मुकुल कुलश्रेष्ठ – ज़िप रिपेयर करने वाले लड़कों से चुदाई – भाग 2

एक तो अशोक को भी टाइट गांड को रगड़ने का मजा आ रहा था, दुसरे भावना ने भी यही कहा था, “जीजी को आज तारे दिखादे। बस गांड में लंड आराम से बिठाना – जीजी की गांड कुंवारी है। एक बार तेरा लंड जीजी की गांड में बैठ गया तो फिर मत रुकना “।

वही अशोक कर रहा था। कुंवारी गांड वाली मुकुल को तारे दिखा रहा था।

पंद्रह मिनट कि गांड चुदाई से गांड पर लगी क्रीम की झाग बन गयी थी। मूकुल कि चूत भी पानी पानी हो रही थी। वो जोर जोर से चूत का दाना रगड़ रही थी कभी भी झड़ सकती थी। मूकुल ने से घुमा कर अशोक को कहा, “अशोक मेरी चूत झड़ने वाली है। चूत का पानी निकल दे फिर आ जाना गांड पर”।

अशोक ने लंड गांड में से निकाला, मूकुल के चूतड़ों को जरा सा ऊपर उठाया। अब चूत लंड के बिकुल सामने थी। चूत में से लेसदार पानी नीचे टपक रहा था।

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