पिछला भाग पढ़े:- मेरी चुदक्कड़ मामी और सेक्सी ममेरी बहन-2
नेहा मैडम मान्या का इंटरव्यू ले चुकी थी। मान्या के “मॉडलिंग में अपना कैरियर बनाने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हूं” वाली बात पर नेहा और नारंग ने इशारों ही इशारों में बात हो गयी।
मान्या तो शायद नहीं समझी, मगर मैं समझ गया। अगर मान्या स्क्रीन टेस्ट में पास हो उसकी चूत का बैंड समझो बजा ही बजा।
नेहा मैडम ने कहा, “ठीक है मान्या। कपड़े पहन लो। तुम्हारा स्क्रीन टेस्ट लेते हैं। फिर देखते हैं कि तुम हमारी कम्पनी की मॉडल बन सकती हो या नहीं।” नेहा मेरी ओर देख कर बोली, “किशोर, जरा रश्मी को बुलाना।”
मैं बाहर गया और रश्मि को अंदर आने के लिए कहा। बलराज अपनी कुर्सी पर वापस जा चुका था। मान्या बैठ चुकी थी। रश्मि आयी तो नेहा बोली, “रश्मि ये मान्या है।” रश्मि मान्या की तरफ देख कर बोली “हेलो मान्या।”मान्या ने भी जवाब दिया, “हेलो।”
नेहा ने कहा, “रश्मि जरा देखना बत्रा कहां हैं? उससे पूछना एक लड़की का स्क्रीन टेस्ट करना हैं। कब फ्री है वो, कब बुलाएं?” बत्रा बलराज की कम्पनी में सीनियर आर्ट डायरेक्टर हैं।
“जी मैडम”, कह कर रश्मि चली गयी। नेहा मान्या से ही बात कर रही थी, “और मान्या, घर में कौन-कौन हैं और क्या करते हैं?”
मान्या बोली, “मैडम, मेरी मम्मी हैं। मम्मी एक हेल्थ क्लब में फिटनेस इंस्ट्रक्टर है और पापा का रेडीमेड गारमेंट्स का शोरूम है। घर में बस हम तीन ही लोग है।”
नेहा बोली, “अरे वाह, फिटनेस इंस्ट्रक्टर? फिर तो तुम्हारी मम्मी खुद भी बड़ी फिट होंगी?”
“जी मैडम, फिट तो हैं I उनको भी मॉडलिंग का शौक है। मुझे मम्मी ही सब से ज्यादा एनकरेज करती हैं। मम्मी भी चाहती हैं कि मॉडलिंग को अपना कैरियर बनाऊं और अपने कामयाब मॉडल बनने के सपने को पूरा करूं।”
नेहा बोली, “ये तो बहुत अच्छी बात है। मान्या, क्या उम्र है तुम्हारी मॉम की?”
“जी उम्र तो मम्मी की चालीस के आस-पास है मैडम, मगर मम्मी ने अपनी आप को फिट रक्खा हुआ है। देखने में वो तीस-बत्तीस की ही लगती हैं।” चालीस साल सुनते ही बलराज का हाथ अपने लंड पर पहुंच गया। नेहा ने जब बलराज को लंड खुजलाते देखा तो बलराज से बोली, “बलराज क्या ख्याल है? एक बार मिल लेते है मान्या की मॉम से भी।”
बलराज ने एक बार और लंड खुजलाया और मुझ से बोला, “किशोर जिस दिन बत्रा मान्या को स्क्रीन टेस्ट के लिए बुलाएगा, उसी दिन मान्या की मॉम को भी साथ ही ले आना।”
तभी रश्मि आयी और बलराज से बोली, “सर, बत्रा सर ने शनिवार ग्यारह बजे बुलाने के लिए बोला है।”
नेहा उठते हुए मुझ से बोली, “तो ठीक है किशोर, शनिवार को ले आओ इनको ग्यारह बजे। मैं चलती हूं।” नेहा ने चलते-चलते मान्या को कहा, “मान्या उस दिन तुम कोई मेकअप मत लगा कर आना। हमारा मेकअप वाला ही तुम्हारा मेकअप करेगा।”
“जी मैडम” मान्या ने जवाब दिया।
“बाये मान्या”। बिना जवाब का इंतज़ार किये और बिना बलराज की तरफ देखे नेहा बाहर निकल गयी। पीछे-पीछे रश्मि भी चली गयी। मैं भी उठ खड़ा हुआ और बलराज से बोला, “तो मैं भी चलूं सर? इनको भी ड्राप कर दूंगा।”
उसूल के पक्के बलराज नारंग ने फिर अपना लंड खुजलाया और बड़ी ही कामुक नजरों से मान्या को देखते हुए मुझे बोला, ” हां किशोर, तुम चलो। शनिवार को दोनों को ले आना। पहले मेरे ऑफिस में ही आ जाना।” मैं जाने के लिए मुड़ा ही था, कि नारंग ने आवाज लगाई, “और हां किशोर, जरा रश्मि को भेज देना।”
मैंने सोचा, “हरामी। मान्या को देख कर लंड खड़ा हो गया होगा। अब रश्मि को चोदेगा और लंड का पानी निकलेगा।”
घर पहुंच कर मान्या ने सारी बात मामी रितिका को बताई। मामी बड़ी खुश हुई और बोली, “वाह किशोर, ये तो बड़ी अच्छी खबर है।” फिर कुछ रुक कर बोली, “क्या ख्याल है किशोर, मान्या सेलेक्ट हो जाएगी?”
