मेरे बचपन का प्यार रूबी – भाग 14 – रविवार की आखरी रात

मैंने रितु की टांगें थोड़ी और ऊपर की और चूतड़ खोल दिए। गांड का छेद मेरे सामने था। मैंने छेद पर जैसे ही जुबान फेरी रितु के मुंह से सिसकारी निकली “आअह”

मेरे बचपन का प्यार रूबी – भाग 10 – धर्मपुर की सैर और सेक्स टॉयज

लड़कियों के मूतने की आवाज शररर्र फर्रर्रर्र में भी एक लय और संगीत होता है – सेक्सी संगीत। बड़े बड़े ब्रह्मचारियों का लंड खड़ा कर देता है।

मेरे बचपन का प्यार रूबी – भाग 4 – दूसरा दिन बुधवार, रूबी की चुदाई के किस्से

चुदाई के वक़्त जब मर्द ऊपर लेटता है या जब बाहों में भींचता है, कमर को पकड़ कर धक्के लगाता है उसका भी तो अपना मजा है”।