मां को चोदने के लिए लोगों ने उकसाया-37

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राजेंद्र ने रंभा को चोदना शुरू ही किया था कि शोभा भी आ गई। रेणु ने धीरे से उसे सब बताया कि उसके जाने के बाद क्या हुआ।

रेणु: लेकिन तुझे इतना लेट कैसे हो गया? पता है तुम क़रीब तीन घंटा बाद आई हो! किससे चुदवा रही थी?

शोभा: हम रेस्टोरेन्ट में खा ही रहे थे कि एक आदमी सामने आया और उसने जरीना का हाथ पकड़ लिया। उसने कहा कि वो जरीना को दस हज़ार ही देगा। लेकिन अगर हम दोनों, मैं और शिप्रा भी साथ रहेंगे तो वो हर एक को बीस-बीस हज़ार देगा। उसने बैग से रूपया निकाल कर टेबल पर रख लिया। तुम उसे रूपया दे रही थी, तो उसने तुम्हें गाली दी। लेकिन कुतिया ने आदमी के साथ डील की कि अगर वो 75 हज़ार देगा तो तीनों उसके साथ चुदवायेंगे।

शोभा: उस आदमी ने कहा कि अगर शिप्रा का घरवाला भी रुम में रहेगा तो वह 75 हज़ार देगा। और वो नामर्द मान भी गया।उस नामर्द के सामने उसने शिप्रा को ही पहले चोदा, उसे लंड भी चुसाया। साला अपना लंड हिलाते हुए घरवाली की चुदाई देखता रहा। उसी से चुदवाने में लेट हो गया। मैं तो अमित से चुदवाने के लालच में आई हूं, लेकिन लगता नहीं कि मेरा नंबर आयेगा।

इंदिरा सब सुन रही थी।

इंदिरा: आज का दिन ही ख़राब है मेरे लिए। सुबह से ये मादरचोद तीसरी बार चोद रहा है। तेरे मालिक ने तीन बार चोदा। लाला ने एक बार चोदा। बेटा, मेरी चूत चमड़े का ही है, कोई इलास्टिक नहीं है कि कितना भी रगड़ो तो फर्क़ नहीं पड़ेगा। अब अगर तू चाहता है कि मैं सुबह तेरे होस्टल चलूं, तो मेरे उपर से उतर और मुझे 4-5 घंटा बढ़िया से सोने दे।

लाला समिरा को खूब रगड़-रगड़ कर चोद रहा था।

लाला: अमित, तुम्हें जो कीमत चाहिए मैं दूंगा। अपनी मां मुझे दे दो। चाहे तो रुपया के साथ-साथ ये रंडी रंभा भी तुम्हें दे दूंगा।

अमित: लाला जी, हमारे हेडमास्टर और दूसरे लोग बेसब्री से मेरी मां का वेट कर रहे हैं। कल सुबह तो मेरी मां मेरे साथ ही जायेगी। पहले तो सोचा था कि शनिवार तक अपने साथ रखूंगा, लेकिन मेरी रंडी मां के लिए आप लोगों का प्यार देख कर मैं बुधवार की रात तक ही अपने साथ रखूंगा। बृहस्पति वार सुबह हमारे होस्टल आकर मां को ले जाइये। ये जहां जिसके साथ रहना चाहे, इस रंडी की मर्ज़ी। ले रानी, तुझे चोद कर सच बहुत ही ज़्यादा मज़ा आया।

बोल कर अमित ने मां की बूर से लंड निकाला। अपने लोअर हिस्से के सपोर्ट पर बैठा। राजेंद्र रंभा को चोद रहा था। अमित ने रेणु की ओर देखा। फिर अपने को इस तरह पोज़ीशन किया कि उसका लंड राजेंद्र के मुंह की लाईन में आ गया। रूम में 8 लोग थे, लेकिन एक रेणु के अलावा किसी को अंदाज़ा भी नहीं था कि अमित क्या करने वाला था।

