मां बेटे की चुदाई – एक मनोचिकित्सक की ज़ुबानी-16

पिछला भाग पढ़े:- मां बेटे की चुदाई – एक मनोचिकित्सक की ज़ुबानी-15

असलम के खड़े मोटे लंड ने डाक्टर मालिनी अवस्थी को मस्त कर दिया था। मालिनी की चूत में बाढ़ आयी हुई थी। मालिनी असलम से चुदाई करवाने के लिए मरी जा रही थी। असलम से चुदाई का पूरा मजा लेने के लिए मालिनी ने असलम को वियाग्रा की गोली खाने के लिए दे दी। जल्दी ही वियाग्रा ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया, और असलम का लंड सख्त खूंटा बन गया।

मैंने असलम का लंड मुंह में ले लिया, और चूसने लगी। वियाग्रा अपना असर दिखाने लगी थी। असलम पर चुदाई का पागलपन सवार हो चुका था। असलम ने मेरा सर पकड़ा कर मेरे मुंह में ही लंड के धक्के लगाने लगा। असलम के मोटे लंड से मेरा दम घुट रहा था। मगर मेरी चूत और गांड दोनों में झनझनाहट हो रही थी।

कुछ देर यही करने के बाद असलम ने लंड मेरे मुंह में से निकाल लिया। मैंने असलम की तरफ देखा। असलम की आंखें विआग्रा के असर और चुदाई के खयाल से गुलाबी हो गयी थी।

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