बीवी की सहेली ने लंड लिया शादी के बाद-1

हैलो दोस्तों, मेरा नाम लक्की सिंह है। आज‌ मैं आपको एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूं, जो कुछ टाइम पहले की बात है।

मेरी बीवी की एक जूनियर थी प्रीति, जो उसकी बहुत अच्छी दोस्त भी थी। वो दोनों पढ़ाई के समय जयपुर में साथ में एक ही पीजी में रहते थे।

मेरी बीवी परी भरी हुई मस्त माल है। उसका फिगर 36-34-38 का है। उसकी चुदाई करने में जन्नत जैसा मज़ा आता है। लेकिन प्रीति एक पतली और सैक्सी लड़की है। उसके बूब्स नारंगी की तरह कसे हुए रहते है, और थोड़ी सी गांड भार निकली हुई है, जो उसके पतले फिगर को सेक्सी बना देती हैं। उसके लंबे बाल उसकी गांड को टच करते है। मैं भी एक फिट बॉडी और 6 इंच लंबे और 4 इंच मोटे लंड का धनी हूं। अब आगे हमारी कहानी पर आते है।

अभी मेरी शादी को एक साल ही हुआ था, कि प्रीति की भी शादी हो रही थी। हम दोनों पति-पत्नी उसकी शादी में जा कर आए थे। प्रीत लगभग रोज परी से बातें करती थी। वो दोनों सारी बातें शेयर किया करती थी। मैंने कभी ना तो प्रीति में इंटरेस्ट लिया, ना उनकी बातों में। मैं अपनी पत्नी से खुश था।

शादी के कारण पहले तो इनकी बात नहीं हुई। फिर 3 दिन बाद प्रीति का कॉल आया परी के पास लगभग शाम के 7 बजे। तो प्रीति ने बताया कि वो अपने कमरे मे अकेली बैठी थी। उस समय मैं भी रूम में मेरी बीवी के पास ही था, तो मुझे उनकी बाते सुन रही थी। परी ने पहले तो सब नोर्मल बाते की। प्रीति से पूछा कि सब लोग कैसे है उसके ससुराल में।

फिर धीरे-धीरे बात आ गई की तेरा हसबैंड जीतू कैसा है। मुझे सिर्फ परी की बातें ही सुन रही थी। वो पूछ रही थी फिर तुम्हारी सुहागरात कैसी रही? तभी प्रीति की बात के बाद परी ने अचानक से बोला “क्यूं?” अच्छी क्यूं नहीं रही? तो प्रीति ने बताया जीतू का बहुत छोटा था, सिर्फ उंगली के बराबर, और उसको ब्लड भी नहीं आया, ना कुछ एंजॉय किया। अब मैंने परी से कॉल स्पीकर पर करा लिया, और मैं भी चुप-चाप सुन रहा था।

प्रीति: दीदी, इतना ही होता है क्या (उसका पहली बार था, और उसको ये था कि फर्स्ट टाइम में खून तो आयेगा। वो परी को दीदी बोलती हैं)?

ऐसा हुआ नहीं तो वो कन्फ्यूज्ड और परेशान सी थी कि ऐसा क्यूं हुआ। जैसा उसने सोचा था वैसा नहीं हुआ।

परी: नही, बड़ा होता है यार। तू एक काम करना, तू जीतू के पेनिस की पिक सेंड करना।

प्रीति: हां दीदी, मैं आज ट्राई करुंगी पिक लेने का।

फिर अगले दिन शाम को मैं ऑफिस से आया तो परी ने मुझे बुलाया और प्रीति की भेजी हुई वीडियो दिखाई, जो उसने दोपहर 2 बजे सेंड की थी। जीतू ने उनकी वीडियो बनाई थी। वो सिर्फ 15 से 16 सेकंड की ही थी, जिसमे जीतू की लुल्ली दिख रही थी‌।‌उसकी लुल्ली एक-दम बच्चे जैसी थी। उसी के साथ थोड़ी सी झलक प्रीति की चूत की भी थी।

