सरिस्का नेशनल पार्क घूमने गई और चुदवा लिया-2

पिछला भाग पढ़े:- सरिस्का नेशनल पार्क घूमने गई और चुदवा लिया-1

दोस्तों स्वागत है आपका मेरी सेक्स कहानी के अगले पार्ट में। पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, कि टीचर सेमिनार में मेरी मुलाक़ात अभिनव से हुई। फिर हमारा चक्कर चला, और साथ में घूमने-फिरने के बाद हमारी चुदाई शुरू हुई। अब आगे पढ़िए-

उसका नौ इंच लंबा और तीन इंच मोटा काला लंड मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मेरे बड़े-बड़े बूब्स लटक रहे थे।

फिर मैं बोली: अभिनव हम 69 पोजीशन करते हैं।

तो अभिनव बैड पर लेट गया। मैं उसके मुंह पर चूत रख कर बैठ गई, और वो मेरी चूत चाटने लगा‌। फिर मैं उसका लंड चूसने लगी। 5 मिनट चूसने के बाद मेरी चूत पानी छोड़ चुकी थी।

मैं बैड पर लेट गई। अभिनव मेरे उपर आ गया, और मेरी चूत पर लंड रख कर अंदर धक्का लगाने लगा। मेरी चूत टाइट थी। लंड धीरे-धीरे अंदर जा रहा था। मुझे दर्द हो रहा था।

मैं: अभिनव धीरे करना, दर्द हो रहा हैं।

अभिनव: हां मेरी प्रिया रानी, आराम से करूंगा।

अभिनव धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा। उसका मोटा लंड मुझे मजा दिला रहा था। अभिनव मेरी चूत की बहुत अच्छे से चुदाई कर रहा था। उसके झटके मुझे बहुत खुशी दे रहे थे।

अभिनव 5-6 मिनट तक तेज झटके मारता रहा। फिर उसने मेरी चूत में वीर्य गिरा दिया। उसके वीर्य से मुझे बहुत मजा आया। मैं और अभिनव फिर खड़े हो गए, और खिड़की से पर्दा हटा कर बाहर का दृश्य देखने लगे। बाहर अंधेरे में भी बहुत अच्छा नजारा दिख रहा था। मैं अभिनव के आगे पूरी नंगी खड़ी थी, और अभिनव मेरे पीछे खड़ा था। फिर अभिनव कुर्सी पर बैठ गया और मुझे बोला-

अभिनव: साली रंडी, कमरे में घूम।

मैं कमरे में इधर-उधर घूमने लगी। अभिनव मेरे बड़े-बड़े बूब्स और बड़ी गांड को हिलते हुए देखने लगा। मैं अभिनव के सामने खड़ी हो गई, और अपने दोनों हाथों से अपने बूब्स को पकड़ कर दबाने लगी। अभिनव ये देख कर उत्तेजित हो रहा था।

मैं अभिनव के आगे अपने गांड को घूमाने लगी। वो उसे सहलाते हुए किस्स करने लगा। फिर वो खड़ा हो गया, और मुझे घोड़ी बना दिया, और मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया।

मुझे घोड़ी बन कर चुदवाना बहुत अच्छा लगता हैं। अभिनव झटकें के स्पीड बढ़ा कर चोद रहा था।

मैं: आहहह ओहहह ओओओओ आआआआ आईईईई ओहहहह।

अभिनव: मेरी प्रिया रानी, आज तुझे चुदाई का पूरा मजा दूंगा।

मैं: चोदो मेरे राजा, आज फाड़ दो मेरी चूत और भौंसड़ा बना दो इसका।

अभिनव: साली छिनाल, रंडी, बहुत शौक है तुझे बड़े लंड लेने का। आज तेरा ये शौक पूरा करता हूं।

मैं: चोद साले भड़वे, तेरी मां का भौंसड़ा बहनचोद।

अभिनव: मादरचोद रंडी, आज तेरी चूत को इतना चोदूंगा कि चुदाई का नाम नहीं लेगी महीने भर।

मैं: मादरचोद भड़वे, मेरा नाम प्रिया है। मैंने आज तक बहुत मर्दों का पानी निकाला है। देख लूंगी तेरे लंड में कितना दम हैं।

अभिनव ने फिर मुझे बैड पर डागी स्टाइल में किया, और पीछे से चुदाई करने लगा। अभिनव मेरी गांड और कमर को पकड़ कर मेरी चूत के अंदर तक झटकें मार रहा था। इस कारण मुझे दर्द होने लगा।

मैं: अभिनव धीरे करो।

अभिनव: चुप रह साली रंडी।

फिर अभिनव ने स्पीड बढ़ा दी। अब मुझे बहुत दर्द हो रहा था, और मजा भी आ रहा था।

मैं: आहहहह ओओ आआ आईई आआ।

10-15 मिनट के बाद अभिनव ने अपना वीर्य मेरी चूत में गिरा दिया। मैं थक कर बैड पर ही लेट गई, और अभिनव भी सोफे पर बैठ कर चाकलेट खाने लगा।
थोड़ी देर बाद अभिनव उठा और मेरे पास आ गया, और मेरे बूब्स को मुंह में लेकर चूसने लगा। मैं गर्म हो गई थी। फिर अभिनव लेट गया, और मैं अभिनव के लंड पर बैठ कर चुदाने लगी। मेरी चुदाई हो रही थी, और मेरे बड़े बड़े बूब्स हिल रहे थे। इस कारण अभिनव को बहुत मजा आ रहा था।

