पिछला भाग पढ़े:- मैं तन्हा थी वो अकेला था
हाय दोस्तों। मैंने आपको पिछली चुदाई कहानी में बताया कि कैसे अपने पति से धोखा खा कर मैं क्लब में मिले एक अंजान से रातों रात अपनी चूत चुदवा बैठी। शैलेश जैसी जबरदस्त चुदाई मेरी आज तक किसी ने नहीं की थी। और अगली सुबह उनके व्यवहार ने मेरा दिल ही जीत लिया।
तब तो मैं घर आ गई। लेकिन 1–2 दिन बाद ही शैलेश ने मुझे फोन किया, और इधर-उधर की बात करने लगे। उन्होंने मुझे फिर अपने घर आने का न्यौता दिया। मैं समझ गई कि अब उनका लंड मेरी चूत मारे बिना नहीं मानेगा। और अब मेरी चूत भी उनके लिए प्यासी रहने लगी थी। मैं बिना देरी किए बच्चों को झूठ बोल कर शैलेश के घर चली गई। और वहां फिर रात भर मैंने अलग-अलग तरीके से अपनी चूत मरवाई।
शैलेश जैसा भारी जिस्म और स्टैमिना मेरी कमर ही तोड़ देता था। आह मेरी चूत की आग शांत होने की जगह अब हर समय भड़की ही रहती थी। सच कह रही हूं दोस्तों, शैलेश से जब नहीं मिल पाती, मेरा जीना मुहाल हो जाया करता था। वो मानो मेरे शरीर के हर हिस्से में बस गए थे। उनका लंड ही मेरे जीने की वजह बन गया। आए दिन मैं उनसे चूत मरवाने चली जाती।
कभी-कभी तो मैं उनसे जबरदस्ती करके अपनी मरवाती। ना सिर्फ अलग-अलग पोजिशन में, बल्कि पीरियड्स में और गर्भ निरोधक दवा लेकर भी चुदाने में मुझे चरम रोमांच मिलने लगा। ओह शैलेश का जिस्म, आह शैलेश! लेकिन मुझे नहीं पता था कि मेरे जीवन से परीक्षाओं का दौर खत्म ही नहीं होगा। एक बार फिर मेरे टूटने की बारी आ गई, जिसके बारे में मैं अब बताने जा रही हूं।
दोस्तों ऐसे ही एक शाम, विदेश ट्रिप से लौट कर शैलेश खुद मुझे लेने मेरे घर आ गए। गाड़ी में बैठते ही उन्होंने मेरे मम्मे चूम लिए।
शैलेश: आह रीटा यार, तुम्हें चोदने के लिए मैं मरा जा रहा हूं। विदेश में एक से एक रंडी चोदी लेकिन तुम में जो बात है, मेरी प्यास और कोई नहीं बुझा सकती। आज रात सोना नहीं है तुम्हें।
शैलेश इतने जोश में थे कि उन्होंने गाड़ी चलाने की जगह वहीं अपनी पेंट में से लंड निकाल कर हिलाने लगे। उनका लंड पहले ही मुझे सलामी दे रहा था। शैलेश ने आव देखा ना ताव, मेरे घर के आगे ही मेरी गर्दन पकड़ के नीचे की और मेरे गले तक अपना मोटा फौलाद उतार दिया।
मममम आह इतना रोमांच, ओह शैलेश का पानी पी कर मज़ा आ गया। मुझे 15 मिनट लग गए पानी निकालने में। फिर मैंने मुंह पोंछा और उनकी गर्दन पर जोरदार लव बाइट देना शुरू किया। उन्होंने मुझे अपनी जांघों पर बैठाया, और गाड़ी चलाई। मैं घर तक सारा समय उनकी मुठ ही मारती रही।
घर पहुंचते ही शैलेश बोले: रीटा तुमने मुझे जो प्यार दिया है, मेरा लंड हर समय खड़ा ही रहता है, जिससे मुझे पब्लिक में समस्या हो जाती है। आज तुम्हे सजा देने का वक्त है।
उन्होंने घर में घुसते ही मेरी साड़ी उधेड़ डाली। सारे नौकर मेरा शरीर देख हकबका गए और इधर-उधर भागने लगे। मुझे थोड़ी शर्म तो आयी, लेकिन अब मैं दिवाकर से धोखा खा कर नंग हो चुकी थी। अब ज्यादा लाज शर्म मेरे साथ नहीं बची थी। इसके बाद मैंने खुद अपनी कच्छी फाड़ी और शैलेश के मुंह में काफी अंदर तक भर दी।