छोटे-छोटे बारीक बाल, एक दम गुलाबी होठ, बीच में बारीक मटर का दाना। उस को देख कर मेरा लंड हलचल करने लगा था। पर मैं अपनी भावनाओं पर काबू किए हुए था।

फिर रात को वापस प्रीति का कॉल आया और वो परी के सामने रोने लगी। वो बहुत परेशान थी कि उसने तो शादी से पहले कुछ किया ही नहीं और शादी के बाद अब उसके पास कुछ था नहीं। वो करे तो क्या करे? परी ने उसे समझाया, थोड़ा शांत किया कि कुछ ना कुछ कर लेंगे। उसके लिए लंड का इंतजाम कर लेंगे।

मैं भी अब उनकी बातें सुनने लगा था। पर मैंने ऐसे नाटक किया कि मैंने उनकी बात नहीं सुनी थी। अब परी ने प्रीति को तो बोल दिया पर वो खुद परेशान हो गई कि करे तो क्या करे? कहां से लाए लंड प्रीति के लिए? फिर रात को सोते समय उसने सारी बात मुझे बताई, और ये भी कि वो कैसे उसकी समस्या का समाधान करे?

मैंने बोला: मुझे नहीं पता, मैं कैसे बताऊं?

तो उसने शरमाते और डरते हुआ बोला कि: उसे अपने साथ‌ शामिल कर ले?

मैंने कहा कि तुम्हे अगर कोई हर्ज नहीं है तो ठीक है। अब परी खुश और बेफ्रिक हो गई थी। परी ने प्रीति को शनिवार की रात को घर बुला लिया था, जीतू से बात करके कि मैं जयपुर से बाहर जा रहा था, तो वो घर पर अकेली रहेगी। तो इसीलिए प्रीति उसके साथ रूक जायेगी। जीतू मान गया और शनिवार रात को प्रीति को घर पर छोड़ कर चला गया। फिर उसके जाने के बाद मैं घर आ गया। मैं बाहर से चॉकलेट एंड रोज की पत्तियां लेकर आया था।

गेट पर परी वो सामान लेकर बेडरूम में चली गई। मैंने देखा कि प्रीति ड्राइंग रूम में सोफे पर बैठी हुई थी। प्रीति नई नवेली दुल्हन बन कर क्या सुंदर लग रही थी। हाथों में चूड़ा, माथे पर बिंदी, होठों पर लिपस्टिक, आंखो मे काजल, एक-दम गोरे गाल। आए-हाय 1 क्षण के लिए तो मैं खो ही गया था प्रीति में।

प्रीति: हाय जीजू।

मैं: हैलो प्रीति, कैसी हो?

मैं भी सोफे पर बैठ गया। प्रीति मुझसे नज़रें चुरा रही थी। मैं भी उत्तेजित हो रहा था।

प्रीति: मैं ठीक हूं जीजू।

मैं: रुको मैं अभी आता हूं (मैं प्रीति को बोल कर रूम में चला गया)।

मैंने रूम में जाकर देखा कि परी ने एक-दम सुहागरात वाला सीन बनाया हुआ था। बेड पर गुलाब की पत्तियां, एक जीरो वॉट का बल्ब। एक-दम मस्त माहोल। फिर परी ने मुझे देख कर बोला कि-

परी: खाना खाने के बाद प्रोग्राम शुरू करते है, और आज पूरा ध्यान प्रीति पर रखना है।

फिर हम दोनों बाहर आ गए। हम तीनों ने फिर खाना खाया। मेरी बीवी पहले ही खाना बना चुकी थी। खाना खाने के बाद प्रीति उठ कर वापस सोफे पर बैठ गई। परी मुझे उसको रूम में लाने का इशारा करके अंदर चली गई। मैंने देखा की प्रीति शर्मा रही थी, और नीचे गर्दन करके बैठी हुई थी। मैं उसकी बगल में बैठ गया। मैंने धीरे से अपना हाथ उसके हाथ पर रखा।

