तभी मुझे एक सुंदर सी लड़की दिखाई दी। वो भी अपने ढहे हुए घर का सामान हटा रही थी। वो दिखने में बहुत सुंदर थी। मैं उसे देखता ही रह गया। वह उम्र में मुझसे 10 साल छोटी थी। उसकी उम्र 19 साल थी और मेरी उम्र उस समय 29 साल थी। उसका नाम अंजू (बदला हुआ नाम) था, और उसकी फिगर 32-28-32 थी।
अब मैंने उसे पटाने की ठान ली, और किस्मत अच्छी थी कि मुझे उसी के गांव के पास ही कलवर्ट बनवाने की ड्यूटी लगाई गई। एक कलवर्ट उसके घर से 100 मीटर पहले ही थी, और एक कलवर्ट उसके गांव के बाद करीब 100 मीटर आगे था, और मैं इसी चीज का फायदा उठाया। उसको पटाने के लिए एक कलवर्ट से दूसरे कलवर्ट तक इधर से उधर चक्कर लगाने लगा। लेकिन जैसे ही मैं उसके घर के पास पहुंचता था, वो मुझे देखते ही घर में घुस जाती थी।
लेकिन मैं हार नहीं माना, और चक्कर लगाता रहा। फिर धीरे-धीरे वो भी मुझे देखने लगी। मैं उसके अगले दिन साईट पर नहीं गया, क्योंकि मुझे आफिस का काम मिला था, तो मैं उसे पूरा करने लगा और काम पूरा होते होते शाम हो गई। अगले दिन जब मैं साईट पर गया, तो शायद वो मेरा इंतज़ार कर रही थी।
तो मैंने अपना मोबाइल दिखा कर उसका नंबर मांगने का इशारा किया। तो वो इशारों में मुझसे मेरा नंबर लिख कर फेंकने को बोली। जब तक मैं अपना नंबर लिखता, उसी समय उसके पापा आ गये और वो घर में चली गई। मैं उसको देने के लिए एक कलवर्ट से दूसरे कलवर्ट चक्कर लगाने लगा, लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
अंत में उसने खुद ही अपना नंबर लिख कर सही मौका देख कर मेरी तरफ फेंक दिया। मैं इधर-उधर देखा तो कोई नहीं था, तो उस कागज को उठा लिया, और सीधा कलवर्ट के पास जाकर ही रुका, और उसका नंबर सेव करके कॉल किया और बातें शुरू हो गई।
वैसे तो वह बहुत अच्छी लड़की थी, पर सेक्स की भूख तो सभी को होती है, और उसे तो कुछ ज्यादा ही थी। क्योंकि उसको नई-नई जवानी चढ़ी थी। जब शाम को रुम पर गया तो बातें शुरू हुई, और बातों ही बातों में अगले दिन ही मिलने का प्लान बना। चूंकि गांव से होटल कोसों दूर था, तो शाम के समय गेहूं के खेतों में मिलने का तय हुआ।
उसके घर के सामने और पीछे की तरफ खेत थे, जिसमें गेहूं लगा था, और जनवरी का महीना था। शाम होते ही घने कोहरे से घिर जाता है जिससे एक दो खेत लगभग 40-50 मीटर के आगे नहीं दिखाई देता था, और उसी का फायदा मिला। मैं अगले दिन शाम में गेहूं के खेत में मिलने के लिए रुम से पैदल ही निकल गया। मेरा रूम और उसका घर बिल्कुल आपोजिट डायरेक्शन मे लगभग 1.5 किमी की दूरी पर था।
20 मिनट में पहले वाले कलवर्ट पर पहुंच कर फोन करके घर से निकलने के लिए बोला, तो वो डर की वजह से अपने घर से दो खेत दूर तक ही आयी। तो मैं उसके पास गया। वो घर बाथरूम के बहाने आयी थी, इसलिए साथ में पानी भी लायी थी। मेरा पैर ठंड से ज्यादा, तो डर की वजह से थर-थर कांप रहे थे, क्योंकि मेरा इस तरह खेत में लड़की से मिलने का पहली बार था।
मैंने उसके गले लग कर गालों को पकड़ कर बहुत देर तक चूमा, और फिर हम लिप किस करना शुरू कर दिए। वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। फिर धीरे-धीरे मेरा हाथ उसकी चूचियों पे चला गया, और मैं उन्हें दबाने लगा। उसे भी मज़ा आ रहा था! उसके रिएक्शन में वह मेरे होंठ काट रही थी।
मैंने अपना हाथ धीरे-धीरे उसके सूट के अंदर डाल दिया, और उसके बूब्स दबाने लगा। उसके बूब्स मीडियम साइज के थे, और वो ब्रा भी नहीं पहनी थी। तब ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी रुई को छू रहा था।
वो इतने मुलायम थे, कि मुझे उन्हें छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था, और मैं बस उन्हें दबाये जा रहा था, और साथ-साथ फ्रेंच किस भी कर रहा था। फिर मैंने अपने होंठ उसके होठों से हटाए, और उसके सूट को ऊपर उठा कर उसके बूब्स पर मुंह रख दिया, और उन्हें जोर-जोर से पीने लगा।
लेकिन निप्पल इतना छोटा था कि मुंह में नहीं आ रहा था। फिर भी बहुत मज़ा आ रहा था। उसके हाथ मेरे बालों पे थे, और वह मौन करने लगी, और अपनी आवाजों पर कंट्रोल कर रखी थी। क्योंकि उसका घर पास में ही था, कोई आ ना जाए इसका भी डर था। एक हाथ से मैं उसके एक बूब को दबा रहा था, और दूसरे बूब को अपने मुंह में ले रखा था।
मैंने 10 मिनट तक उसके बूब्स चूसे और उन्हें पूरा लाल कर दिया। उसके चेहरे पे ख़ुशी साफ़ दिख रही थी। मेरा एक हाथ उसकी कमर पे था, और दूसरा हाथ उसकी जींस के अंदर उसकी चूत पर, जो गीली हो चुकी थी, और छोटे-छोटे बाल भी थे।
15 मिनट बाद मैंने उसे चूत देने के लिए बोला, तो वो मना कर रही थी। मैं भी ज्यादा जोर नहीं देना चाहता था, क्योंकि अभी दो दिन हुए थे हमारी बात-चीत को। लेकिन फिर भी एक बार और बोला कि आगे बढ़ने दो। इस बार वो तुरंत मान गई, और अपनी जींस थोड़ी नीचे की। तो मैं उसपे टूट पड़ा और चूत को एक दो मिनट तक चूसा।
फिर वो गेहूं के खेत में अपनी शॉल बिछा कर लेट गई, तो मैं उसके दोनों पैरों को ऊपर करके लंड को उसके चूत पर सेट किया और एक झटका लगाया।
इसके आगे क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले भाग में पता चलेगा। अगर आपको यहां तक की कहानी पढ़ कर मजा आया हो, तो कमेंट करके फीडबैक जरूर दें।
अगला भाग पढ़े:- गांव की जवान कुंवारी चूत-2