भावना अनजान मर्द से चुदाई करवाने की बात कर रही थी – मगर मुकुल को लग रहा था कि इसमें जोखिम भी तो हो सकता है -जैसे कोइ लूट पाट, जोर जबरदस्ती। वो समझ नहीं पा रही थी कि कैसे हो अनजान मर्द से चुदाई हो सकती है”I
जब मुकुल ने भावना से पूछा तो भावना ने जवाब दिया, “देखो जीजी दिन दिहाड़े कोई अकेला बंदा ऐसे लूटपाट का जोखिम नहीं उठाएगा”।
“फिर शक्ल सूरत से भी अंदाजा हो जाता है। और जीजी जोखिम तो तब नहीं होता जब या तो आपका कोइ पक्का चोदने वाला हो। उसके पास जाओ और चुदाई करवा कर आ जाओ”।
“या परिवार में ही कोइ जानकार या रिश्तेदार हो जो आपके घर आता जाता रहता हो और जिस पर किसी को कोइ शक न हो। वो आपके साथ मौका मिलते ही चुदाई कर दे”।
“या फिर ऐसे ही आते जाते को पकड़ लो जिसे आप थोड़ा बहुत जानती हो I जैसे कूरियर वाला, या कोइ इलेक्ट्रिशियन जो बिजली की गड़बड़ देखने आया हो, या जो घर खाना वगैरह पहुंचाने आते हैं – होम डिलीवरी – कोइ इस तरह का “।
भावना अपनी बात जारी रखे हुए थी, “आज कल ये लोग भी पढ़े लिखे ही होते हैं – कोइ कोइ तो बीए पास – कॉलेज के ग्रेजुएट भी होते हैं । नौकरी नहीं मिलती इस लिए ऐसे काम करते हैं। बस इतना देख लो शकल सूरत ठीक हो स्मार्ट हो और गंदा ना हो साफ़ सुथरा हो”।
अब अगर घर वाला ही चुदाई ढंग की ना करे तो बीवी क्या करे “?
मुकुल ने पूछा,”लेकिन भावना अगर ऐसा, मतलब ये कूरियर वाला या वो दुसरे जो तूने बताये, अगर ये पीछे ही पड़ गए और बार बार चुदाई के लिए बोलने लगे तो “?
भावना बोली, “जीजी ये तो और अच्छा होगा। ये चुदाई ही तो हमारी समस्या है। ना ढंग के लंड हैं, न ढंग की चुदाई। अगर ऐसा साफ़ सुथरा अच्छा दिखने वाला चोदू बार बार चुदाई करने आ जाये तो और क्या चाहिए”।
मुकुल ने सोचा बात तो भावना सही कर रही थी।
मुकुल ने पूछा, “अच्छा भावना फिर तेरा क्या हुआ उस लड़के राकेश के साथ “?
भावना ने बात जारी रखते हुए कहा – जब मैंने उससे पूछा “उस लड़की को किस किया – चुम्मा लिया उसका ? तो जवाब में वो बोला हां जी किया ? जीजी अब राकेश सहज हो रहा था।
“और सेक्स – चुदाई”?
जीजी जब मैंने ये पूछा तो वो हड़बड़ा गयाऔर मेरी तरफ देखने लगा।
“अरे राकेश मैंने आसान सा सवाल किया। चुदाई की उस लड़की की ? चोदा उसे “?
” जी चोदा है “।
“कितनी बार चोदा है ”
“जी कई बार। उसके साथ चुदाई होती रहती है। वो मेरी पक्की गर्ल फ्रेंड है “।
“कैसे चोदता है उसको”? राकेश ने कोइ जवाब नहीं दिया।
मैंने फिर पुछा, “अरे मैं पूछ रहीं हूं कैसे चोदता ऊपर लेट कर कि पीछे से घोड़ी बना कर “?