प्रीति ने गर्दन ऊपर उठा कर मेरी तरफ देखा। मैंने उसको गर्दन हिला कर हामी भरी और प्रीति को आंखो से ही समझाया कि सब ठीक था। प्रीति की आंखो में अब मैंने प्यार और इंतजार देखा। वो अब बस मेरी होना चाह रही थी। वो खुद को मुझे समर्पित करना चाह रही थी। बस मुझे आगे होकर उसको अपनाना था।

मैंने आगे होकर अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिये। उसने आंखे बंद करके अपने होंठो को खोल कर मेरे होठों को अपने मुंह में भर लिया, और अब प्रीति एक-दम भूखे भेड़िए की तरह मुझ पर टूट पड़ी थी। उसके दोनों हाथ मेरे बालो में चले गए और मेरे हाथ उसकी कमर में।

अब मैं पैर मोड़ कर पूरा सोफे पर बैठ गया था। हम दोनों एक-दूसरे को चाटे जा रहे थे, जैसे हम सदियों से भूखे हो एक-दूसरे के लिए। प्रीति भी सोफे पर आकर मेरी बाहों मे आना चाह रही थी, पर उसकी साड़ी की वजह से उसके पैर आजाद नहीं थे। मैंने उसकी कमर से साड़ी को पकड़ कर पेटीकोट में से निकाल दिया। अब प्रीति ने धीरे से अपनी गांड उठा कर साड़ी को नीचे गिरा दिया।

प्रीति अब लाल ब्लाउज और पेटीकोट में थी। प्रीति ने झट से सोफे पर आकर मेरे ऊपर चढ़ कर बैठ गई। उसने अपने पैर मेरी कमर के चारों तरफ लगा लिए, और अपने हाथों से मेरे चेहरे को पकड़ कर वापस अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिए। मैं भी प्रीति के होठों को चूस रहा था। प्रीति के चूचे ब्लाउज में से ही मेरे सीने के टच हो रहे थे।

मैंने प्रीति के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, तांकि मेरा हाथ उसके अंदर जा सके। मैंने अपने हाथों से प्रीति की गांड को कस कर पकड़ लिया, और दबाने लगा। हम दोनों अब भी बेसब्रों की तरह एक-दूसरे को चूस रहे थे। अब मैं पैर नीचे रख कर खड़ा हो गया। प्रीति मेरी गोद में थी। उसने अपने पैर सीधे करके पेटीकोट निकाल दिया, जो उसके पैरो में अटका हुआ था।

फिर मैं रूम की तरफ बढ़ा। परी वहीं रूम के गेट पर खड़ी हुई, तब से हमको देख रही थी। परी ने ब्लू नाइटी पहन रखी थी, जो उसने कमर तक उठाई हुई थी, और वो अपनी चूत पर उंगली फिरा रही थी। उसने बगल होकर मुझे अंदर जाने का रास्ता दिया। प्रीति अब तक बहुत पागल हो चुकी थी।

मैंने प्रीति को रूम में ले जाकर बेड पर पटका।‌ तब प्रीति ने आंखे खोली और देखा रूम मे जीरो वॉट का लाल बल्ब जला हुआ  था, और बेड पर गुलाब की पत्तियां बिखरी हुई थी।‌ रूम का माहोल और हमारी सोफे की लंबी किस के बाद प्रीति की आंखो में हवस आ गई थी। तभी पीछे से परी ने आकर मुझे मेरे कान में कहा-

परी: जान आज इसकी असली सुहागरात मनानी है। क्यूं प्रीति बेबी, मजे आ रहे है ना?

प्रीति: हम्म्म!

मैं: प्रीति बहुत सेक्सी लग रही है यार। (प्रीति लाल ब्लाउज और काली पैंटी में कयामत लग रही थी)

प्रीति: थैंक यू जीजू।

दोस्तों इसके आगे की कहानी अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगी।

अगला भाग पढ़े:- बीवी की सहेली ने लंड लिया शादी के बाद-2