मेरा नाम कंचन हैं, मैं 26 साल की हूं, और मेरी शादी हो चुकी हैं। मेरा बदन पूरा भरा हुआ हैं। मेरा फिगर 34-32-36 है, यानी की पूरे जवान और सेक्सी बदन की मालकिन हूं मैं। अब मैं जायदा वक्त बरबाद नहीं करना चाहती हूं, और सीधी उस रात वाली बात पे आती हूं।
अब तक इस घटना के हुए कुल दो महीने हो चुके हे लेकिन ये इतना खास है मेरे जीवन में, कि मैं भूल ही नही पा रही हूं। और मैं अपनी कहानी लिखने को मजबूर हो गई। बात उस दिन की है, जब मैं अपने पति के साथ अपने दूर के जीजा के घर घूमने गयी हुई थी।
मेरे जीजा जी नैनीताल में रहते हैं। तो मैंने सोचा कि जीजा के घर भी हो आएंगे, और नैनीताल भी घूम लेंगे। मैं बता दूं मेरे जीजा जी नैनीताल में पुलिस में है, और उनकी उम्र 35 की होगी। हम लोग उनके घर दोपहर को
पहुंचे, तो मेरी दीदी ने मेरा
और मेरे पति का बहुत स्वागत किया। क्योंकी नैनीताल में अच्छी ठंड होती है, तो हम लोग अपने कुछ गर्म कपड़े ले गए थे।
लेकिन वहां पे जितना हमने सोचा था ठंड उससे ज़्यादा थी। जब रात को मेरे जीजा जी ड्यूटी से वापस आये, तो वो मेरे पति को लेके बाहर घूमने चले गए। मैं घूमने नहीं गई क्योंकि रास्ते की थकावट कुछ ज्यादा ही हो गई थी। जब तक वो लोग बाहर से घूम के वापस आते, तब तक मेरी दी ने खाना तैयार कर लिया था, और मैं भी फ्रेश हो गयी थी।
जब वो लोग घूम के वापस
आये, तो गेट खोलने मैं ही गई। तो मैंने देखा कि एक बोतल दारु की मेरे जीजा के हाथ में थी, और
एक बोतल मेरे पति के हाथ में।
मुझे देख के जीजा जी थोड़ा घबराये, पर मैं उन्हें देख के थोड़ा
मुस्कुरा दी, तो वो मुझे ही
घूरने लगे, जैसे कि बरसो का प्यासा पानी को देख रहा हो। मैं शर्मा के अंदर चली आई। क्योंकि यहां ठंड ज्यादा पड़ती है, तो जीजा और दीदी को दारू पीने की आदत पड़ गई थी।
हम लोगों ने खाना खाना शुरू ही किया था, तो जीजा जी ने एक बोतल खोल दी, और सबके लिए पैग बनाने लगे। मेरे पति को तो ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं था, लेकिन मैंने बोला-
मैं: जीजू मैं दारू नहीं पीती हूं।
मेरी दी ने बोला: दो पैग लेले, थोड़ा ठंडा भी कम लगेगा और थकान भी मिट जाएगी।
मैंने फिर उनको मना नहीं किया। मैंने जैसे-तैसे करके दो पेग पिये। तब तक मेरी दी ने अपना चौथा पैग पूरा कर लिया, और बोली मैं चली सोने। जीजू और मेरे पति के भी चार पैग हो चुके थे, तो जीजू ने अगला पैग बनाया अपना और मेरे पति का स्ट्रॉन्ग और मेरा थोड़ा लाइट।
मैं उनको मना नहीं कर पाई। स्ट्रॉन्ग पैग पीने के बाद तो मेरे पति का कोटा पूरा हो गया, और वो वहीं सोफ़े पे सो गए नशे में बड़बड़ाते हुए। लेकिन जीजा जी ने तो मेरे ऊपर ही नजर गड़ाये हुए एक पैग और बनाया, और मुझे ऑफर किया।
मैं उनको बोली: मैं पूरी नहीं पी पाउंगी।
तो उन्होंने बोला: हम दोनों ही बचे हुए हैं। जितना पी सकती हो पियो, बाकी मैं पी लूंगा।
मैं उनको नशे में बोली: मेरा जूठा पियोगे क्या जीजू?
