रजनी की चुदाई उसीकी जुबानी-7

पंकज की गांड वाले बातें सुन कर मेरी तो गांड में ही खुजली मचने लग गयी।

मन कर रहा था की अभी बोल दूं पंकज को, “मार साले मेरी गांड, रगड़ मेरी गांड को अभी की अभी आग ठंडी कर इसकी – पर फिर ख्याल आया रजनी भी तो है “।

जब मैंने बार बार गांड की बात की तो पंकज बोल ही पड़ा। “आभा क्या बात है आज तुम गांड की बात कुछ ज़्यादा ही कर रही हो, बताओ तो सही क्या गांड में लंड लेने का मन है ? बताओ मुझे मुझसे क्या छुपाना”?

पर अब मैं चुप चाप चुदाई का आनद ले रही थी । नीचे चूत में से आवाज़ें आ रही थी फच…….फच……फच…..फच…..।