पिछला भाग पढ़े:- बेटे के साथ मिल कर मां को चोदा-2
हैलो दोस्तों, मैं विक्रम अपनी साली की चुदाई कहानी का अगला पार्ट लेके आया हूं। उम्मीद है आप सब ने मेरी सेक्स कहानी का पिछला पार्ट पढ़ा होगा, और आप सब को पसंद भी आया होगा। जिन्होंने भी अभी तक पिछला पार्ट नहीं पढ़ा है, वो कृपया उसको पढ़ ले।
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मैं बहाना बना कर अपनी साली के घर गया। वो काली साड़ी में बहुत सेक्सी लग रही थी। फिर मैंने उसके साथ सेक्स करने की कोशिश की, लेकिन उसने मुझे मना कर दिया। अपने प्यार के बारे में बता कर जब मैंने उसको जिस्म की जरूरत पूरी करने की बात की, तो उसने कहा कि उसको मर्द नहीं चाहिए। तभी मैंने उसको उसकी फिंगरिंग करते की वीडियो दिखा दी। अब आगे-
अपनी खुद की फिंगरिंग करते की वीडियो देख कर साली के मुंह पर ताला लग गया। वो कंफ्यूज हो कर अपने होंठ काटने लगी। उसके पास कोई जवाब नहीं था। मैंने सोचा यहीं सही मौका था उसको अपना बनाने का। तो मैंने उसका हाथ पकड़ा, और उसको खींच कर बाहों में भर लिया।
अब हम दोनों के जिस्म चिपके हुए थे, और वो घबराई हुई नजरों से मेरी आंखों में देखने लगी। वो मुझसे दूर होने की भी थोड़ी कोशिश कर रही थी, लेकिन मेरी पकड़ मजबूत थी। हम दोनों लगातार एक-दूसरे की आंखों में देख रहे थे, और कोई कुछ नहीं बोल रहा था।
फिर मैंने अपना चेहरा उसके चेहरे की तरफ आगे बढ़ाया, और अपने होंठों को उसके रसीले होंठों पर चिपका दिया। मैं अब उसके होंठों को चूसने लगा। कुछ पलों तक सिर्फ मैं ही उसके होंठों को चूस रहा था, लेकिन फिर वो भी मेरा साथ देने लगी। जैसे ही उसने मेरा साथ देना शुरू किया, मैंने उसके बदन को भी सहलाना शुरू कर दिया। मैं उसकी पीठ पर, नंगी कमर पर, और उसकी मोटी गांड पर हाथ फेरने लगा। इससे वो गरम होने लगी, और ज्यादा जोश से होंठ चूसने लगी।
लगभग 5 मिनट तक लगातार हम दोनों एक-दूसरे के होंठों का रस पीते रहे। फिर हम अलग हुए। हमारी नज़रें फिर से मिली। इस बार उसकी नज़र में घबराहट नहीं, बल्कि वासना नज़र आ रही थी। वो प्यास नज़र आ रही थी, जिसको बुझाने के लिए उसको एक मर्द की जरूरत थी। फिर वो बोली-
साली: जीजू कहीं किसी को कुछ पता चल गया, तो मैं किसी को मुंह दिखाने के लायक नहीं रहूंगी। बदनाम हो जाऊंगी मैं।
मैं: तुम्हारे बदनाम होने से पहले मैं जान दे दूंगा। हमारे बीच जो कुछ भी हुआ, या होगा, उसके बारे में किसी को कभी कुछ नहीं पता चलेगा।
ये सुनते ही वो मुझसे लिपट गई और बोली: जीजू आपने सही कहा। मैं बहुत प्यासी हूं। प्लीज आप मेरी प्यास बुझा दो। मुझे आपके प्यार की बहुत जरूरत है।
