एक बेटी की दास्तां-2

पिछला भाग पढ़े:- एक बेटी की दास्तां-1

Xxx हिन्दी पॉर्न स्टोरी के पिछले पार्ट में पढ़ा, कैसे निधि की मां उसके ट्यूशन वाले अंकल के साथ कमरे में होती है, और उन दोनों के बीच रोमांस शुरू होता है। अब आगे-

मां ने अंकल को देखा और मुस्कुराई, और अपनी साड़ी हटाना शुरू कर दिया। देखते ही देखते मां पेटीकोट और ब्लाउज में आ गई। मां ने ब्लैक रंग का स्लीवलेस डीप नेक ब्लाउज पहना हुआ था, जो इतना टाइट था कि उनके स्तन ब्लाउज फाड़ कर बाहर निकलने की कोशिश में थे।

अंकल बेड पर पड़े हुए मां के भरे हुए अर्ध नग्न बदन को खा जाने वाली नज़रों से देख कर मुस्कुरा रहे थे, और मां भी उन्हें देख कर ब्लाउज के ऊपर से अपने स्तनों को दोनो हाथों से पकड़ कर आपस में रगड़ने लगी।

मां अंकल के पास गई और उनकी शर्ट के बटन खोलने लगी। देखते ही देखते उन्होंने अंकल के सारे कपड़े निकाल दिए। अब अंकल सिर्फ अंडरवियर में थे। अंकल का हथियार उनके अंडरवियर में समा नहीं रहा था। अंडरवियर को फाड़ने को हो रहा था। मां ने कपड़े के ऊपर से ही हथियार पर हाथ से सहला दिया, जिसे अंकल बर्दाश्त ना कर सके।

उन्होंने मां को एक-दम से बिस्तर पर खींच लिया और मां को दबोच कर अपने नीचे कर लिया। मां के स्तन ब्लाउज में बहुत तेज-तेज ऊपर-नीचे हो रहे थे। अंकल ने एक-दम अपना मुंह मां के स्तनों के बीच क्लीवेज में घुसा दिया और दोनों हाथों से ब्लाउज पकड़ कर एक-दम से खींच कर फाड़ दिया। जिससे मां ऊपर सिर्फ ब्रा में थी।

मां ने उस वक्त काले रंग की नेट वाली ब्रा पहनी‌ हुई थी, जो कि बहुत ज्यादा टाइट हो रही थी। अंकल ने अपने एक हाथ को नीचे ले जा कर मां के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और मां ने अपने पैरों से पेटीकोट को निकाल दिया। नीचे मां ने ब्रा के सेट की ही नेट की काले रंग की पेंटी पहन रखी थी, जो कि नाम मात्र के लिए थी। पेंटी से अंदर सब कुछ साफ दिखाई दे रहा था।

मां ने अंकल का सर पकड़ कर अपने स्तनों की घाटी के बीच घुसा लिया, और अपने हाथ अंकल की नंगी पीठ पर चलाने लगी। मां अंकल के बालों से लेकर हाथ उनकी कमर तक ले जा रही थी। वो बीच-बीच में सिसकारियां ले रही थी-

मां: सीई ई ई ई आह उफ धीरे करो ना।

अंकल: ओह मेरी जानेमन, क्या करूं कंट्रोल नहीं हो रहा तुम्हें ऐसे देख कर। जी चाहता है कि खा जाऊं तुम्हें ऐसे ही। क्या कयामत लग रही हो इस ब्रा पेंटी में।

मां: तुम्हीं तो लिए हो मेरे लिए तो भला मैं कैसे नहीं पहनती। तुम्हारे लिए ही तो बस ये सब करती हूं मैं।

अंकल मां को किस करने लगे और मां के बूब्स को ब्रा के ऊपर से मसलने लगे। मां भी कसमसाने लगी और एक हाथ नीचे करके अंडरवेयर के ऊपर से ही अंकल का लंड पकड़ लिया, और जोर से रगड़ने लगी। मां ने अंकल का अंडरवियर फटाफट निकाला, और खुद भी अपनी ब्रा निकालने लगी। तब तक अंकल ने मां की पेंटी को मां के पैरों से आजाद कर दिया।

