मेरी खूबसूरत पत्नी को अकेले रहना पसंद नहीं-19

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अंजली ने एक ही दिन में अपना सारा रंडी-पना दिखा दी। आनंद के सामने उसने 72 साल के बुड्ढा केडिया से बूर चुसवाया, बल्लू माली और दर्ज़ी से चुदवाया। आनंद ने अंजली की बूर में रस गिरा कर लंड बाहर निकाला और दर्ज़ी का लंड माया की बूर के रस से लथ-पथ था। अंजली ने एक एक हाथ से दोनों लंड को जड़ से पकड़ा।

अंजली: आनंद जैसी डील हई थी तुम दोनों बूर से निकले लंड को चूस-चाट कर साफ़ करोगे। दोनों एक-दूसरे का लंड चाटो, और चूस-चूस कर फिर से टाईट करो। चाचा मुझे चोदेगा और तुम अपनी रंडी माया को चोदो और उसके बाद हम सब को किसी बढ़िया होटल में ले जाकर खाना खिलाओ।

दर्ज़ी: मैंने एक बार चूस लिया है।

अंजली: चाचा, अगर मुझे चोदते रहना है तो मैं जो जब बोलूंगी करते रहना पड़ेगा। आनंद का लंड चूस कर जल्दी से टाईट करो। आनंद अपनी माया को चोदेगा, और तुम अपनी बेटी को चोदो।

दोनों मर्द समझ गये कि बहुत बड़ी हरामजादी औरत से पाला पड़ा था। माया बहुत बुद्धिमान थी। वो सब समझ गई कि अंजली अपने सभी मर्द को अपना गुलाम बना कर रखने वाली औरत थी।

माया: चाचा और आनंद साहब, मेरी बहन ने जो कहा है वो करो नहीं तो आपके ऑफिस में सभी को मालूम हो जायेगा कि ये अपनी घरवाली से धंधा कराता है, और चाचा नाप लेते समय औरतों के साथ ज़बरदस्ती करते हैं।

माया कि बात ख़त्म हुई और दोनों मर्द एक दूसरे से चिपक गये। पहले आनंद ने दर्ज़ी का लंड पकड़ा और उसे चाटने लगा, और दर्ज़ी दूसरी बार आनंद के लंड को चूसने लगा।

अंजली: माया ये दोनों हमारी बूर का स्वाद ले रहे हैं चलो हम भी एक-दूसरे की जवानी का मज़ा लेते हैं।

ये दोनों औरतें भी एक-दूसरे से भिड़ गई। कभी माया उपर तो कभी अंजली उसके उपर आ जाती थी। इन दोनों के लिए औरत-औरत के बीच जवानी की मस्ती लेने का पहला मौक़ा था। दोनों में से किसी को भी मालूम नहीं था कि औरत को औरत से कैसे सेक्सुअल मज़ा लिया जा सकता था।

पहले आनंद ने फिर केडिया ने दोनों औरतों को जतला दिया था कि औरत की बूर और नंगी जवानी में कितनी मस्ती है। थोड़ी देर कुश्ती करने के बाद अंजली माया के ऊपर लेट गई। अपनी बूर को माया के चेहरे पर रगड़ते हुए अंजली ने माया की चूत की फांक को पूरा फैलाया।

अंजली: चाचा देखो, तुम्हारी इस दूसरी बेटी की बूर भी अंदर से कितनी गुलाबी और रसीली है। तुम अपने घर की जिस औरत को, लड़की को चोदना चाहते हो, कॉलेज की किसी लड़की को चोदना चाहते हो, या फिर वैसी ही किसी कस्टोमर औरत की बूर में ही अपना लंड पेलना चाहते हो, तो बस उसे किसी तरह यहा़ं, मेरे घर लाओ। हम उसे इतना गर्म कर देंगे कि साली ख़ुद तुम्हारा लंड पकड़ कर अपनी बूर के अंदर ले लेगी।

दोनों मर्द ने एक-दूसरे के लंड को बढ़िया से, हर तरफ़ से चाट लिया था। उसके बाद दोनों एक-दूसरे के बदन को सहलाते हुए लंड को चूस रहे थे। ऐसा रग रहा था मानो दोनों को लंड चूसना बढ़िया लग रहा था। अजंली माया को चूसने चाटने में व्यस्त था लेकिन उसे ये लेस्बियन पसंद नहीं आ रहा था।

