्कार दोस्तों, मैं Thor आपके लिए एक और मजेदार चुदाई कहानी लेके आया हूं। ये कहानी उत्तराखंड के रिंकू शर्मा, उसके भाई आदित्य शर्मा, और उनकी मम्मी ममता शर्मा की है। तो चलिए शुरू करते है कहानी रिंकू शर्मा की जुबानी-
मेरा नाम रिंकू शर्मा है, और मैं उत्तराखंड का रहने वाला हूं। मेरी उमर 23 साल है, और मैं हृष्ट-पुष्ट और दिखने में अच्छा हूं। मेरे लंड का साइज 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है। मेरे परिवार में मेरे अलावा मेरी मां और मेरा बड़ा भाई ही है। मेरे पापा की मृत्यु काफी वर्ष पहले हो चुकी है।
मेरा बड़ा भाई मुझसे 2 साल बड़ा है। उसकी भी कद-काठी मेरे जैसी ही है, और लंड का साइज भी मेरे लंड जितना ही है। मेरी मम्मी की उमर 46 साल है, लेकिन दिखने में वो अपनी उम्र से 10 साल छोटी लगती है। बहुत सेक्सी है मेरी मम्मी। उनका फिगर है 36-30-38, और रंग गोरा है। वो मोटी नहीं है, बस शरीर थोड़ा भारी है, और सही जगह पर सही मात्रा में मांस है। मम्मी के रसीले जिस्म को देख कर कोई भी उनका दीवाना बन जाए।
जब से मैं जवान हुआ था, तब से अपनी मम्मी के सेक्सी जिस्म को देख कर आहें भरने लगा था, और मुठ मारने लगा था। ये सब करते हुए मैंने कभी नहीं सोचा था कि जिस मम्मी को देख कर मैं मुठ मारता था, एक दिन उनकी चूत मारूंगा। लेकिन ऐसा हुआ, और 2 साल पहले हुआ।
2 साल पहले मैं कॉलेज ट्रिप पर गया था 2 दिन के लिए। मेरे जाने के बाद घर में सिर्फ मम्मी और भैया रह गए थे। पहले ही दिन रास्ते में मौसम खराब होने की वजह से हमारा ट्रिप कैंसिल कर दिया गया, और हम लोग वापस आने लगे। मैं घर पर इस बारे में बताना बिल्कुल भूल गया, और शाम तक घर वापस आ गया। रात के 9 बजे थे, और मैं अपनी चाबी से दरवाजा खोल कर घर के अंदर दाखिल हो गया।
अंदर जाके मैंने देखा घर की सारी लाइट्स बंद थी। ये मेरे लिए नॉर्मल था, क्योंकि हमारे घर में जल्दी सोने की आदत है सब को। फिर मैं अपने रूम में गया तो देखा भैया रूम में नहीं थे। मैंने सोचा भैया कहां गए? मुझे लगा वो मम्मी के कमरे में होंगे, क्योंकि कईं बार हम लोग रात तक बैठ कर बातें करते थे। फिर ये सोच कर मैं मम्मी के रूम की तरफ चला गया। उनके रूम का दरवाजा खुला था।
फिर जैसे ही मैं अंदर जाने लगा, मेरे पैरों के नीचे से जमीन निकलने वाला सीन मुझे दिखाई दिया। मैंने देखा मेरी मम्मी बेड पर नंगी अपनी टांगे खोल कर लेटी हुई थी, और भैया भी पूरी नंगे थे। भैया मम्मी की हल्के बालों वाली चूत चाट रहे थे। ये सब देख कर मेरा दिमाग घूम गया। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करता? फिर मैंने सोचा क्यों ना इस मौके का फायदा उठाया जाए।
फिर मैं दरवाज़ा खोल कर ताली बजाते हुए अंदर गया, और जोर की आवाज़ में बोला-
मैं: वाह, तो मेरी पीठ पीछे आप लोग ये करते हो।
मेरी आवाज सुनते ही उन दोनों की गांड फट गई। वो दोनों खुद को चादर से ढकने को कोशिश करने लगे।
तभी भैया बोले: रिंकू, तू जैसा सोच रहा है वैसा नहीं है। मैं तो बस मम्मी की मदद कर रहा था।
मैं: ये मदद करने का कौन सा तरीका है? और अगर मदद कर ही रहे हो, तो ऐसे घबरा क्यों गए?
