नमस्कार दोस्तों, मेरी हिंदी चुदाई कहानी में आपका हार्दिक अभिनंदन करता हूं। मेरा नाम कुणाल है, और मेरी उम्र 23 ईयर है, और मैं प्राइवेट जॉब करता हूं। मेरी हाईट 5.5 फुट है, और लोड़े का साइज 7 इंच और ठीक-ठाक मोटा भी है। दोस्तों टाइम बर्बाद ना करते हुए कहानी पर आते है।
नवंबर 2021 में मेरी फेसबुक मैसेंजर पे एक लड़की का मैसेज आया। उसका नाम अनु था। उसकी एज 19 ईयर थी, हाईट 5’3″, और थोड़ी स्लिम बॉडी की लड़की थी। अनु की चूचियां थोड़ी छोटी-छोटी थी, मगर एक-दम कड़क और भूरे कलर के निप्पल थे।
हम दोनों ने बात करनी स्टार्ट कर दी, और कुछ ही दिन में हम गर्लफ्रैंड-ब्वॉयफ्रेंड बन गए, और जल्द ही हम दोनों ने अपने घर पे भी बता दिया। फिर लगभग एक साल बाद उसके घर वाले मुझे देखने मेरे घर पे आए, और मुझे और मेरे घर परिवार को देख के चले गए। उसके अगले महीने अनु का बर्थडे था, जिसमें हम सब को जाना था। मैं अनु से दो बार मिल चुका था। लेकिन एक बार किस किया था बस। अनु बहुत शर्मीली थी। अब मैं उसके बर्थडे पे गया।
मेरे घर वाले उसको देखते ही उसकी तारीफ करने लगे, क्योंकि वो बहुत ही सुंदर और सुशील लड़की थी। वो मेरे लिए पानी लेके आई, और पानी देके थोड़ी स्माइल की और चली गई। फिर कुछ टाइम बाद हम दोनों मार्केट गए और केक, चॉकलेट, और बाकी सब सामान लिए। फिर गोलगप्पे खा कर वापस आ गए। बाइक पे वो मुझसे चिपक के बैठी थी, और उसकी चूचियां मेरी पीठ से रगड़ रही थी। मेरा लौड़ा बिल्कुल खड़ा हो गया था, और हल्का पानी निकल गया।
अब शाम को अनु ने केक काटा। सब ने खाना खाया, और मैं अनु के रूम में उसके बिस्तर में जाके सोने लगा। फिर अनु सब को खिला-पिला के रूम में आई तो बोली-
अनु: मैं कहां सोने जाऊं?
मैंने बोला: यही पे सो जाओ।
फिर वो मेरे पास बैठी और हम बातें करने लगे। कुछ देर में सब सो गए, और मैं अनु की चूचियां दबाने लगा। वो सिहर गई। मैंने उसके लिप्स को देखा, बड़े रसीले थे, और उनको अपनी मुंह में भर कर चूसने लगा। कुछ ही देर में हम दोनों एक-दूसरे में खो गए।
मैंने अनु की सलवार की रस्सी खोल के उसकी पैंटी में हाथ डाला, तो उसकी बुर बिल्कुल चिकनी थी। एक भी बाल नहीं था। सच बोलूं तो उसके वहां पे बाल ही नहीं आए थे। उस समय मैंने उसकी बुर को सहलाया, और जैसे ही उंगली डालने की कोशिश की, वो मना करने लगी, और मेरा हाथ बाहर निकाल दी। मैं तो पूरा तड़प के रह गया।
पूरी रात उसके लिप्स चूसे, उसके बूब्स चूसे, लेकिन चोद नहीं पाया, क्योंकि घर में बहुत मेहमान थे, और कमरे का दरवाजा हम लोग बंद नहीं कर सकते थे। वरना सब लोग गलत समझते। पूरी रात एक-दूसरे को चूसने-चाटने के बाद अगले दिन हम वापस आ गए। लेकिन मुझे बस अनु की बिना बाल वाली बुर याद आ रही थी। मुझे कैसे भी करके उसकी बुर का रस पीना था, और जम कर चोदना था।
फिर मैं उसको चोदने के लिए मनाने लगा। मैं उससे गंदी बाते करता, उसको वीडियो कॉल पे अपना लौड़ा दिखाता, पर वो साली अपनी चूचियां दिखाने में भी नाटक करती थी। फिर भी काफी हद तक मैंने उसे चुदने के लिए मना लिया।
