मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-14

पिछला भाग पढ़े:- मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-13

संगीता के जाने के बाद भी मैं सोया नहीं। नंगा ही बैठ कर संगीता के घर में हुई बात-चीत से लेकर असलम ने जो मुझे मां को चोदने की बात की, सब कुछ मैंने पूरे डीटेल से लिखा। अपनी तरफ़ से जितना गंदा हो सकता था, मैंने मां को चोदने, उन्हें लंड चुसवाने, उन्हें लोगों के सामने नंगा नचवाने, उन्हें लोगों से चुदवाने तक की बात लिखी और आख़िर में लिखा, “मां, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है। तेरे बेटे का घोड़े के लंड जैसा मोटा और लंबा लंड अपनी हरामजादी, घटिया रंडी, अपनी मां के बूर में घुसने के लिए तड़प रहा है। जल्दी से आजा मेरी रंडी। तेरा हरामी बेटा- अमित”।

चिट्ठी को लिफ़ाफ़ा में डाल कर बढ़िया से बंद किया, स्टाम्प लगाया और फिर मां के स्कूल का पता लिख कर पोस्ट कर दिया। मेरा दिल बार-बार कह रहा था कि मेरी मां ख़ुद मुझसे चुदवाना चाहती थी। उनमें मुझसे ये बोलने में उन्हें लाज आ रही थी। लेकिन जब मैंने लिखा कि बाबू जी अपनी बेटी को चोदते थे, तब उनकी लाज ख़त्म हो गई थी, और उसने मुझे चुदाई वाली चिट्ठी लिखी।

नाश्ता करने के बाद तीन घंटा से ज़्यादा मैंने पढ़ाई की और साढ़े 11 बजे रेखा के पास पहुंच गया। रास्ते में मैंने पांच लाल गुलाब के फूलों का एक बंडल ले लिया। मैंने रेखा को फूल दिया।