मां बेटे की चुदाई – एक मनोचिकित्सक की ज़ुबानी-19

पिछला भाग पढ़े:- मां बेटे की चुदाई – एक मनोचिकित्सक की ज़ुबानी-18

बातों-बातों में जब नसरीन ने डाक्टर मालिनी से फीस की बात की, तो मालिनी ने असलम के साथ हुई मस्त चुदाई के ख्यालों में बोल दिया कि फीस तो असलम दे चुका है। मालिनी की इस बात पर नसरीन हैरान हो गयी, और असलम परेशान हो गया। लेकिन डाक्टर मालिनी ने बात संभाल ली और बोली, कि असलम का शादी के लिए हां करना ही उसकी फीस है।

मैंने भी सोचा, ये मैं क्या बोल गयी। मैंने फ़ौरन बात संभालते हुए कहा, “मेरा मतलब है नसरीन, असलम की शादी के लिए हां करना ही मेरी फीस है।”

असलम को मेरी इस बात से बड़ी तसल्ली हुई। दो चार मिनट के बाद ही असलम और नसरीन दोनों वापस जाने कि लिए बाहर चले गये। अगले ही मिनट असलम वापस आ गया।

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