दोस्त की बेवफा भाभी-1

मेरा नाम राजू है, और ये कहानी है जब मैं कॉलेज में था तब की। मेरा एक दोस्त था शुभम नाम का, जिसके बड़े भाई की नई-नई शादी हुई थी। शुभम अपनी भाभी से काफी घुला-मिला हुआ था। मुझे तो कई बार उन पर शक भी होता था। पर फिर लगता कि शायद देवर-भाभी का रिश्ता ऐसा ही होता हो।

हमारा एक-दूसरे के घर आना-जाना लगा रहता था, और उसका कमरा उपर की तरफ था। सीढ़ी बाहर से ही थी, तो हम बिना पूछे ही चले जाते थे।

उप्पर की तरफ उसके भैया भाभी का भी कमरा था, और शुभम का भी। एक दिन हमने कॉलेज से छुट्टी ले रखी थी हमारा ग्रुप प्रोजेक्ट करने के लिए, और हमारा उसके घर पर मिलने का प्लान हुआ। उसने पहले दोपहर 1 बजे आने का कहा था। मैं उसी हिसाब से तैयार होकर अपने घर से निकला।

इसी बीच शुभम का मैसेज आया होगा कि उसे कुछ काम था, तो 3 बजे तक आना। मैंने यह मैसेज नहीं देखा और 1 बजे ही उसके घर पहुंच गया।

दोपहर का वक्त था। उसके पापा और भैया तो ऑफिस में होंगे, और मम्मी सो रही होंगी, तो मैं चुप-चाप बिना आवाज करे उपर के फ्लोर पर चला गया।

जैसे ही मैं शुभम के कमरे तक पहुंचा, तो वहां का नजारा देख कर दंग रह गया। उसकी भाभी अधनंगी तोलिए में पीठ करके खड़ी थी। तोलिया इतना नीचे था कि उनकी आधी गांड तक दिख रही थी। मैं कुछ कर पाता इतनी देर में भाभी ने मेरे कदमों की आवाज़ सुन कर बोला-

भाभी: ले आए देवर जी कंडोम (ये कहते हुए भाभी तोलिया गिराते हुए मेरी तरफ पलटी, और मुझे देख एक-दम चोक गई और चिल्लाई)।

बेशरम लड़के, किसी के कमरे मैं ऐसे घुसते हुए शर्म नहीं आई? पराई औरत को छेड़ते हुए‌ (भाभी अपना तोलिया जमीन से उठा कर उसके पीछे छिपते हुए बोली)।

राजू: नहीं भाभी, मैं तो प्रोजेक्ट के लिए आया था (घबराते हुए)!

भाभी: तो क्या ऐसे किसी के भी कमरे में बिना पूछे चले आओगे?

राजू: नहीं भाभी, मैं तो बस शुभम से मिलने आया था। (इतने में मेरा दिमाग चला) पर ये तो शुभम का कमरा है। आप इसमें नंगी क्या कर रही है?

भाभी (जुबान लड़खड़ाते हुए): मैं, मैं, मैं तो बस शावर लेने आई थी। हमारे बाथरूम का खराब है।

राजू: अच्छा।

पर मैं जैसे ही आया आपने तो कहा ले आए देवर जी कंडोम।

भाभी (कुछ सोच पाती उसके पहले ही बोल दी): अरे वो खतम हो गए थे, इसलिए बुलवा लिए।

राजू: पर अभी तो भैया नहीं है घर पर। अभी क्या करेंगी कंडोम का? और आपने तो तोलिया भी गिरा दिया था। आप क्या शुभम के सामने नंगी घूमती है?

भाभी: तोलिया तो गलती से गिर गया था।

राजू: अच्छा भाभी। तो आप क्या मुझे दूध पीता बच्चा समझती है। मैं सब समझ गया हूं, आपके और शुभम के बीच में क्या चल रहा है।

भाभी: ऐसा कुछ नहीं है। तुम गलत समझ रहे हो।

राजू: मैं सब सही समझ रहा हूं। और मैं ये सब को बता दूंगा।

भाभी ने एक-दम से आकर मेरा हाथ पकड़ लिया। एक हाथ से अपना तोलिया संभाल रही थी, और एक हाथ से मुझे पकड़ा।

भाभी: प्लीज किसी को मत बताओ, मेरी शादी टूट जायेगी, और बहुत बदनामी भी होगी।

मैंने भाभी का हाथ झटका। भाभी घुटनों पर बैठ गई और अपने हाथ जोड़ कर मुझसे माफ़ी मांगने लग गई।

राजू: माफ़ी मांगने से कुछ नहीं होगा (ये कहते हुए मैंने अपनी पैंट की जिप खोली, और अपना लंड बाहर निकाल लिया)।

भाभी: ये क्या कर रहे हो?

राजू: इतनी भोली तो नहीं हो आप जो आपको पता ना हो कि अब क्या होगा।

भाभी: नहीं ये गलत है।

राजू (भाभी के बाल पकड़ कर): बहन की लोड़ी, छिनाल, अब सही गलत समझ आ रहा है तुझे? चल चूस लोड़ा रंडी कही की।

भाभी: मैंने कभी पहले लंड नहीं चूसा। छी ये कितना गन्दा है।

राजू: झूठी साली, कभी अपने पति या देवर का नहीं लिया क्या? चल मुंह खोल और चूस इसे (भाभी का मुंह अपने लंड पर रगड़ते हुए)।

भाभी ने धीरे से मेरे लंड को हाथ में लिया। अभी वो करीबन 4 से 5 इंच का होगा मुलायम सा। भाभी ने जैसे ही हाथ लगाया, तो वो तन्ना शुरू हो गया। और देखते ही देखते वो बड़ा होकर 7 इंच लंबा और ढाई इंच मोटा हथोड़े जैसा खड़ा हो गया।