जीजी राकेश ने फिर भी जवाब नहीं दिया। लग रहा था शर्मा रहा था, घबरा रहा था या हैरान था कि मैं ये क्या पूछ रही हूं और क्यों ।
फिर मैंने आख़री वार किया, “चल अच्छा, तो फिर तू मेरी चुदाई कर के दिखा कैसे चोदता है अपनी गर्ल फ्रेंड को ” और मैंने अपनी मैक्सी उतार दी। नंगा जिस्म छातियां तनी हुई सख्त चूतड़।
मैं राकेश के सामने खड़ी हो गयी। मेरी गीली चूत बिलकुल उसके मुंह के सामने थी। उसे मेरी चूत से पेशाब और चूत के पानी की गंध जरूर आ रही होगी। मैंने उसे बाजू से पकड़ा और कहा “चल आ मुझे चोदके बता”।
वो नहीं हिला।
मैंने उसे जोश दिलाया, “अबे राकेश यहां तेरी फटी पड़ी है तो उस लड़की को कैसे चोदता है। फिर मैंने उसके पैंट की ज़िप खोली और लंड निकाल लिया। उसके सामने ही घुटनों के बल फर्श पर बैठ कर उसका लंड चूसना शुरू कर दिया।
वो मस्त होने लगा। उसने अपनी कमीज और बनियान उतार दिए। लंड मेरे मुंह से निकाल कर उसने पैंट और अंडरवेअर भी उतार दिए। लंड अपने हाथ से हिलाया और मेरी तरफ इशारा किया, “अब चूसिये “।
पांच मिनट की चुसाई के बाद जो मेरे सामने था उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी। इतनी साधारण से डीलडौल वाले लड़के का लंड गधे के लंड जैसा था – मोटा और कम से कम आठ इंच लम्बा। मेरा तो मन किया अभी लेट जाऊं और बोलूं “चोद साले – फाड़ मेरी चूत”।
भावना बोली, “जीजी, राकेश का लंड बिलकुल सीधा खड़ा था डंडे की तरह”।
फिर राकेश ने मुझे उठाया और मेरे होंठ चूसने लग गया। होंठ छोड़े और मेरी चूचियां चूसनी शुरू कर दी, और अपनी उंगली मेरी चूत में घुसेड़ दी।
थोड़ा चूसने के बाद उसने मुझे कहा लेट जाईये मुझे आपकी चूत चूसनी है। चूतड़ों तक शरीर बेड पर। मेरी टांगें चौड़ी कर के अपना मुंह मेरी चूत में घुसा दिया और इतनी जोर से चूसा की मुझे लगा मेरा पानी ही छूट जायेगा।
लग रहा था कि राकेश चुदाई करता रहता था। वैसे भी ऐसे लंड को एक बार लेकर लड़की बार बार चुदाई के लिए कहेगी। कम से कम मेरा तो मन यही कर रहा था।
मैंने राकेश को कहा, “अगर तुम ऐसे ही चूसते रहे तो मेरा पानी ऐसे ही छूट जाएगा”।
वो मेरी चूत में से मुंह निकाल कर बोला आप अपना पानी छूट जाने दीजिये। मेरा पानी जल्दी नहीं छूटता। अब आपके साथ पूरे चुदाई के मजे लिए बिना नहीं हटूंगा “।
“और जीजी राकेश फिर उसी जोर शोर से मेरी चूत चूसने लग गया। थोड़ी देर में मुझे मजा आने लगा और फिर मेरे चूतड़ आमने आप जोर से हिले और एक सिसकारी आअह आआह के साथ ही मेरा पानी निकल गया”।
रकेश फिर भी मेरी चूत चूसता रहा। फिर ना जाने क्या हुआ एक दम उठा और मुझ से बोला “चूतड़ पीछे कर के खड़ी हो जाईये”।
मैंने बेड के किनारे पर कुहनियों के बल चूतड़ पीछे कर के खड़ी हो गयी। राकेश ने एक झटके से लंड चूत के अंदर तक बिठा दिया।