उसकी ये बात सुन कर मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा, और उसका पल्लू नीचे गिरा दिया। फिर मैंने उसकी नंगी कमर पर हाथ रख कर फिर से उसको अपनी बाहों में भरा, और उसकी गर्दन पर पागलों की तरफ चूमने लगा। मैं उसकी क्लीवेज को चूमने और चाटने लगा, और उसने मेरे सिर पर हाथ रख कर मेरे चेहरे को अपनी क्लीवेज में दबाना शुरू कर दिया। उसके जिस्म की खुशबू बड़ी ही कामुक थी। मेरे चूमने चाटने की वजह से उसके मुंह से अह अह की सिसकारियां निकलनी शुरू हो गई थी। वो बहुत गरम हो रही थी।
फिर मैंने एक हाथ उसके चूचे पर रखा, और उसको जोर से दबाना शुरू कर दिया। वो ओह ओह करने लगी। दूसरा हाथ मैं उसकी पीठ पर ले गया, और उसके ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए। सारे हुक खोलने के बाद मैंने उस हाथ से, जो पहले से चूचा दबा रहा था, ब्लाउज पकड़ कर खींच दिया। अब वो ऊपर सिर्फ काले रंग की ब्रा में थी। दोस्तों मैंने जितना उसके बारे में सोचा था, वो उससे कहीं ज्यादा सेक्सी लग रही थी।
मैंने उसके दोनों चूचों पर अपने हाथ रख कर दबाया, और उसकी क्लीवेज में अपना मुंह डाल कर चाटने लगा। वो तो जैसे पागल सी होने लगी, और तेज़ सांसे लेने लगी। वो मुझसे बोली-
साली: जीजू चूस लो इनको। कब से किसी मर्द के होंठों के लिए तरस रहे है ये दोनों। उसकी ये बात सुनते ही मैंने उसकी ब्रा खींच कर फाड़ दी। ब्रा फटते ही उसके बड़े चूचे आजाद हो कर बाहर निकल आए। उसके अकड़े हुए निपल्स को देखते ही मैंने अपना मुंह उनको लगा दिया, और एक-एक करके दोनों को चूसने लगा। साली आह आह कर रही थी, और अपना एक हाथ नीचे ले जा कर मेरे लंड को पैंट के ऊपर से सहला रही थी।
कुछ देर चूचे चूसने के बाद मैंने उसकी साड़ी का पल्लू पकड़ा, और उसको खींचने लगा। वो घूम गई, और उसकी साड़ी निकल गई। अब मेरी सेक्सी साली सिर्फ पेटीकोट में थी। फिर जब मैं उसके पास गया, तो उसने मुझे पीछे धक्का मारा। अचानक धक्का लगने से मैं खुद को संभाल नहीं पाया, और पीछे सोफे पे जाके गिर गया। ये देख कर वो हंसने लगी। अब मुझे उसकी आंखों में शरारत दिख रही थी।
फिर वो मटक कर चलते हुए मेरी तरफ आने लगी। मैं समझ गया था कि उसके दिमाग में कुछ अलग चल रहा था। मैं उसको बस देखता रहा कि वो क्या करने वाली थी। फिर वो मेरे पास आके खड़ी हो गई। तभी अचानक उसने अपना एक पैर उठाया, और मेरे घुटने पर रख दिया। फिर उसने अपना हाथ अपने पेटीकोट पर रखा, और उसको धीरे-धीरे ऊपर की तरफ सरकाने लगी। मतलब वो अपनी जांघों को नंगा कर रही थी मेरे सामने।
मैं भी समझ गया कि अब मुझे क्या करना था। मैंने उसकी जांघ पर हाथ रखा, और जैसे-जैसे पेटीकोट ऊपर जाता रहा, वैसे-वैसे उसकी जांघ पर किस करने लगा। वो अपने पेटीकोट को बिल्कुल ऊपर तक ले गई, और अब मुझे उसकी काले रंग की पैंटी दिख रही थी।
उसकी पैंटी उसकी चूत वाली जगह से गीली नज़र आ रही थी। उसकी चूत के पानी की मधुर खुशबू को मैं महसूस कर पा रहा था।
इसके आगे इस साली की चुदाई कहानी में क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। यहां तक कि कहानी पसंद आए तो कमेंट जरुर करे।
अगला भाग पढ़े:- बेटे के साथ मिल कर मां को चोदा-4