भाभी‌ (चौक कर): ये कितना बड़ा है। मैंने पहले कभी इतना बड़ा लंड नहीं लिया। ये मेरे मुंह में जा ही नहीं पाएगा।

मैंने भाभी के बाल खींचे जिससे भाभी हल्का सा चीखी, और उसी में मौका देख मैंने अपना लंड भाभी के मुंह में डाल दिया। उसके बाद भाभी के सिर को पकड़ कर हिलाने लग गया।

वैसे भाभी ने सही ही बोला था कि ये लंड भाभी के अंदर पूरा नहीं जा पाएगा। भाभी का मुंह मेरे लंड के सामने छोटा सा लग रहा था।

भाभी 5 फीट 2 इंच की कमसिन कली सी लड़की थी। कोई उनको देख कर कह भी नहीं सकता था कि ये ऐसे गंदे काम भी कर सकती थी। उनका सांवला रंग बहुत ही खूबसूरत लगता है।

राजू: बोला तो आपने सच ही था कि आपने कभी लंड नहीं चूसा। इतना बेकार आजतक किसी लड़की ने नहीं चूसा मेरा। पर चिंता मत करो, आज मैं सिखा कर जाऊंगा।

मैंने पहले तो अपना फोन निकाला, और भाभी की लंड चूसते हुए कुछ तस्वीरे और वीडियो बना लिए, तांकि आगे काम आ पाए। भाभी ने मना भी करने की कोशिश करी, तो मैंने कहा-

राजू: चुप-चाप लंड चूस रंडी साली, नहीं तो सब को बता दूंगा।

उसके बाद मैं भाभी के मुंह को अलग-अलग पोजीशन में चोदता रहा। मेरा आज का टारगेट बस उनका मुंह ही था। कभी दीवार से सटा कर उनके मुंह को पेला, तो कभी पलंग पर लिटा कर मुंह पर चढ़ गया, और अपना लंड पूरी तरह से अंदर-बाहर करते रहा। सीधा, उल्टा, हर डायरेक्शन में भाभी के मुंह को चोदे जा रहा था मैं।

यह चुदाई करीबन 20 मिनट तक चली। उसके बाद मैंने भाभी को कहा कि एक अच्छी गहरी सांस लेलो। फिर मैंने अपना लंड भाभी के गले तक अंदर डाल दिया। भाभी के होंठ मेरे लंड के कोने तक थे।

उनकी आखों से आसू आने लगे थे और चेहरा पूरा लाल हो गया था।

मैं धीरे-धीरे अंदर ही अंदर अपना लंड हिला रहा था। भाभी के गले से बहुत ही मजा आ रहा था मेरे लंड को, और वो बार-बार झटके मारने लग गया था। मेरा वीर्य बस निकलने ही वाला था। भाभी भी समझ गई थी, और मुझे अपने हाथ से थप-थप करके हटने का कह रही थी। मुंह से उम्म-उम्म की आवाज़ निकल रही थी।

पर मैंने कहा: बस कुछ सेकंड्स और।

और भाभी का मुंह ऐसे ही अपने लंड पर दबाए रखा। फिर मेरा स्पर्म निकालना शुरू हो गया। कुछ झटके तो सीधे भाभी के गले में ही निकल गए। फिर मेरी पकड़ ढीली पड़ने पर भाभी ने मुझे थोड़ा पीछे धकेला। जिससे 2 शॉट भाभी के मुंह में पड़े, और फिर भाभी के सुंदर चेहरे के उपर।

उनके सावले रंग और लाल होंठ के उपर मेरा सफेद स्पर्म बहुत ही सुंदर लग रहा था। इतने में नीचे से गेट की आवाज आई तो हमें लगा की शुभम आ गया होगा कंडोम लेकर। मैंने झट से अपना लंड अंदर करा, और कहा-

राजू: मैं भी किसी को कुछ नहीं बताऊंगा, और आप भी मत बताना।

भाभी झट से नंगी ही शुभम से कमरे से अपने कमरे में भागी, और बाथरूम में चली गई खुद को साफ करने। मैंने भी झट से शुभम का कमरा ठीक करा, और लैपटॉप लेकर बैठ गया। शुभम मुझे देख कर चौंक गया।

उसने पूछा: तू कब आया?

राजू: मैं तो बस अभी थोड़ी देर पहले ही आया। तू कहां चला गया था?

शुभम (कंडोम अपने पीछे छिपाते हुए): कही नहीं बस थोड़ा सामान लेने गया था।

फिर वो भाभी के कमरे में गया। तब तक भाभी ने कपड़े पहन लिए थे। उसने भाभी को कंडोम दिए और बोला-

शुभम: ये लो भाभी आपका सामान।

भाभी भी कुछ नहीं बोली और चुप-चाप अपने कमरे में बैठ गई।

इसके बाद हम लोग प्रोजेक्ट पर काम करने लगे, और धीरे-धीरे दूसरे दोस्त भी आ गए।

शुभम उनके लिए गेट खोलने नीचे भागा। इसी का मौका देख कर मैं भाभी के कमरे में गया, और उनको गले लगा कर उनकी गांड दबाने लगा, और उनके होंठो को चूमने लगा।

भाभी ने थोड़ा नखरा करा। इतने में मैंने उन्हें छोड़ा और कहा-

राजू: सोचो इस लंड से चुदने में कितना मजा आएगा।

और ये कह कर मैं वापिस शुभम के कमरे में चला गया, और बाकी दोस्तों को लेकर शुभम भी वापस उपर आ गया। फिर हम अपना काम करने लगे।

भाभी सेक्स स्टोरी के अगले भाग में पढ़े, कि मैंने भाभी को और किस-किस तरह चोदा।