मां बेटे की चुदाई – एक मनोचिकित्सक की ज़ुबानी-14

पिछला भाग पढ़े:- मां बेटे की चुदाई – एक मनोचिकित्सक की ज़ुबानी-13

बातों-बातों में डाक्टर मालिनी नसरीन को चुदाई वाले खिलौने दिखाने के लिये पीछे के कमरे में ले गयी।

नसरीन की चूत अपनी चुदाई की कहानी सुनाते-सुनाते गीली हो चुकी थी। उधर मालिनी का भी यही हाल था। मालिनी की चूत नसरीन की चुदाई की कहानी सुनते सुनते गीली हो चुकी थी। दोनों की चूतें गीली हुई पड़ी थी। मालिनी का मन नसरीन से अपनी चूत चुसवाने का होने लगा। मालिनी ने नसरीन को चूत चुसाई वाली अपने मन की बात बता दी।

मेरी चूत चुसाई की बात सुन कर नसरीन बोली, “मालिनी जी, मुझे तो बस इतना पता है कि उनकी चूत चुसाई से मुझे बड़ा मजा आता था, अब भी आता है, जब असलम मेरी चूत चूसता है। कई बार तो ऐसा भी होता है मालिनी जी कि असलम इतनी देर तक जोर-जोर से चूत चूसता, चाटता हैं कि इस चुसाई में ही मैं झड़ जाती हूं – मेरी चूत का पानी निकल जाता है।”

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