फिर मम्मी बोली: बेटा किसी को बताना मत इस बारे में, वरना हमारे घर की इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी।
मैं: मम्मी अगर तुम दोनों मुझे भी अपने साथ इस मदद में शामिल कर लो, तो मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा।
मेरी ये बात सुन कर मम्मी ने मुस्कुराते हुए भैया की तरफ देखा, और बोली-
मम्मी: ये तेरे से भी बड़ा हरामखोर है।
फिर मेरी तरफ देखते हुए उन्होंने चादर अपने जिस्म से हटाई, और बोली-
मम्मी: आजा, तू भी मजा लेले अपनी मम्मी को चोद कर।
मम्मी की ये बात सुन कर मैं झट से नंगा हो गया, और मम्मी की नंगी चूत को चाटने लगा। भैया मम्मी के बूब्स चूसने लगे। मैं तेजी से अपनी जीभ मम्मी की चूत के अंदर-बाहर कर रहा था, और मम्मी आह आह की कामुक आवाजें निकाल रही थी। कुछ देर ऐसा करने के बाद मैंने मम्मी के रसीले होंठ चूसे। क्या मजा आ रहा था मम्मी के होंठ चूस कर।
फिर मम्मी ने हम दोनों भाइयों को लिटा दिया, और हमारे ऊपर आ कर हम दोनों के लंड एक-एक करके चूसने लगी। मम्मी की लंड चुसाई से तो मैं जन्नत में ही पहुंच गया था। कुछ देर बाद मम्मी बेड पर खड़ी हो गई, और मुझसे पूछा-
मम्मी: पहले चूत मारेगा या गांड?
ये मेरा पहली बार था, तो मैंने चूत कहा। फिर मम्मी मेरे ऊपर टांगे खोल कर खड़ी हो गई, और फिर मेरे लंड पर बैठ कर अपनी चूत लंड पर रगड़ने लगी। उसके बाद उसने मेरा लंड पकड़ा, और अपनी चूत के मुंह पर टिका कर अंदर ले लिया।
मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि आज मेरा लंड मेरी मम्मी की चूत में था। इतनी गर्मी थी अंदर दोस्तों की मैं क्या बताऊं। फिर मम्मी ने अपने दोनों हाथ मेरी छाती पर रखे, और गांड आगे-पीछे करके मेरे लंड से चूत चुदवाने लगी। बड़ा मजा आ रहा था। मम्मी के बूब्स मेरे मुंह के सामने लटक रहे थे, और उछल रहे थे।
कुछ देर में मम्मी ने भैया को कुछ इशारा किया। इशारा पाते ही भैया मम्मी के पीछे आ गए, और उनके चूतड़ खोल कर गांड के छेद पर थूक दिया। फिर भैया ने अपना लंड मां की गांड के छेद पर रखा, और जोर का धक्का लगाया। मम्मी की चीख निकली, और दर्द के मारे उनकी आँखें बंद हो गई। फिर भैया धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करके मम्मी की गांड चोदने लगे।
अब मैं नीचे से मम्मी की चूत चोद रहा था, और भैया ऊपर से गांड। हम सैंडविच पोजिशन में अपनी ही मम्मी की चुदाई कर रहे थे। मैं बीच-बीच में मम्मी के होंठ और बूब्स भी चूस रहा था। मम्मी बस आहें भर कर अपने बेटों के लंडो का मजा ले रही थी। आधे घंटे की चुदाई की बाद हम दोनों ने अपना माल मम्मी के अंदर ही निकाल दिया। उस दिन के बाद मैं जब चाहे अपनी मम्मी को चोदता हूं।
दोस्तों ये कहानी आपको कैसी लगी मुझे [email protected] पर मेल करके बताएं।