वो बोली: जब आप आना, तो चोद लेना।
अब तो मुझे बस कैसे भी करके उसके पास जाना था, और कस के चोदना था। फिर वो दिन आ ही गया। उसके घर पर पूजा थी, तो उसकी मम्मी ने मुझे भी बुलाया और मैं चला गया। दिन में पूजा हुई, और शाम को खा पी के मैं उसके बिस्तर में चला गया, और उसका इंतजार करने लगा, और मन ही मन खुश हो रहा था।
फिर कुछ देर बाद वो रूम में आई। मैंने झट से उसको खुद से चिपका लिया, और पागलों के जैसे उसके लिप्स चूसने लगा, और उसकी चूचियां दबाने लगा। वो भी मस्त होने लगी। फिर मैंने रूम बंद किया, और उसको बिस्तर में फेंक दिया। वो आज कुछ नही बोल रही थी, मानो वो खुद ये सब चाह रही थी।
फिर मैं उसके ऊपर गया और उसकी आंखो में देखने लगा, और फिर उसके लिप्स पे टूट पड़ा। उसने सूट सलवार पहन रखा था। मैं कपड़ो के ऊपर से ही उसकी चूचियां दबाए जा रहा था, और वो मस्ती में आहें भरने लगी आह उह, और मेरे लिप्स को इस तरह चूसने लगी, जैसे बहुत भूखी हो। फिर मैंने उसको अपनी गोद में बिठाया, और उसका सूट निकाल दिया।
अब वो ऊपर से बस ब्रा में थी, और उसकी छोटी-छोटी चूचियां ब्रा में ही कमाल लग रही थी। मेरा लौड़ा बिल्कुल टाइट हो गया था, क्योंकि वो मेरी गोद में बैठी थी, और उसकी गर्म गांड से मेरा लौड़ा एक-दम तन गया। मैं उसके पीठ को सहलाते हुए पीछे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया।
फिर जैसे ही उसका ब्रा को हटाया, उसकी छोटी-छोटी चूचियां और भूरे कलर के छोटे निप्पल देख के मैं पागल हो गया, और अपने मुंह में भर कर चूसने लगा। वो एक-दम मस्त होके मेरे बालों को पकड़ कर अपनी चूचियां चुसवाने लगी, और फिर उसने मेरी शर्ट के बटन को खोल के निकाल दिया।
फिर मैंने उसको लिटाया, और उसके लिप्स, गर्दन, चूचे, पेट, और नाभि को चाटते हुए उसकी कमर पे आया। मैंने उसकी सलवार की रस्सी पकड़ के खोल दी, और सलवार उसकी टांगो से निकाल के फेंक दी। जब मैंने उसकी पैंटी देखी, तो वो गीली हो गई थी, और बहुत ही मादक खुशबू आ रही थी उसकी बुर से।
मैंने झट से उसकी पैंटी नीचे खींच के निकाल दी, और उसकी टांगो को फैला के उसकी गीली बुर पे अपनी जीभ लगा दी। मैं उसे चाटने लगा। अनु बिल्कुल पागल हो गई। वो मेरे बालों को जोर से पकड़ ली, और अपनी बुर पे दबाने लगी, मानो मुझे अपनी बुर में घुसा लेगी। मैं उसकी बुर में जीभ घुसा के चाट रहा था। वो सिसकारियां भरते-भरते अकड़ने लगी, और उसकी बुर से गरम-गरम पानी निकल गया। मैं सारा गर्म नमकीन पानी पी गया।
अब वो बिल्कुल सुस्त पड़ गई। फिर मैं उसको किस करने लगा। कुछ टाइम बाद वो फिर गर्म हो गई, और मेरे कान में बोली-
अनु: बाबू अपना लौड़ा दिखाओ।
फिर मैं अपनी पैंट खोल और अंडरवियर निकाल के अपना टाइट लौड़ा उसके सामने हिलाने लगा। वो ये देख के डरते हुए बोली-
अनु: बाबू बहुत बड़ा है। कैसे घुसेगा? बहुत दर्द होगा ना।
मैं बोला: बाबू बस थोड़ा सा दर्द होगा। फिर मजा आयेगा।
मैंने उसको बोला: बाबू चूसोगी?
