मेरा नाम रविंद्र है। मैं अभी 22 साल का हूं। ये मेरी अपनी सेक्स कहानी है। मैं राजस्थान के नागौर का रहने वाला हूं। मेरा लंड 6″ लम्बा है, और 3″ मोटा है। आज तक मैं 10 से ज्यादा चूतों के चोद चुका हूं।
जब कॉलेज में हुआ था, तब मैं जोधपुर रहने चला गया मेरी बुआ के वहां। मेरी बुआ का नाम देविका है। मेरी बुआ की उम्र 40 साल है। वो मोटे बूब्स, और मोटी गांड की मालकिन है। मेरे फूफा जी तमिलनाडु रहते हैं, और 2 लड़के 14 और 16 साल के हैं, जो इंग्लिश मीडियम में पढ़ते हैं।
एक बार रात को मैं 10 बजे तक पढ़ कर रूम से बाहर आया मूतने। तब मैंने हल्की-हल्की आवाज सुनी। वो आवाज बुआ के रूम से आ रही थी। मैं दरवाजे से सट कर सुनने लगा, तो बुआ के शब्द सुने-
बुआ: तू क्या कर रही रंडी? अकेली-अकेली चुदवा रही है। कभी मेरे पर भी रहम कर (बुआ लोकल भाषा में बोली)।
फिर बुआ के मोबाइल में से सामने से आवाज आई: देविका तू भी पता नहीं कितने लौड़ों से तृप्त होगी। तेरा भोंसड़ा तो कोई घोड़ा ही चोद सकता है।
ये सब सुन कर मेरा लंड डंडे की तरह कड़क हो गया, और झटके मारने लगा। मैं मेरे लंड को पकड़ कर अपने रूम में गया, और वापस बुआ की सेक्सी बातों को याद किया। तभी मेरे लंड ने वीर्य छोड़ दिया। तब से मैंने बुआ और उसकी रंडी किस्म की सहेली को चोदने की ठान ली। सुबह उठ कर स्नान और नाश्ता करके मैं कॉलेज चला गया। शाम को आया तब बुआ पास के घर में गई हुई थी, और उनका मोबाइल चार्ज लगा हुआ था।
मुझे तरकीब सूझी। मैंने बुआ के मोबाइल को लेकर उनकी गूगल आईडी मैंने लॉगिन कर ली, और व्हाट्सएप और इंस्टा को भी लॉगिन कर लिया। फिर शाम को बुआ भी आई और खाना वगैरह हुआ। फिर रात को 10 बजे उनके व्हाट्सएप पर किसी औरत का मैसेज आया, और सेक्स वाले स्टीकर भी भेजे।
मैंने जब उसकी डी.पी. देखी तो मैं हैरान रह गया। क्योंकि वो एक डॉक्टर थी, जो मेरे बुआ के घर के पास हॉस्पिटल में लगी हुई थी। कभी-कभी वो बुआ के घर भी आती है। उसकी उम्र 45 साल होगी। पतली सी थी वो, और सेक्सी भी दिखती थी।
फिर मैसेज आया: क्या कर रही हो जान?
बुआ ने कोई रिप्लाई नहीं दिया। मैंने बुआ की गूगल आईडी पर हिस्ट्री चेक की तो देखा कि बुआ पोर्न देख रही थी। मुझसे रहा नहीं गया, तो मैंने अपने नंबर से डॉक्टर को मैसेज किया सॉरी का। डॉक्टर का नाम शांति है (बदला हुआ)।
शांति ने पूछा: कौन?
