मुकुल कुलश्रेष्ठ – देवरानी भावना कुलश्रेष्ठ की मस्त चुदाई

भावना अनजान मर्द से चुदाई करवाने की बात कर रही थी – मगर मुकुल को लग रहा था कि इसमें जोखिम भी तो हो सकता है -जैसे कोइ लूट पाट, जोर जबरदस्ती। वो समझ नहीं पा रही थी कि कैसे हो अनजान मर्द से चुदाई हो सकती है”I

जब मुकुल ने भावना से पूछा तो भावना ने जवाब दिया, “देखो जीजी दिन दिहाड़े कोई अकेला बंदा ऐसे लूटपाट का जोखिम नहीं उठाएगा”।

“फिर शक्ल सूरत से भी अंदाजा हो जाता है। और जीजी जोखिम तो तब नहीं होता जब या तो आपका कोइ पक्का चोदने वाला हो। उसके पास जाओ और चुदाई करवा कर आ जाओ”।

“या परिवार में ही कोइ जानकार या रिश्तेदार हो जो आपके घर आता जाता रहता हो और जिस पर किसी को कोइ शक न हो। वो आपके साथ मौका मिलते ही चुदाई कर दे”।