माया: रंडी, जिसका जो काम है उसे करने दो ना। केडिया ने, आनंद ने बूर चूसा चाटा था तो बढ़िया लगा था। रोड पर कुत्ते को कुतिया की बूर चाटते देखती हूं तो बढ़िया लगता है। कभी-कभी तो जी करता है कि कुतिया को हटा कर खुद ही कुत्ते के सामने नंगी हो जाऊं और अपनी बूर चुसवाऊं। लेकिन जब आनंद साहब, केडिया जैसे दो टांग वाले कुत्ते हैं, तो अपने को कुतिया क्यों बनाऊं।

अंजली भी बुद्धिमान थी। वो समझ गई कि माया को औरत-औरत वाली मस्ती पसंद नहीं आ रही थी। अंजली ने ध्यान दिया कि दोनों मर्द एक-दूसरे के लंड को बहुत प्यार से चूस रहे थे, लेकिन लंड तब भी ढीला ही था।

अंजली: चाचा, आनंद, तुम दोनों ने हमारी बूर का अंदरूनी स्वाद ले लिया। अब तुम दोनों हमारे बदन से खेलो। हम तुम्हारे लंड को चूदाई के लिए फिर से तैयार करते हैं। इस बार कोई रोक-टोक नहीं। जिसका लंड पहले टाईट होगा वो जिसकी बूर में चाहे पेल सकता था।

आनंद को आश्चर्य हुआ कि सुबह से अंजली 6-7 बार तीन आदमियों, बल्लू, दर्ज़ी और आनंद से चुदवा चुकी थी, फिर भी चुदवाने को तैयार थी। आनंद अपनी घरवाली की चुदाई की भूख के बारे में सोच ही रहा था, लेकिन दर्ज़ी ने अपने मुंह से आनंद के लंड को बाहर निकाला। फिर अंजली की दोनों टांगो को पकड़ कर अपनी ओर खींचा। एक-एक टांग को अपने कंधे पर रखा और झांट के साथ पूरे बूर को मुंह के अंदर लेने लगा।

बाक़ी दोनों दर्ज़ी के हरकत को देखते रहे। तीन घंटा पहले जो आदमी बूर में मुंह लगाने से हिचक रहा था, वो अब ऐसा कर रहा था मानो बूर को खा ही जायेगा। आनंद और माया दूसरे दोनों की हरकत देखते रहे। अंजली लंड को मसल-मसल कर मुठिया रही थी। दर्ज़ी कभी जीभ को बूर के अंदर पेलना था, तो कभी नाक को बूर में ठेलता था। आनंद ने माया को गोदी में बिठा लिया और उसकी जवानी से खेलता रहा।

लेकिन अंजली की नंगी जवानी का असर बहुत तेज था। दर्ज़ी का लंड पूरे फ़ॉर्म में आ गया। माया ने दूसरे हाथ से दर्ज़ी का लंड भी पकड़ लिया।

माया: मेरी बूर में ये 34 वा लंड घुसा था। कुतिया (अंजली) मुझे इस मुसल को अंदर लेने में दिक्क्त हो रही थी। तू‌ कैसे इससे बार-बार चुदवा रही है। आदमी का लंड क्या इतना लंबा-मोटा होता है? चाचा, अभी 52 साल की उम्र में लंड में इतनी ताक़त है कि एक आग सी फुलझड़ी को दूबारा-तिबारा चोद रहे हो तो जवानी में क्या करते होगे?

दर्ज़ी ने अंजली को सीधा लिटाया और उसके उपर आकर चूचियों की मस्ती लेने लगा। दोनों चूचियों को बारी-बारी से मसलते हुए खूब चूसा। अंजली ने लंड को पकड़ कर बूर पर दबाया और दर्ज़ी तीन घंटे में दूसरी बार अंजली को चोदने लगा। तभी दरवाज़े पर दस्तक हुई।

अंजली: माया मेरा कुर्ता पहन लें, और जो भी है उसे बोल दें कि हम दोनों बाहर गये हैं। आठ बजे तक वापस आयेंगे। किसी भी हालत में कोई अंदर ना आये। चाचा, और कुछ मत सोचो। सोचो की अपनी बेटी रुखसार की चूत में ही लंड अंदर-बाहर हो रहा है।

