बुआ की चुदाई

मेरा नाम राजू है। मेरे पापा के चाचा की लड़की थी उर्वशी, जो रिश्ते में मेरी बुआ लगती थी। जब मैं कॉलेज प्रथम वर्ष में रहा होगा, तब वो भी कॉलेज जाती थी। वो दिखने में काफी अच्छी थी। साफ रंग था उनका। बुआ और मैं साथ में काफी खेला करते थे। छुपम-छाई पकड़म-पाटी। और बुआ मुझे गुदगुदी भी किया करती थी। मुझे आज भी याद है बुआ मुझे गुदगुदी के बहाने लंड पर छू लिया करती थी। मेरी चड्डी में हात डाल कर गुदगुदी किया करती थी।

एक बार की बात है मेरा लंड नया-नया खड़ा होना शुरू किया होगा। तब मुझे पता भी नहीं था कि इससे सेक्स भी करते है और स्पर्म भी निकलता है। एक बार बुआ के साथ मस्ती करते-करते कुछ अजीब सा लगा, और मेरा लंड काफी कड़क होकर दुखने लगा। मैंने बाद में बाथरूम में जाकर देखा तो पता नहीं लंड पर सफेद-सफेद सा कुछ था एक बूंद। मैं डर गया मुझे लगा कि मुझे पस आ रहा था। मैं काफी परेशान हो गया।

थोड़ी देर तक मुझे परेशान देखने के बाद बुआ मुझसे पूछने लगी: क्या हुआ राजू? परेशान क्यूं है? कुछ हुआ क्या?

मैं: नहीं बुआ, कुछ नहीं हुआ।