मैं अभिनव के लंड पर 15 मिनट तक लगातार चुदवातीं रही। तब तक मेरी चूत 3 बार पानी छोड़ चुकी थी, और अभिनव ने भी मेरी चूत में वीर्य गिरा दिया। फिर हम दोनों सो गए।

सुबह हम उठे और ट्रैक सूट पहन कर होटल के गार्डन में वॉक करने गए। वहां सब लोग मुझे घूर रहे थे। मेरी टाइट ड्रेस के कारण बूब्स और गांड ज्यादा ही दिख रहे थे, और हिल रहे थे। मैं और अभिनव बातें करने लगे।

एक लड़का हमारे पास आया और बातें करना लगा। उसने अपना नाम ताहिर बताया। वो 25 साल का था। वो मुझे घूर रहा था, और टच करने की कोशिश कर रहा था। मुझे भी ये अच्छा लग रहा था। थोड़ी देर बाद हम वापस अपने कमरे में आ गए।

फिर हम नहाने के बाद नाश्ते के लिए डाइनिंग हॉल में गए। वहां पर ताहिर भी हमारे साथ नाश्ता करने लगा। बातों ही बातों में सेक्स पर बात होने लगी, तो हमने उससे उसकी चॉइस के बारे में पूछा। तो ताहिर बोला कि उसे थ्रीसम सेक्स बहुत अच्छा लगता था, और सीधे ही बोल दिया-

ताहिर: अगर आप दोनों चाहो तो हम तीनों मिल कर थ्रीसम सेक्स का मजा ले सकते हैं।

थोड़ी देर सोचने के बाद मैंने कह दिया: हां आज हम लोग थ्रीसम करेंगे।

फिर हमने आपस में एक-दूसरे के नंबर लिए, और अपने कमरे में आ गए। थोड़ी देर बाद हम वापस होटल से निकले, और सरिस्का नेशनल पार्क के बाकी बचे पिकनिक स्पॉट पर घूमने गए, और दोपहर में 2:00 बजे तक वापस होटल आ गए। लंच करने के बाद मैं और अभिनव अपने कमरे में आ गए थे। तभी ताहिर का फोन आया कि क्या विचार है।

तो मैंने बोला: विचार क्या है? तुम्हारा ही इंतजार कर रहे हैं। हमारे कमरे में आ जाओ।

तो ताहिर हमारे कमरे में आ गया। हम तीनों कमरे में बैठ कर बात करते रहे।

फिर ताहिर बोला: ऐसी बातें ही करेंगे या चुदाई का मजा भी लेंगे?

तो मैंने कहा: शुरू करते हैं।

फिर अभिनव खड़ा हो गया, और अपने कपड़े उतारने लगा। वह पूरा नंगा हो गया था। उसे देख कर ताहिर भी पूरा नंगा हो गया, और वह दोनों मुझसे बोले: प्रिया तुम भी नंगी हो जाओ।

तो मैं भी अपने पूरे कपड़े उतार कर नंगी हो गई। अभिनव और ताहिर दोनों मुझे एक साथ किस्स करने लगे। वह दोनों मेरे बूब्स और बड़ी गांड को दबा रहे थे, और मेरी चूत में अंगुली कर रहे थे। मुझे मजा आ रहा था। मैं गर्म हो गई थी।

अभिनव मेरे बूब्स चूस रहा था, और ताहिर मेरी चूत चाटने लगा। फिर उन्होंने मुझे बैड पर घोड़ी बना दिया, और ताहिर ने अपना 10 इंच लंबा और 4 इंच मोटा लंड मेरी चूत में डाल दिया। अभिनव मेरे मुंह में लंड डाल कर मजा ले रहा था।

मैं दोनों से चुदाई का मजा ले रही थी। फिर 5-6 मिनट बाद ताहिर ने अपना लंड मेरी चूत से निकाला, और मेरी चूत चाटने लगा। फिर वो आगे आ गया, और अभिनव मेरी चूत चोदने लगा।

अभिनव 6-7 मिनट तक चोदता रहा। फिर उसने मेरी चूत में वीर्य गिरा दिया। ताहिर ने मुझे खड़ा कर दिया और आगे से चोदने लगा। वो मेरी गांड दबाते हुए चोद रहा था। 5 मिनट बाद उसने वीर्य मेरे बूब्स और मुंह में गिरा दिया। मैं उसका वीर्य पी गई।
फिर हम नंगे ही बैठ कर बातें करने लगे। 10 मिनट बाद उनके लंड खड़े हो गए थे, तो मैं अभिनव और ताहिर के सामने नीचे बैठ गई, और उनके लंड अपने मुंह में लेने लगी।

फिर अभिनव बैंड पर लेट गया, और मैं उसके लंड पर बैठ गई। अभिनव का पूरा लंड मेरी चूत में चला गया। फिर ताहिर ने मेरी गांड में क्रीम लगाई, और अपने लंड पर क्रीम लगा कर अंदर डालने की काफी कोशिश करने के बाद उसका लंड मेरी गांड में चला गया।

उसका लंड बहुत मोटा था। इस कारण मुझे दर्द होने लगा। थोड़ी देर रुकने के बाद वो दोनों मुझे चोदने लगे अब मेरी चूत और गांड एक साथ चुद रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। तलाक के इतने साल बाद मुझे चुदाई का मौका मिला था, और दो दमदार मर्द मेरी चुदाई कर रहे थे। 20-25 मिनट की चुदाई के बाद उन्होंने मेरी चूत और मेरे मुंह में अपना वीर्य गिरा दिया।

फिर शाम को हम अलवर से वापस ट्रेन में बैठ कर जयपुर आ गए। ताहिर ने मुझे अपने घर बुला कर भी चुदाई का मजा दिया।
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