“क्या मजा आ गया जीजी जब ये बड़ा लम्बा लंड रगड़ खाता हुआ चूत के अंदर गया। एक पल को तो ख्याल आया की महेश का इससे आधे साइज़ का लंड है तभी तो हमारी चुदाई अधूरी रहती है और हमारी फुद्दीयां प्यासी रह जाती हैं”।
मुकुल ने मन ही मन सोचा महेश भी क्यों, रामजी भी तो ऐसा ही है झंडू लंड वाला और नक़ली चुदाई वाला।
भावना मुकुल को बता रही थी “रकेश जिस जोर से धक्के लगा रहा था में हैरान थी। लड़का हल्का था, शायद इसलिए इतने ज़बरदस्त धक्के लगाने के बावजूद उसको सांस नहीं चढ़ रहा था”।
“अगले आधे घंटे तक उसने उसी स्पीड से मेरी चुदाई”।
“सच पूछो जीजी मेरे मन में महेश के लिए गंदी बातें निकल रही थी, “साले चूतिये नामर्द – न लंड ढंग के हैं ना चुदाई ढंग से करते हैं”।
“मैंने जोर से चूतड़ घुमाये और राकेश की इस चुदाई से मैं एक बार और झड़ गयी”।
“जैसे ही मैं झड़ी, राकेश ने धक्के लगाने बंद कर दिए। खड़ा लंड मेरी चूत में ही था”।
“जीजी सच बोलूं, मेरी इच्छा हो रही थी ये लंड ऐसे ही मेरी चूत में खड़ा रहे “।
राकेश ने मेरी चूत में से खड़ा लंड निकला और मेरे चूतड़ों पर एक धप्प मार कर बोला “उठिये, चूसिये इसे और निकालिये इसका पानी”।
मैं हैरान हुई। मैंने पूछा, “राकेश तूने मेरी चूत में क्यों नहीं निकाला अपना पानी – अभी – जब तू मुझे चोद रहा था, जब दूसरी बार मेरा पानी छूटा था”?
राकेश बोला, “मुझे मुंह में छुड़ाने में मजा आता है। अपनी गर्ल फ्रेंड के भी मैं मुंह में ही छुड़ाता हूं। अब लीजिये मेरे लंड को मुंह में और चूस कर निकालिये इसमें से पानी। निचोड़िये इसे – मेरी हालत खराब हो रही है। फट रहा है मेरा लौड़ा “।
“जीजी उसकी ऐसी बातें मुझे और भी मस्त कर रहीं थीं “। मैंने राकेश का लंड मुंह में लिया और चूसने लग गयी।
राकेश बोला, “और जोर से, हां बढ़िया चूस रही हैं आप। चूसिये आआह आआह और चूसिये। बड़ा मजा आ रहा है “।
राकेश ने एक हाथ मेरे सर के पीछे रखा हुआ था जिससे मैं लंड को अपनी मर्ज़ी से मुंह से बाहर ना निकल पाऊं।
आधे घंटे की लगातार चुसाई के बाद राकेश मजा निकलने के लिए बेताब था। उसने लंड मेरे मुंह में आगे पीछे करना शुरू कर दिया।
साढ़े सात इंच आठ इंच लम्बा लंड कहां तक मुंह में बैठता। आधा भी नहीं जा रहा था। मुझे लग रहा था मेरा दम घुट जाएगा। मगर राकेश को इससे कोइ मतलब नहीं था। वो बोलता जा रहा था … आअह चूसिये चूसिये और जोर से चूसिये … निकले ही वाला है …… आअह”।
“और जीजी की बताऊं, राकेश ने लंड में से गरम चिकने पानी का फव्वारा मेरे मुंह में डाल दिया। मुंह मेरा भरा पड़ा था। मेरे सर को राकेश ने लंड पर दबाया हुआ था। मैं लंड मुंह से निकाल ही नहीं पा रही थी”।