उन्होंने मजाक में बोला: जूठा क्या मैं तो तुम्हें ही पी जाऊं।
मेरे तो शर्म के मारे गाल ही लाल हो गए। मैंने आधा पैग पिया और गिलास उनके हाथ में देती हुई बोली-
मैं: लो अब आपकी बारी।
उन्होंने इस बात को कुछ ज्यादा ही सीरियस लिया और मेरा हाथ पकड़ते हुए बोले कि-
जीजू: मैं इसे यहां नहीं पियूंगा, चलो तुम्हारे रूम में पियेंगे।
मेरा एक हाथ पकड़ते हुए जीजू रूम की तरफ ले गए, और उन्होंने मुझे बिस्तर पर बैठा दिया और मेरे होंठो पे ग्लास लगाते हुए मेरे करीब आये और एक ही झटके में पूरा ग्लास खाली कर दिया। फिर उन्होंने बोला-
जीजू: एक आखिरी पैग और पियेंगे।
मैं उठी, और बोतल लेके आई और एक लाइट पेग बना दिया। मैंने लाइट पेग जान बूझ कर बनाया था, क्योंकि मुझे भी अब थोड़ा मजा आने लग गया था उनकी शैतानियां देख कर। मैं देखना चाहती थी कि जीजा जी अभी और क्या नौटंकी करेंगे। उनके हाथ में मैंने वो पैग दिया, और बोली-
मैं: जीजू ये साली की तरफ से।
उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी तरफ ऐसे खींचा कि मैं सीधा उनकी गोद में जा गिरी।
फिर उन्होंने बोला: ये वाला भी तुम्हारा ही जूठा पिऊंगा।
जीजू ने दारु से भरा गिलास मेरे होठों पे लगा दिया और बोला: एक सिप लो, और पीना नहीं।
मैंने भी वैसा ही किया। जैसा ही मैंने एक सिप पी, जीजू ने मेरे बेहद करीब आके अपने होंठों को मेरे होठों पर रख दिया और किस करने लगे। होंठों को चूसते
हुए वो दारू पीने लगे। अब मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा। मैंने भी उनके मुंह में अपनी जीभ घुसा दी और मजे लेने लगी। जीजू तो बिल्कुल प्यासे की तरह मेरे ऊपर ही टूट पड़े।
उन्होंने मुझे एक झटके में बिस्तर पर लिटा दिया, और एक-एक करके मेरे कपड़े उतारने लगे। पहले तो उन्होंने मेरी नाइटी उतारी। मैंने नाइटी के नीचे गुलाबी रंग का ब्रा और काले रंग की पेंटी पहनी थी। उन्होंने ग्लास लिया और मेरी ब्रा पे थोड़ा दारू गिराया, और और ब्रा को ऊपर से चूसने लगे। फ़िर उन्होंने मेरी बगल को चूमा और पीछे की तरफ हाथ को ले जाते हुए मेरी ब्रा का हुक को खोल दिया।
अब मेरी चूची उनके सामने नंगी हो गई। वो तेजी से मेरी चूची को चूसने लगे। एक तो नशे में मैं बिल्कुल मस्त थी, और इधर जीजू् ने जो चुसाई की कि मेरे मुंह से कामुक आवाज निकलने लगी।
जीजू ने मुझसे कहा: साली साहिबा, थोड़ी आवाज धीमी निकालो। कहीं तुम्हारा पति जग गया तो।
मैंने उनको बोला: पांच पैग पीने के बाद तो उसका बाप भी नहीं उठेगा।
जीजू ने जल्दी से ग्लास से थोड़ा सी दारु मेरे आर्म पिट पे गिराई और मेरे आर्म पिट यानी बगल को चाटने लगे। मैं अपने आर्म पिट के बाल को बहुत कम साफ करती हूं, क्योंकि मुझे बालों वाली आर्म पिट की खुशबू बहुत अच्छी और मदहोश कर देती है, और शायद जीजू को भी ज्यादा पसंद था। तभी तो जीजू मेरे आर्म पिट को छोड़ ही नहीं रहे थे। एक-एक करके दोनों आर्म पिट को चूस के लाल कर दिया तो मैंने जीजू से बोला-
मैं: जीजू, कुछ नीचे भी आपका इंतज़ार कर रहा है।
उन्होंने मेरी तरफ देखते हुए मेरी चूची को काट लिया, और बोले: साली साहिबा, रात तो अपनी है ना?
