उसकी आहों की आवाज कम करने के लिए विक्रम ने अपना लंड नेहा के मुंह में घुसा दिया, जिसे मेरी वाइफ अपने मुंह में लेकर चूमने लगी, और उसकी मुठ मार-मार कर चूसने लगी। अब आगे विक्रम नेहा को अपना लंड चुसवा रहा था, तो पीछे से पकड़ कर पुल्कित मेरी वाइफ को कुतिया बना कर चोदने में मज़े ले रहा था और मैं भी छिपा हुआ वह सब देख कर मुस्कुरा कर मुठ मार रहा था।
अभी कुछ देर पहले ही नेहा ने पुल्कित को एक ज़ोरदार ब्लोजॉब दिया था, और वह दो-तीन बार नेहा मुंह में झड़ चुका था। मेरी वाइफ को अपनी कुतिया बना कर चोदने लगा तो वह 15-20 मिनट चोदने के साथ इजैकुलेट कर गया, और कुछ ही देर में चूत में ही अपने सीमन की पिचकारी छोड़ कर उसकी चूत भर दी।
मैंने पीछे से देखा कैसे मेरी वाइफ की फुद्दी में से पुल्कित के लंड की गाढ़ी सफेद लस्सी निकल रही थी, और उसकी टांगों से बह कर नीचे फ्लोर पर गिर रही थी। नेहा की फुद्दी में एक लास्ट झटका लगा कर उसने पूरे ज़ोर से ओह-ओह की आवाज लगाई और नेहा के अंदर अपना सारा माल छोड़ते हुए अपना लंड बाहर निकाल लिया।
फिर नेहा के चूतड़ों पर मुठ मारी, और फिर उसकी गांड के छेद में अपना लंड थोड़ा घुसा दिया, और नेहा की टाईट गांड के अंदर अपनी लस्सी की पिचकारी छोड़ दी। फिर उसने नेहा के चूतड़ों पर अपने लंड को अच्छी तरह रगड़-रगड़ कर साफ किया और नेहा को एक चूतड़ पर ज़ोर से चांटा लगा दिया। नेहा की चीख निकल पड़ी।
नेहा अब भी उस पोजिशन में कुतिया बनी हुई थी, और कार के अंदर बैठे हुए विक्रम उसके सर को बालों से कस कर पकड़ कर मेरी वाइफ से अपने लंड को लगातार चुसवा रहा था। पुल्कित जब तक नेहा को पीछे से चोद रहा था, विक्रम ने भी मेरी वाइफ को अपने सीमन से नहला दिया था। उसने नेहा के चहरे पर अपने सीमन की पिचकारियां छोड़ दी थी।
नेहा के फेस पर ही नहीं उसके बालों में भी विक्रम के गाढ़े सीमन की दहीं थी। विक्रम ने अपने एक हाथ से नेहा के सर को बालों से कस कर पकड़ रखा था, और दूसरे हाथ से नेहा के हाथ में उसका लंड पकड़ा कर खुद अपनी मुठ मार कर नेहा को चुसवा रहा था। इसके साथ मेरी बीवी किसी रंडी की तरह ठरक से भरी हुई आह आह करती हुई नज़र आ रही थी।
जैसे ही पुल्कित ने नेहा की गांड में अपने लंड को घुसाया, विक्रम ने मेरी वाइफ की टाईट गांड में अपने भांजे के बड़े मोटे लौड़े के हमले को देखते हुए नेहा के मुंह में अपना 9 इंच लम्बा लंड गले तक अंदर घुसा दिया, और नेहा को ज्यादा जोर से चीखने से रोक लिया।
हालांकि विक्रम के मुकाबले पुल्कित का लंड इतना बड़ा नहीं था, लेकिन उसका लंड बहुत ज्यादा मोटा था। इसी वजह से वह नेहा को चोदते टाइम लगातार उसकी आहें और हल्की-हल्की चीखें निकाल रहा था। ठरक में मेरी वाइफ एक रंडी बन कर अपनी चूत में तो उसके लंड को सह गई थी। लेकिन फिर उसके लंड को अपनी उस टाईट गांड में पूरा घुसा लेने में नेहा फेल ही थी।