लेकिन दर्ज़ी को अपनी बेटी की चूत में लंड पेलने में कोई दिलचस्पी नहीं थी।

दर्ज़ी: अंजली बेटी, अब मेरी सारी बेटियां भले ही मेरे सामने दिन भर नंगी रहे, उन्हें तेरा आनंद चोदे या बिहारी, मेरा लंड तो बस अब एक ही बूर में घुसेगा, सिर्फ़ अंजली बेटी की बूर में। उफ़ आनंद साहब, तुम्हारी घरवाली की बूर में जितना बार लंड घुसाता हूं, हर बार नया-नया मज़ा मिलता है।

उधर, दरवाज़े के पास-

माया ने एक कुर्ता पहन कर दरवाज़ा खोला तो सामने केडिया का सबसे ख़ास चोदने वाला भीमा था। दोनों एक-दूसरे को बढ़िया से जानते थे। भीमा ने कुछ महीने पहले माया को चोदा था।

माया: क्या हुआ भीमा, अभी यहां क्यों आये हो?

भीमा: मुझे आनंद साहब को अपने साहब का एक संदेश देना है।

जैसा अंजली ने कहा था माया ने कह दिया कि दोनों बाहर गये हैं। 9 बजे के बाद आयेंगे।

भीमा: ठीक है हम कार लेकर 9 बजे आयेंगे। अपनी मालकिन से कह देना कि दोनों को रात का खाना साहब के साथ खाना है और दोनों पूरी रात वहीं रहेंगे। माया, तुम आओगी तो मुझे बढ़िया लगेगा।

माया: ना बाबा ना, तुमसे एक बार चुदवा लिया वहीं बहुत है। कौन घोड़े के लंड जैसे मोटे और लंबे लंड से बार-बार चुदवायेगी। ना, तेरा 9 इंच लंबा और साढ़े तीन इंच से मोटा लंड कौन बार-बार बूर में लेगी।

माया की बात सून कर भीमा माया के बिलकुल सामने खड़ा हो गया। चारों तरफ़ अंधेरा था। भीमा ने पैंट और अंडरवियर नीचे कर दिया। माया की आंखों के सामने पूरा हल्लबी लंड उपर-नीचे हो रहा था।

भीमा: आज पहले एक कुंवारी बूर में लंड पेला और बाद में उसी लंड से लड़की की आंखो के सामने उसकी मॉं को भी चोदा। केडिया साहब के सामने दोनों मां-बेटी को 2-2 बार चोदा और तू बोलती है कि तेरी बूर फट जायेगी। तू भी आ जाना। आज रात तेरी नीलामी भी करवा दूंगा।

भीमा ने माया से लंड को थोड़ी देर सहलवाया। माया को बोल कर कि कार लेकर 9 बजे आयेगा वो चला गया। भीमा का कड़क लंड देख कर माया बुरी तरह से चुदासी हो गई थी। दरवाज़ा बंद कर उसने कुर्ता उतार फेंका।

माया: आनंद, चोदो इस कुतिया को। तुम दोनों के साथ साथ मुझे भी पूरी रात केडिया साहब के साथ रहना है। केडिया साहब की बहु तुम्हारे साथ रात गुजारना चाहती है।

माया वहीं अंजली के बग़ल में लेट गई, और आनंद पहले के ही तरह माया को जमा-जमा कर चोदने लगा। दोनों मर्दों ने फिर अपनी-अपनी औरतों को बहुत खुश किया।

माया: अंजली, जब तेरे इस बेटीचोद चाचा (दर्ज़ी) ने चोदा तो मुझे बहुत ही बढ़िया लगा था। तुम्हारा घरवाला अब चौथी बार मुझे चोद रहा है। मुझे लगने लगा है कि मेरी बूर और जवानी आनंद साहब का ही इंतज़ार कर रही थी। सच आनंद, अपने बेटों की कसम तुम मुझे सबसे बढ़िया लगे हो। तुमसे बढ़िया चुदाई और कोई नहीं कर सकता है। तुम्हारी घरवाली मेरे भाई पंकज से चुदवायेगी या नहीं वही जाने। लेकिन मैं पंकज की घरवाली पुष्पा को बहुत जल्दी तुम्हारे लंड के नीचे लाऊंगी।

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