रेणु ने अमित को यह चैलेंज तो दे दिया कि राजेंद्र को अपना लंड चुसाए। लेकिन उसे बहुत डर भी लग रहा था। लेकिन जब तक कोई समझता अमित ने राजेंद्र के माथा को पकड़ कर अपनी ओर खींचा। अपने एक हाथ से पकड़ कर अमित ने लंड को राजेंद्र के मुंह में पेल दिया, और दोनों हाथों से राजेंद्र के माथे को ज़ोर से पकड़े हुए लंड पर नीचे उपर करने लगा। लाला भी समिरा के बूर में लंड को दबाये रख आंखे फाड़ कर देखता रहा। अमित लगातार राजेंद्र के माथे को अपने लंड के उपर-नीचे करता रहा।

शोभा: मादरचोद की इतनी हिम्मत कि हमारे मालिक को लंड चुसाए।

रेणु: चुप ही रह। पुलिस में बात जायेगी तो सभी को पता चल जायेगा कि राजेंद्र सिर्फ़ अपनी बहु और भाई की बेटी को ही नहीं चोदता है, उनसे धंधा भी करवाता है। सारे शहर में बात फैल जायेगी कि लाला ने अपनी बेटी को बेचा ही, दूसरों के सामने ख़ुद भी चोद लिया। अमित जान प्यारी है तो तुरंत अपनी रंडी कुतिया मां को लेकर यहां से भागो।

रेणु ने एक तीर से दो निशाना साधा। उसने राजेंद्र और लाला को भी चेतावनी देदी कि अमित के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने से क्या होगा। साथ ही उसने अमित से भी कह दिया कि मां को लेकर होटल से निकल जाये। रेणु को मालूम था कि इंदिरा ने एक ही दिन में 7 लाख से ज़्यादा कमाया था।

राजेंद्र का माथा तेज़ी से लंड पर उपर-नीचे हो रहा था। साथ ही आंखों के सामने तीन नंगी जवानियां थी। रुम में 5 औरतें थी। समिरा और शोभा को छोड़ कर अमित ने बाक़ी तीनों को चोद लिया था। तीन-तीन माल को एक साथ नंगी देख कर अमित भी बहुत एक्साइटेड हो गया। दोनों हाथों से माथा को लंड पर दबाया, और लंड ने पानी फेंकना शुरू किया।

अमित: राजेंद्र जी, मेरे लंड पर कुंवारी रंभा और दुनिया की सबसे घटिया रंडी मेरी मां के अंदरूनी बूर का रस लगा था, वो सारा आपने चाट लिया। अब आप मेरे लंड से निकला रस भी गटक लेंगे तो देखिएगा, रंभा चुदवाते हुए पस्त हो जायेगी लेकिन आप नहीं थकेंगे।

अमित ने राजेंद्र के माथा को अपने लंड पर दबाए ही रखा। राजेंद्र के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था। अमित के लंड का गर्म-गर्म रस, सारा रस राजेंद्र के गले से होते हुए उनके पेट में चला गया। जब अमित को लगा कि लंड ने सारा रस राजेंद्र के अंदर डाल दिया था, तब तीन-चार धक्के मार कर लंड को बाहर निकाल लिया। राजेंद्र को संभलने में थोड़ा समय लगा। उसने रंभा की बूर से लंड बाहर नहीं निकाला।

राजेंद्र: रेणु, इन दोनों हरामियों को हमारे नज़र के सामने से तुरंत हटाओ। इन्हें बोल दो कि अगर इन दोनों में से कोई भी होटल के आस-पास भी नज़र आया तो मैं इनका खून कर दूंगा।

राजेंद्र का ग़ुस्सा होना जायज़ था। राजेंद्र की बात सुन दोनों मां-बेटे बेड से नीचे उतरे और उपर बेड पर लाला और राजेंद्र अपनी अपनी माल को फिर से चोदने लगे।

रेणु ने इंदिरा को कपड़ा पहनने में और सामान समेटने में भी मदद की। रेणु ने ख़ुद उस दिन की सारी कमाई इंदिरा के सूटकेस में रखी। दोनों मां-बेटा एक साथ बाथरूम गये और अपना सामान लेकर रुम से बाहर निकल गये।