मैंने नाम/एड्रेस दिया। फिर मैसेज का कारण पूछा तो मैंने चैट करना बंद कर दिया। अब फिर से बुआ और शांति की वार्तालाप देखने लगा। दोनों रंडिया बन कर खुल्लम-खुल्ला बातें करने लगी।
फिर अचानक डॉक्टर ने पूछा बुआ को: हाय बहन की लौड़ी, तेरे घर में एक जवान लंड है ना, तेरी चूत का जुगाड़ कर ले।
बुआ भी बोली: हां दीदी, मैं भी उसका लंड लेना चाहती हूं। लेकिन क्या करूं, वो मेरे बेटे की तरह रहता है। घर में शर्म आती है।
फिर दोनों मेरे लंड के बारे में वार्तालाप कर रही थी, और मैं लंड हिला रहा था। फिर मैं बुआ के रूम की छत पर गया, और ऊपर की जाली पर रखे गत्ते को धीरे से थोड़ा हटाया, और देखने लगा। अंदर बुआ पूरी नंगी पड़ी हुई थी, और चूत में उंगलियां डाली हुई थी। वो जोर-जोर से चूत को मसल रही थी।
तभी मैंने बुआ का व्हाट्सएप देखा तो डॉक्टर ने भी अपनी चूत और बूब्स के पिक भेज रखे थे। तभी डॉक्टर ने बुआ को मेसेज किया कि जा देख कर आ तेरा भतीजा क्या कर रहा है। जैसे ही बुआ बेड पर से उठी, तो मैं भी चुप-चाप अपने रूम में आकर कर पेंट को घुटनों तक करके, लंड को बाहर निकाल कर सो गया, और नींद में होने का नाटक करने लगा। मैंने अपने मोबाइल में भी बूआ-भतीजे की सेक्स स्टोरी लगा कर मोबाइल को भी पास में रख दिया।
थोड़ी देर बाद बुआ रूम में आई, और पास आकर खड़ी हो गई। डॉक्टर वीडियो कॉल में थी। बुआ ने मेरे लंड को देखा, और शांति को भी बताया। फिर मेरा मोबाइल देखने लगी तो बुआ ने शांति को सेक्स स्टोरी के बारे में बताया।
शांति बोली: देख ले ये भी तेरे भोसड़े का दीवाना है। अब शुरू हो जा।
फिर बुआ मेरे लंड को पकड़ कर मुंह में लेकर चूसने लगी। मैंने आंखे खोली तो बुआ ने मेरे मुंह पर उंगली रख दी, और बोली-
बुआ: बेटा केसा लग रहा है?
मैं मुस्कराने लगा और कुछ नही बोला। फिर बुआ मेरे लंड पर बैठ गई, और मेरे होठों को चूसने लगी। तभी विडियो कॉल से शांति बोली-
शांति: मुझे भी दिखा रंडी क्या कर रही है।
फिर बुआ मेरे लंड पर उछल-उछल कर चुदवा रही थी। बुआ ने मुझसे डॉक्टर से बात करने के लिए बोला।
मैं बोला: हेलो।
वो अपनी चूत दिखा कर बोली: जानू कल इसको भी चोदोगे?
मैंने हां कह दी। फिर रात भर बुआ को चोदा अलग-अलग पोजिशन में, और हम 4 बजे सो गए। जब सुबह 9 बजे जगा तो बुआ मेरे पास चाय लेके मुझे जगा रही थी।
वो बोली: बेटा चाय पी ले, और फिर तैयार हो जाओ। शांति आने वाली है।
मैं स्नान करके तैयार हो गया। जब मैं और बुआ किस कर रहे थे खड़े-खड़े तभी डॉक्टर आ गई, और आते ही दोनों को गले लगाया। उसने मेरे लंड को पेंट के ऊपर से सहलाया, और बोली-
शांति: मेरे हाथ ने तेरे लौड़े को तैयार कर दिया क्या?
फिर हम तीनों बुआ के रूम में गए, और मुझे डॉक्टर ने 2 टेबलेट दी। मैंने खा ली। फिर हमने एक सिगरेट जलाई और पी। तब तक डॉक्टर की टेबलेट असर करने लगी। मेरा लंड फड़फड़ाने लगा। तब अचानक मेरे लंड को डॉक्टर ने पकड़ लिया पेंट में। फिर बाहर निकाल कर चूसने लगी। तभी बुआ भी उसके पास बैठ गई, और मुंह से चाटने लगी।
फिर हम तीनों नंगे हो गए और चुदाई शुरू हो गई। शाम को 6 बजे तक चुदाई की। बुआ ने भी चूत चुदवाई, और बुआ के कहने पर शांति ने अपनी गांड भी मरवाई। उसकी गांड भी बहुत टाइट थी, लेकिन अंदर डलवाने के लिए बुआ ने और खुद डॉक्टर शांति ने अपनी गांड पर थूक लगाया। मैंने धक्का दिया, और लंड पूरा अंदर चला गया।
शांति: आह चोद दो राजा आह।
मैं भी दोनों को गालियां देते हुए लंड का रगड़ाव तेज करके चोदने लगा। ऐसे ही सुबह तक चोदता रहा। तब से बुआ को रोज चोदना शुरू किया, और शांति को हर तीसरे-चौथे दिन। डॉक्टर ने अपनी एक दोस्त को भी चुदवाया मुझसे। वो भी सरकारी टीचर है। अब भी कभी-कभी चुदाई कर लेते है