लेकिन मैं अपने आप को रोक नहीं पा रही थी। तो मैंने अपने हाथों से ही अपनी पेंटी उतार दी और उनके लोअर को भी उतार दिया।
फिर मैंने उनको बोला: ज़रा जीजू के छोटू को तो देख लूं।
उन्होंने अपना अंडरवियर खींच के अलग कर दिया, और मैं उनके लंड को मुंह में लेके चूसने लगी। उनका लंड 5 इंच से बड़ा था और काफी मोटा भी था। फिर जीजू 69 पोजीशन में आ गए, और मेरी चूत में थोड़ा दारू गिरा के चूसने लगे। मेरे मुंह से आह इह उह की आवाज निकलने लगी। कुछ ही देर में मैंने अपना पानी उनके मुंह में छोड़ दिया। मेरा पानी दारू के साथ मिल कर उनको ज्यादा ही स्वादिष्ट लग रहा था। जीजू ने मेरी गांड को भी दारू पिलाया और खूब चाटा।
मैंने जीजू को बोला: अपने लंड को मेरी चूत में कब डालोगे? जल्दी डालो ना, क्यों तड़पा रहे हो?
फिर जीजू ने सीधे होके अपने लंड का सुपारा मेरी बुर पे रखा, और एक झटका मारा। पर लंड अंडर नहीं गया, क्योंकि मेरी चूत थोड़ी टाइट थी। उन्होंने मेरी टांग को अपने कंधे के ऊपर रख के एक जोर का झटका मारा, जिससे आधा लंड मेरी चूत में घुस गया और मैं दर्द के मारे तड़प गई। फिर जीजू ने लंड को बाहर निकाला, और उसपे थोड़ा दारू लगाया, और एक ही झटके में पूरा लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया।
मैं मदहोश होके बोले जा रही थी: जीजू अपनी साली चोद ले, साले जीजू मुझे दारू पिला के चोदने का बढ़िया प्लान बनाया। कल तेरी बीवी को मेरा पति चोदेगा, तब जाके हिसाब बराबर होगा।
जीजू तो बस मुझे चोदने में ही लगे हुए थे। करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद जीजू ने अपना पानी मेरी चूत में ही छोड़ दिया, और मेरे ऊपर ही लेट गए। मैं उठी और उनके ऊपर चढ़ के लंड को मुंह में ले लिया, और अपनी रसीली चूत को उनके मुंह में घुसाने लगी।
जीजू मेरी चूत को चाटते हुए बोले: प्लान तो मैंने बनाया था मजे लेने के लिए। पर ये तो साली ने ही मजे ले लिए।
मैंने ख़ुशी से उनके लंड को चूस-चूस कर खड़ा कर दिया, और इस बार मैं उनके ऊपर ही चढ़ कर चोदने लगी। 15-20 मिनट के बाद मैं फ़िर झड़ गई और जीजू का पानी भी निकल गया। उस रात मैं दो बार ही चुदी और फ़िर हम दोनों नशे में सो गए।
अगली रात की कहानी मैं अगले भाग में सुनाऊंगी। लोड़ों अपना लंड हिलाते-हिलाते और लड़कियों चूत मैं उंगली करते-करते मेरी हिंदी कहानी को पढ़े। धन्यवाद दोस्तों।