रेणु: साढ़े बारह बज रहे है। होस्टल जाने में एक घंटा लग जायेगा। तो चलो मैं तुम दोनों को सामने वाले होटल में बुक कर देती हूं। सुबह चले जाना।

लेकिन अमित ने होस्टल वापस जाने की ज़िद्द की।

अमित: नहीं रेणु, हम नहीं चाहते कि हमारे कारण तुम्हें कोई परेशानी हो। हम अभी होस्टल चले जायेंगें। सुबह मुझे क्लास भी करना है।

रेणु: तुम दोनों मुझे बहुत ही पसंद आये हो। मैं जल्दी कांटैक्ट करूंगी। संभल कर जाना। तुम्हारे साथ कोई साधारण औरत नहीं आग बरसाने वाली औरत है।

रेणु ने ही टैक्सी अरेंज किया। बिना किसी परेशानी के टैक्सी रेखा के घर के सामने रात के क़रीब डेढ़ बजे रुकी। टैक्सी वाला अपना भाड़ा लेकर चला गया।

इंदिरा: बेटा मुझे नहीं मालूम था कि मेरी जवानी की इतनी ज़्यादा क़ीमत है। तुमने तो बहुत बढ़िया चोदा ही, लाला की चुदाई मुझे ज़्यादा पसंद आई। सच बोलूं, मैं लाला से शादी करने को तैयार हूं।

कुछ देर तो मैं मां को घूरता ही रहा।

अमित: उन दोनों में से कोई भी अब तुम्हें अपने आस-पास नहीं आने देगा।

मां: कितना बड़ा हरामी है तू, बाप के सामने कुंवारी बेटी को चोद लिया, अपने बाप से 20 साल बड़े आदमी को लंड चुसाया, तुम्हें कोई डर भय नहीं है?

इंदिरा ने बेटे से यह शिकायत नहीं की कि उसने दूसरों के सामने भी मां को चोदा। अमित ने कई बार दरवाज़े पर नॉक किया तब दरवाज़ा खुला। सामने अरविंद सर थे। अमित के साथ एक 40-42 साल की खूबसूरत औरत को देख कर समझ गया।

अरविंद: प्रणाम इंदिरा जी, आपकी ट्रेन तो सुबह आती है फिर अभी इतनी रात को!

“सब सवाल दरवाज़े पर ही पूछ लोगे, दीदी को अंदर आने दो और अमित तू अभी अपने रुम में जा। यहां रहेगा तो ना ख़ुद सोयेगा ना हमें सोने देगा। इंदिरा दीदी, मैं ही आपके बेटे की छोटी मां रेखा हूं। आपका हमारे घर में स्वागत है।”

रेखा भी आ गई। उसने झुक कर इंदिरा के पांव को छू कर प्रणाम किया। अमित ने बहुत खुशामद की, लेकिन रेखा ने उसे घर में रहने नहीं दिया। मां को रेखा के घर छोड़ कर अमित होस्टल की तरफ़ आने लगा। होस्टल के गेट पर ना बनबारी था ना ही असलम। ललन नाम का तीसरा गार्ड था। उसने अमित को पहचान लिया।

ललन: अमित जी, लगता है कि आपकी माल ने आपको पूरा खाना नहीं खिलाया, या फिर आपका डंडा और उसका काम उसे पसंद नहीं आया तभी आधी रात को ही घर से निकाल दिया। ख़ैर कोई बात नहीं, आपके हिंदी टीचर पाठक सर की पत्नी रत्ना आपके रुम में आई थी। आप नहीं थे, तो आपके दोस्त विनोद के पास में ने उन्हें रख दिया है। विनोद साहब ने चोद लिया होगा। अब उन्हें आप के रुम में भेज दूं?

अमित: ललन जी, मैं अभी शहर से आ रहा हूं। मैं बहुत थका हुआ हूं। रत्ना को आप ही चोद लो। मैं कभी बाद में ले लूंगा। मैं सोने जा रहा हूं।

अमित अंदर आया लेकिन अपने रुम में नहीं गया। अंदर ही अंदर वार्डन के घर गया और दरवाज़े पर नॉक किया। कुछ देर बाद डोर खुला और एक हाउस गाउन पहने संपा सामने खड़ी थी।

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