शैलेश ने भी उसी हालत में मुझे पूरी नंगी कर सारे घर में घुमाया। कुछ नौकर गलती से ये सब देख पा रहे थे, क्योंकि आज हम अपने बस में नहीं रहे थे। मैंने भी शैलेश का लौड़ा बाहर निकाल लिया और उसकी मुठ मारने लगी। शैलेश काफी भारी आहें भरने लगे और मेरी चूत में पूरी मुट्ठी घुसाने लगे। मेरा पानी सारे घर में ऐसे बह रहा था, मानो किसी ने नल चला दिए हो।
शैलेश मुझे हॉल के ग्लास वॉल पर ले गए, मुझे कई चांटे लगाए और बोले: आह मेरी कुतिया कोडी हो चल।
उन्होंने मुझे दीवार पर झुकाया और मेरी चूत में अपना नंगा लौड़ा सेट करने लगे। उसके बाद मेरे बाल खींच-खींच कर उन्होंने मेरी चूत बजानी शुरू की।
मैं: उफ्फ आह आह ओह मां आह शैलेश आह और तेज चोदो। शैलेश आह शैलेश प्लीज़ शैलेश और मारो मुझे।
उन्होंने मेरी गर्दनों पर अपनी टाई लपेटी और जोरों से खींच कर मेरा गला घोंट कर मुझे चोदने लगे। उफ्फ दोस्तों, मेरे शैलेश मेरी कितनी अच्छी मरम्मत कर रहे थे। सब नौकर डर-डर कर हमें छुप-छुप देख रहे थे। हम दोनों और कामुकता और मदहोशी के साथ चुदाई कर रहे थे। मैंने पलट-पलट कर दो चार बार शैलेश को मारा, और गंदी-गंदी गालियां दी, ताकि शैलेश आज मुझे चलने लायक ना छोड़े।
उन्होंने फिर मुझे जमीन पर गिराया और मेरी गांड में बहुत भारी डिल्डो डाल कर मुझे अधमरा करने लगे। उफ्फ, ओह, ये करते-करते उन्होंने मुझे नीचे गिराया, और मेरी चूत में भी फिर लंड पेलने लगे। दोस्तों आज शैलेश ने कमाल ही कर दिया था। चोदते-चोदते ही उन्होंने ताकत की दवा ली, और फिर करीब एक घंटे मुझे तरह तरह से आगे-पीछे ऊपर-नीचे चोदा।
जब उन्होंने मुझे गोद में उठा कर खड़े-खड़े ही चोदना शुरू किए तो मैं मानो जन्नत में थी। दुनियादारी मुझसे कोसों दूर पीछे छूट चुकी थी। इस चुदाई में हम दोनों हॉल के हर कोने में कई तरह के शोपीस तोड़ चुके थे। मैं पांच बार पानी छोड़ चुकी थी।
मैं: उफ्फ मेरी जान, मेरे शैलेश, मुझे मार ही डालो प्लीज़।
शैलेश: चुप रहो बिल्कुल रीटा। तुम्हारे बिना मैं अगले ही दिन अपनी जान दे दूंगा।
ये बोल कर वो और तेज धक्के मारने लगे। अब मेरी बच्चेदानी भी पूरी सहम सी गई। इसके बाद उन्होंने मेरे गले में फिर अपना फौलाद भरा और कहा: आह रीटा आज ये बैठने वाला नहीं है, तुम ही कुछ करो।
तो मैंने उनका लौड़ा पूरा गले तक उतार लिया, और बिल्कुल गन्ने की तरह दांतों की मदद से चूसने लगी। ना सिर्फ लौड़ा, मैंने उनकी गोटियां भी खूब चूसी, और ऐसे दबाई कि उनकी जान हलक में आ जाए। लेकिन वो सख्त मूसल बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था। मुझे करीब आधे घंटे उसे खाना पड़ा। अब सभी नौकर डरते-डरते अपने-अपने घर जाने लगे, लेकिन मैं अपनी नौकरी में बिल्कुल लगन के साथ लगी रही।