अब दोनों एक-दूसरे को किस करने लगे। दोनों एक-दूसरे के होंठ ऐसे चूस रहे थे जैसे खा जाएंगे। अंकल ने एक हाथ मां के बूब्स पर रखा, और मसलने लगे, और दूसरा हाथ नीचे ले जा कर उनकी चूत रगड़ने लगे। मां एक-दम मस्त हुई जा रही थी, मचल रही थी। उन्होंने अंकल के हाथियार को पकड़ लिया और मसलने लगी। अंकल भी कसमसाने लगे।

उन्होंने मां को वैसे ही धक्का दिया तो मां बेड पर बैठ गई। अंकल उनके पास गए और अपना हथियार मां मुंह के पास किया। मां ने बिना देर किए तुरंत अंकल के हथियार को मुंह में ले लिया, और पूरा अंदर तक लेकर चूस रही थी। अंकल ने मां के सर को पकड़ कर जोर-जोर से अपने हथियार को उनके मुंह में डाल कर मां का मुंह चोदना शुरू कर दिया।

अंकल जोर-जोर से मां का मुंह चोद रहे थे। उनका हथियार मां के गले तक जा रहा था। मां के मुंह से गूं-गूं की आवाज आ रही थी। मां अंकल की गोलियां सहला रही थी। अंकल जोर-जोर से धक्के मार रहे थे, और अचानक से उनके झटके और तेज हुए और आह आह आह करते हुए अपना सारा माल मां के मुंह में छोड़ दिया। अंकल का माल इतना ज्यादा था कि मां के मुंह से बाहर निकलने लगा। कुछ मां पी गई, कुछ चाट कर साफ कर लिया।

अंकल बेड पर लेट गये और मां को उनके ऊपर खींच लिया। दोनों 69 पोजिशन में आ गए। मां अंकल के मुंह पर अपनी चूत रगड़ने लगी, और अंकल के हथियार को जोर-जोर से चूस रही थी। अंकल ने अपने दोनों पैर मां की पीठ पर लपेट दिए, जिससे मां पूरी तरह लंड पर झुक गई और पूरा लंड उनके मुंह में था।

अंकल नीचे से गांड हिला-हिला कर मां का मुंह चोद रहे थे, और मां की चूत में जीभ डाल कर चोद रहे थे। तभी मां जोर से कसमसाने लगी, और अपनी चूत को अंकल के मुंह में दबाने लगी। अंकल ने अपने पैर हटाए तो मां ने लंड मुंह से निकाला और बोलने लगी-

मां अंकल से कह रही थी: आह आह और जोर से करो। घुसा दो जीभ चूत में। आह मैं झड़ने वाली हूं। आह आह।

करते हुए मां झड़ गई और अंकल कुछ देर उनकी चूत चाटते रहे। और उनका पूरा पानी पी गए।

मां अंकल से बोली: अब और देर मत करो। प्लीज जल्दी से अंदर डाल दो। अब और नहीं रहा जाता। जल्दी से चोदो अब मुझे।

अंकल: हां मेरी जान, इसी के लिए ही तो मैं आता हूं तेरे घर। सिर्फ तुझे चोदने के लिए। तेरे बच्चों को पढ़ाने का अच्छा बहाना ढूंढा तूने। तू भी कम नहीं है। आज तक किसी को शक नहीं हुआ। एक साल से चोद रहा हूं तुझे, पर हर बार ऐसा लगता है के आज पहली बार चोद रहा हूं। एक दम कसी हुई है तेरी चूत। तेरे पति ने कब से नहीं चोदा तुझे?

ऐसे बोलते-बोलते अंकल ने अपना लंड मां की चूत पर रखा, और एक ही जोरदार झटके में 8 इंच लंबा और 3 इंच चौड़ा लंड मां की चूत में घुसा दिया। मां एक-दम बिस्तर से उछल गई, और जोर से चिलाने वाली थी, कि अंकल ने उनके मुंह पर अपना मुंह रख दिया। उनकी चीख दब गई। अंकल सटासट मां की चूत चोदे जा रहे थे।

इधर ये देख कर पता नहीं मुझे क्या हुआ। मेरे अंदर एक करंट सा दौड़ गया और मेरा हाथ मेरे लोअर से होता हुआ सीधे मेरी चूत पर रुका। उधर अंकल जितनी तेजी से लंड अंदर-बाहर कर रहे थे, उतनी ही तेजी से मेरी चूत में मेरी उंगली अंदर-बाहर हो रही थी। मेरे लिए ये भी मेरी जिंदगी का पहला अनुभव था।

इसके आगे इस मां की चुदाई कहानी में क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा।

अगला भाग पढ़े:- एक बेटी की दास्तां-3