आखिर को मैंने राकेश के लंड का सारा पानी पी लिया। हल्का नमकीन, हल्की खुशबू वाला – आधा कप तो होगा। राकेश झड़ चुका था। उसने मेरा सर छोड़ दिया, मगर अब मैंने उसके चूतड़ पकड़ लिए और उसका लंड चूसती रही।
अब उसका लंड चूसने में मुझे मजा आने लगा था। मेरी चूत फिर गरम हो रही थी। पंद्रह मिनट की चुसाई के बाद राकेश का लंड फिर खड़ा हो गया। मैंने नीचे हाथ कर के अपनी फुद्दी रगड़नी शुरू कर दी। ना मैंने राकेश को एक और चुदाई के लिए बोला, ना राकेश ने एक और चुदाई के लिए कहा।
हम दोनों को ही चूसा चुसाई में मजा आ रहा था। मैं झड़ने वाली थी। मैं मजे की सिसकारियां लेना चाहती थी मगर राकेश के लंड से मेरा मुंह भरा पड़ा था। बस मेरे मुंह से हम्म्म्म हम्म्म ही निकल रहा था। मेरे चूतड़ जोर जोर से हिल रहे थे। राकेश ने भी मेरे मुंह में ध्क्के लगाने शुरू किये – मेरे मुंह की चुदाई हो रही थी।
तभी मुझे मजा आ गया ह्म्म्मम्म ह्म्म्मम्म हम्म्म्म और एक ऊंची आवाज अअअअअह हरररररर आअह आह आह के साथ राकेश ने फिर मेरा मुंह मलाई से भर दिया।
इस बार राकेश ने मेरा सर भी नहीं दबाया था। मैंने खुद ही सारा गर्म लेसदार पानी पी लिया। राकेश के लंड की एक एक बूंद उसके वीर्य की चूस ली और लंड मुंह से निकल कर खड़ी हो गयी।
राकेश ने मेरी ओर देखते हुए पूछा, “आया मजा”?
मैंने कहा “पूरा – बहुत ज्यादा”।
राकेश चलते हुए बोला, “मैडम आप चूसती बहुत अच्छा हैं। चलो देखता हूं मोबाइल की बैटरी चार्ज हो गयी होगी”।
पीछे पीछे मैं भी चल पडी नंगी ही। राकेश फोन पर बात कर चुका था। मुड़ कर बोला, “सेक्टर का ही चक्कर था। ये पंद्रह है, उनका घर पंद्रह – ए में है”।
फिर मुझे नंगी देख कर कहा, क्या हुआ मैडम ? फिर चुदाई करवानी है क्या ?
मैंने भी पूछा “चोदोगे क्या”?
राकेश बोला,”हां अगर आपका मन है एक और चुदाई का तो चोद दूंगा। मुझे तो वैसे ही आपकी टाइट चूत चोदने में बड़ा मजा आया है।और इस बार ऊपर लेट कर और लंड का गर्म पानी भी चूत में ही छुड़ाऊंगा”।
हम फिर कमरे में आ गए। मैं जा कर बेड पर लेट गयी। राकेश फिर कपड़े उतरे । एक मोटा तकिया मेरे चूतड़ों के नीचे रख कर मेरी चूत उठा दी। टांगें अपनी बगलों में ले कर थोड़ी ऊपर की,लंड चूत के छेद पर रखा और झटके से पूरा अंदर डाल दिया। मेरे मुंह से सिसकी निकली आह …… आआआह मजा आ गया – क्या बैठा है तेरा लंड राकेश मेरी चूत के अंदर। भर गई मेरी फुद्दी” I
भावना बता रही थी, “जीजी आधे घंटे मुझे राकेश ने चोदा और पूछा जब आप का झड़ने वाला हुआ तो बताना। मैंने अपना रोका हुआ है इक्क्ठे झड़ेंगे। बड़ा मजा आएगा आपको”।
“जीजी मैंने क्या सोचा था इस लड़के के बारे में ये तो पक्का चुदक्क्ङ निकला”।
भावना बता रही थी ,”जीजी मैंने राकेश से कहा, मेरा पानी चूत में अटका ही हुआ है। लम्बे धक्के लगाओ, पूरा बाहर निकाल कर पेलो दस धक्कों में पानी छोड़ देगी मेरी चूत”।