फिर भी विक्रम ने अपना लंड नेहा के मुंह में डाल दिया था, और पीछे से पुल्कित ने अपना पूरा ज़ोर लगा कर अपना आधा लंड नेहा के चूतड़ों के बीचों बीच उसकी गांड में घुसेड़ दिया था।
फिर वो खुशी से उसके मम्मे पकड़ कर दबाते हुए बोला: मामा बहुत टाईट गांड है इस रंडी की। ऐसा कहते हुए उसने नेहा को पीछे खींच लिया, और उसके मुंह से विक्रम के लंड को बाहर निकाल लिया। विक्रम के लौड़े को अपने मुंह से बाहर निकालते ही नेहा अपनी कमर पकड़ कर रोने लगी। पर पुल्कित ने अपना लंड बाहर निकालने की जगह उसकी गांड चोदनी शुरू कर दी।
उसका आधा लंड भी मेरी वाइफ की गांड फ़ाड़ कर चोदने के लिए काफ़ी था, और उसने वैसे ही नेहा की गांड अच्छी तरह चोद डाली। कुछ देर में जब नेहा को चोद कर उसका मन भर गया, तो पुल्कित कार सीट से अपने कपड़े पहन कर ऐसे चला गया, जैसे कुछ हुआ ही नहीं था।
अब तक विक्रम कार की दूसरी साइड से बाहर निकल आया था, और वहां खड़ा हो कर अपने भांजे को मेरी वाइफ की गांड चोदते हुए देख रहा था, और अपने हाथ से अपने लंड को रगड़ रहा था। उनके ठीक पीछे दूसरी गाड़ियों के पीछे छिपे हुए मैं भी अपनी वाइफ को नंगी दो आदमियों की रंडी बना देख अपने लंड को खुशी से हिला कर मुठ मार रहा था।
नेहा कार की सीट पर निढाल होकर पड़ी थी। उसके गोल-गोल चूतड़ों में उसकी चुदी हुई गांड और उसकी गांड में से टपकता सीमन मुझे दूर से भी साफ दिख रहा था। उसके चूतड़ों पर उसकी टांगों से फ्लोर पर, उसकी पीठ पर, बालों में सीमन की पिचकारियां साफ़-साफ़ दिख रही थी। यह मेरी कुकोल्डिंग फैंटसी से कहीं बेहतर था।
अब विक्रम ने भी उसके पीछे जाकर उसके चूतड़ों को अपने हाथों में पकड़ लिया और दबाने लगा। उसने पीछे से ही नेहा की झांटों में उंगली डाल कर हल्के-हल्के सहलाते हुए उसकी फुद्दी को सहलाया। उसने नेहा को कार में रखा फेस टावल देने को कहा, और अच्छी तरह से उसकी पीठ को साफ़ किया। फिर नेहा के चूतड़ों को पकड़ कर साफ किया। फुद्दी को भी वह हल्के-हल्के सहलाते हुए टावल से साफ़ किया। फिर वह उसकी फुद्दी में अपनी उंगली डाल कर मसलने लगा और जल्दी ही अपने हाथों से पकड़ कर अपनी जीभ से चाटने लगा।
विक्रम की बॉडी काफ़ी चौड़ी और मस्कुलर थी। काफ़ी फ़िट दिखाई दे रहा था। उसने नेहा पर चढ़ कर पीछे से मेरी बीवी के खूब मसल-मसल कर मज़े लिए। नेहा के बूब्स दबाने और मोटे चूतड़ों को अपने हाथों में लेकर दबाया, और उसकी झांटों में उंगली डाल कर नेहा को चोदने के लिए फिर से गर्म किया।
पार्किंग में मेरी वाइफ की हल्की-हल्की आहें म्यूजिक जैसी लग रही थी। मुझसे अब रहा नहीं गया और मैं छिपते हुए कार के और भी ज्यादा पास चला गया।
इसके आगे इस Xxx थ्रीसम चुदाई कहानी में क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। इस हिंदी चुदाई कहानी पर अपने विचार ज़रूर सांझे करें।
अगला भाग पढ़े:- भांजे की शादी में मस्ती-4