वो मना कर दी, तो मैंने भी जबरदस्ती नहीं की। फिर मैं उसकी टांगो के बीच में आया, और उसकी टांगे फैला के अपना लौड़ा उसकी गीली बुर पे रगड़ने लगा। उसके बाद लोड़े पे थूक लगा के गीला किया, और जैसे अंदर की तरफ डाला, तो लौड़ा फिसल गया। फिर मैंने आराम से लोड़े का टोपा उसकी बुर के छेद में सेट किया, और अंदर डाला, तो टोपा अंदर गया।
वो चीखने लगी। मैंने जोर से धक्का लगाया, और मेरा आधा लोड़ा उसकी बुर में चला गया। वो रोने लगी और मैंने एक और झटका दिया। मेरा पूरा लोड़ा उसकी छोटी और चिकनी बुर में समा गया, और उसकी बुर से हल्का खून निकलने लगा।
उसकी हालत खराब हो गई, और वो बेहोशी वाली हालत हो गई। मैं उसके ऊपर लेट गया, और उसके सर को सहलाने लगा। उसके आंसू पोंछ के उसके लिप्स पे प्यार से किस करने लगा। 2 मिनट बाद उसको थोड़ा आराम हुआ।
मैं फिर धीरे-धीरे लोड़ा अंदर-बाहर करने लगा, और धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाता गया। मैं उसकी चूचियां हाथ से दबा रहा था, और जोर-जोर से चोद रहा था। वो सिसकारियां भर रही थी और मेरी गर्दन और गाल पे किस कर रही थी। 10 मिनट में मेरा निकलने वाला था। मैंने अपना लौड़ा बाहर निकाला, और उसकी बुर के ऊपर और पेट पे सारा पानी डाल दिया।
लेकिन अभी उसका मन नहीं भरा था। फिर मैं उसके बगल में लेट गया, और उसने अपना पेट अपनी पैंटी से साफ किया। मैंने अपना लौड़ा उसके हाथ में पकड़ा दिया। वो मेरे सोए हुए लोड़े को हिलाने लगी। कुछ देर में वो फिर से बिल्कुल कड़क हो गया। मैं तुरंत उसकी बुर के पास गया, और उसकी बुर को चाट के उसमें अपनी थूक भर दी।
फिर अपना लौड़ा उसकी बुर में डाला। इस बार थोड़ी सी मेहनत से लोड़ा पूरा उसकी बुर में चला गया। मैंने उसकी चूचियां अपने हाथ से दबाई, और चोदने लगा। वो अब मजा लेने लगी, और मुझे किस करती, तो कभी अपनी चूचियां मेरे मुंह में डालती। 25 मिनट की जोरदार चुदायी में वो 2 बार झड़ गई थी।
मेरा लौड़ा सट-सट उसकी गीली बुर में जा रहा था, और फिर मैं अपने लोड़े को निकाल के उसकी चूचियों पे सारा पानी निकाल दिया, और उसकी बगल में लेट गया।
फिर मैंने पूछा: अनु मजा आया?
उसने अपनी बुर और चूचियों को साफ करके मुझे जोर से हग किया और बोली-
अनु: थैंक यू जान, बहुत मजा आया।
उस रात मैंने उसको दो बार और चोदा। मैं वहां 4 दिन रुका और उसे हर तरह से चोदा। अब वो इतनी चुदक्कड़ हो गई है, कि बस चुदने की ही बाते करती है, और मुझे हमेशा अपने पास बुलाने लगती है। लेकिन बिना शादी के इतना आना-जाना नही कर सकता।
फिर भी साल में दो बार जाता हूं, और जम कर चोदता हूं। अगले साल हम दोनों की शादी है। फिर तो हम दोनों जम कर चुदायी करेंगे। तो ये है हमारी फर्स्ट हिंदी सेक्स कहानी।
आशा करते है आप लोगों को अच्छी लगेगी।
धन्यवाद।