और जीजी उसने वो धक्के लगाए की मेरी चीखें निकाल दी – मजे की चीखें…. आआह ….चोद लड़के… लगा जोर ……झटके लगा…. इस लम्बे लंड के ….और लगा…. आअह…आयहा … राकेश और में जड़ गयी और साथ ही घरररर की आवाज की साथ राकेश ने मेरी चूत भर दी।
जीजी हमारे चोदू तो डेढ़ चमच्च भी मलाई नहीं गिराते।
राकेश जाने लगा तो मेने बोला। राकेश मस्त चोदता है तू। अब कब आएगा। राकेश बोला “मेरा नंबर ले लीजिये। मैं दो हफ्ते के लिए हूं यहां। जब प्रोग्राम बने फोन कर दीजियेगा मैं आ जाऊंगा”।
और जाते जाते वो फिर रुका और कहा, “अगर हो सके तो पूरी रात का प्रोग्राम बनाईये। तस्सली हो जाएगी आपकी चूत की”।
मुकुल ने एक हाथ से अपनी फुद्दी रगड़ते हुई पुछा,”तो भावना बना क्या रात का प्रोग्राम “?
भावना ने कहा, “बना जीजी। महेश ने दो दिनों के लिए चंडीगढ़ जाना था, कोइ सेमिनार था। मैंने राकेश को फोन कर के बुला लिया”।
“एक एक रात में चार चार बार चुदाई हुयी। मेरी चूत का भुर्ता बना दिया उसने। दूसरी रात की चुदाई का बाद तो मेरी चूत ही फूल गयी थी जैसे किसी ने जम कर पिटाई की हो”।
“वैसे तो जीजी, मेरी चूत की मस्त पिटाई ही हुई थी। अब तो मन कर रहा था रोज़ ही ऐसी पिटाई हो। पंद्रह दिनों में वो चार बार दिन में और दो रातें – कम से कम उन्नीस बीस चुदाईयां हुई होंगी – इतनी तो हमारी छः महीनो में नहीं होती”।
भावना की नॉएडा में राकेश से हुई चुदाई की बातों ने मुकुल की चूत गर्म और गीली कर दी थी।
मुकुल अब जोर जोर से अपनी चूत रगड़ रही थी। भावना ने पुछा, “जीजी गर्म हो रही है क्या आपकी चूत ? लाईये चूस कर निकाल दूं चूत का पानी ” I
तभी बाहर से आवाज आयी , “ज़िप वाला …… ज़िप ठीक करवा लो। बहन जी कोइ ज़िप ठीक करवानी है क्या”?
भावना ने मुकुल से पुछा, “जीजी ये कौन हैं “?
मुकुल बोली ,”ये दो लड़के आते हैं। पेंट की बैग वगैरह की खराब ज़िपें ठीक करते हैं I महींने में एक बार इधर का चक्कर लगाते हैं। मैंने दो बार ज़िप ठीक करवाई है, इस लिए जब भी आते हैं पूछ कर जाते हैं “।
भावना ने पूछा,” देखने में कैसे है”।
मुकुल बोली, “अच्छे हैं, उन्नीस बीस साल के I बोल रहे थे बाहरवीं पास हैं और प्राइवेट बीए की तैयारी कर रहे हैं। मगर तू क्यों पूछ रही है”।
“मैं आती हूं देख कर” भावना जवाब दिया और बाहर की तरफ चल पडी।
मुकुल हैरान थी। भावना क्यों क्या देखने गयी है इन लड़कों में और क्यों ? कहीं इन्हीं को तो चुदाई के लिए नहीं तैयार कर लेगी ?
सात आठ मिनट में भावना आई और पीछे पीछे दोनों लड़के थे।
ठीक थे लड़के देखने में। साफ सुथरे कपड़े – पेण्ट टी शर्ट पहनी हुई थी। मुकुल तो उनको पहले भी मिल चुकी थी जब ज़िप ठीक करवाई थी ।