आखिर मेहनत सफल हुई, और उनकी सारी पिचकारी मैंने बड़े चाव से पी ली, और थोड़ी चूत और गांड में भी गिरवा ली। अब हम वहीं निढाल पड़े रहे। थोड़ी देर बाद उठ कर नहाने गए, और वहां शैलेश ने मेरी गांड चाटी, और फिर उसमें अपना लौड़ा भर दिया। आह, उन्होंने कस-कस के मेरी गांड मारी जिसके बाद मैं लंगड़ाने लगी। अब हम दोनों किसी तरह बाहर आए और खाने का सोचने लगे।
खाना खाते हुए मैंने सोचा एक बार बच्चों का हाल-चाल ले लूं। तो मैंने मेरे घर पर फोन लगाया। फोन मेरी छोटी बेटी ने उठाया, जो बहुत तेज रो रही थी। मैंने पहले कभी उसे इस तरह रोते नहीं सुना। चिंता के मारे जिस गले में मैं शैलेश का मोटा सामान आराम से ले लेती हूं, उसी गले में एक भी निवाला मेरे गले से नहीं उतरा। इतने में मेरे बेटे ने फोन लिया, और वो भी रोते-रोते बोला-
शोनू (बेटा): मां आप बहुत बुरी हो मां, हमें आप से बात नहीं करनी मां।
ये सुन कर मेरे पैरों तले जमीन ही खिसक गई और मैंने तुरंत सारी बात शैलेश को बता कर घर के लिए निकल गई। मैं घर पहुंची तो पता चला आज मुझ पर कयामत टूट चुकी थी। मेरी हवस आज मुझे पूरी तरह तोड़ चुकी थी। क्योंकि आज मेरे बच्चों ने मेरी रंगरलियां देख ली थी। उन्होंने बदकिस्मत से पहले तो गाड़ी के पीछे से मुझे शैलेश का लौड़ा चूसते हुए देख लिया। उसके बाद वो हमारा पीछा करने लगे।
क्योंकि आज हम ग्लास हॉल में ही सब के आगे चुदाई कर रहे थे, मेरे बच्चों ने मुझे ना जाने किस-किस तरह चूत गांड चुदाते देख लिया। वो दोनों रो-रो कर मुझसे दूर भागने लगे। मैंने उन्हें बहुत प्यार करने की कोशिश की, लेकिन वो मुझसे नफरत की आग में झुलस रहे थे।अब मैं घबराहट में दौड़ी-दौड़ी शैलेश के पास पहुंची और उन्हें सब बता दिया। वो मुझे CCTV की फुटेज दिखाने ले गए।
ये बात जान कर मेरी गांड और फट गई कि आज की चुदाई रिकॉर्ड भी हुई थी। मैंने देखा कि मेरे दोनों मासूम बच्चे मुझे कुत्तिया की तरह चुदते देख रहे थे, और उस समय ऊपर बालकनी में दो नौकर भी मुझे देख कर मुठ मार रहे थे। मेरी जान हर पल जाती जा रही थी। मैं बदहवास और लगभग बेहोश हो गई। तो शैलेश ने मुझे संभाला। मैंने किसी तरह अपनी एक सहेली को मना कर बच्चों को संभालने भेजा।
शैलेश मुझे संभालने के लिए अब मेरी चूचियां मसलने लगे। जिससे मुझे काफी राहत तो मिल रही थी, लेकिन मैं अब भी सहम रही थी। मैंने थोड़ी राहत पाने के लिए शैलेश को इशारा किया, और उनकी गर्दन पकड़ कर अपनी चूत पर ले गई। शैलेश मेरी जरूरत समझ गए, और उन्होंने मेरी चूत को ऐसा चाटना शुरू किया, कि मैं सब कुछ भूलने लगी।
अपनी जीभ से मेरे चूत के दाने को उन्होंने ना सिर्फ चाटा, बल्कि बीच-बीच में निस्तार से काटना भी जारी रखा। मैं फिर एक बार ओह मां, उफ्फ मां करने लगी। शैलेश ने मेरी चूत में 4–4 उंगली डाल-डाल उसे खोलना, चौड़ा करना, और रगड़ना भी जारी रखा, जिससे मेरा पानी और जल्दी बहने लगा। मेरी चूत से एक-एक बूंद शैलेश ने चाटी, जिसके बाद उन्होंने मुझे जबरदस्ती 4–5 पेग पिलाए। जिसके बाद मैं रोते-रोते ही सो गई इस बात से अंजान कि आगे क्या होने वाला था।