मैंने कहा, “मामी, ये तो बत्रा के स्क्रीन टेस्ट के रिज़ल्ट आने के बाद ही पता चलेगा। बत्रा के काम में कोई ऑफिस में कोई भी दखलअंदाजी नहीं करता, खुद बलराज भी नहीं। अब शनिवार को टेस्ट होना है। एक दो दिन में इस टेस्ट के वीडियो क्लिप्स देखने के बाद बत्रा जो कहेगा वही होगा।”
फिर मैं कुछ रुक कर बोला, “वैसे उम्मीद तो है के मान्या सेलेक्ट हो जाएगी। क्योंकि अगर नेहा माथुर को ऐसा ना लग रहा होता तो वो स्क्रीन टेस्ट करने के लिए ही ना बोलती।”
शनिवार मैं नौ बजे मामी रितिका के घर पहुंच गया। मां बेटी दोनों तैयार हो रही थी। तैयार हो कर दोनों जब बाहर आयी तो मामी को देख कर मेरी आंखें फटी की फटी रह गयी।
मामी ने पूरी बाजू की ढीली-ढाली झीने कपड़े की कमीज पहनी हुई थी, जिसके गले का कट इतना नीचा था, कि मामी के आधे मम्मे दिखाई दे रहे थे। नीचे पहनी कढ़ाई वाली ब्रा साफ़ दिखाई दे रही थी। चूचियां एक-दम खड़ी थीं। जरा सा भी हिलने पर चूचियां थिरकती थी।
नीचे मामी ने टाइट जींस पहनी हुई थी। चूत और चूतड़ों के उभार साफ़ दिख रहे थे, और चूतड़ों की गोलाई ही मस्त करने के लिए काफी थी।
मैं सोच रहा था लंगोट के कच्चे बलराज का आज क्या होगा? बोल्ड मामी रितिका की ये फिगर, ये सेक्सी कपड़े और ऊपर से बलराज की मनपसंद उम्र 40 साल। आज मामी को बलराज की चुदाई से कोइ नहीं बचा सकता था। मामी की चुदाई पक्की ही होने वाली थी।
ग्यारह बजने में दस मिनट पर हम ऑफिस पहुंच गए और रश्मि उप्पल के केबिन के सामने सोफे पर बैठ गए। रश्मि ने एक नजर रितिका पर डाली और दूसरी मुझ पर। हमारी नजरें मिली तो रश्मि हल्के से मुस्कुराई जैसे कह रही हो, “साले दल्ले किशोर, क्या माल ले कर आया है आज तू बलराज के लिए।”
पूरे ग्यारह बजे बत्रा आ गया और सीधा बलराज के ऑफिस में चला गया।
पांच मिनट के बाद नेहा भी बलराज के ऑफिस में चली गयी। जाते-जाते नेहा ने एक उड़ती नजर मेरी मामी रितिका पर डाली और फिर मुझे देखा, जैसे कह रही हो, “साले दल्ले किशोर, क्या माल लेकर आया है आज तू बलराज के लिए।”
इसके दस मिनट बाद रश्मि को फोन आया। रश्मि ने मान्या को कहा, “मान्या जाओ सर बुला रहे हैं।”
मतलब हमें, मुझे और मामी को अभी इंतज़ार करना था।
कुछ देर के बाद बत्रा मान्या के साथ बाहर आया और मान्या को साथ लेकर चला गया। इसके कुछ देर बाद नेहा बाहर निकली, और फिर से रितिका मामी और मुझ पर नजर डाल कर अपने ऑफिस में चले गयी।
नेहा के देखने भर से लगता था, जैसे मुझे दुबारा वही बात कह रही हो, “साले दल्ले किशोर, क्या माल ले कर आया है आज तू बलराज के लिए।”
रश्मि के फोन की घंटी फिर बजी। रश्मि ने फोन पर बात करके रितिका को कहा, “आप अंदर जाईये। साथ ही रश्मि ने मुझे कहा, “किशोर, सर ने तुम्हें यहीं रुकने के लिए बोला है। मैं अपने मन में कहा, ये तो होना ही था।
लगभग पैंतालीस मिनट के बाद रश्मि का फोन फिर बजा। रश्मि मुझ से बोली “किशोर अंदर जाओ। सर बुला रहे हैं।”
मैं जैसे ही अंदर जाने को हुआ कि रश्मि ने मुझे आवाज लगाई, “किशोर।” मैं रुक गया और रश्मि से पूछा, “यस मैडम?”
“बेस्ट ऑफ़ लक।” इस बार रश्मि पूरा मुस्कुरा रही थी।
मैं बलराज के ऑफिस में गया। रितिका, मेरी खूबसूरत मामी ऑफिस में नहीं थी। मतलब ऑफिस के साथ लगे रेस्ट रूम में थी और मामी की चूत का बैंड बज चुका था।
बलराज खड़ा ही था। मुझ से बोला, “किशोर तेरी पसंद का जवाब नहीं। जा अंदर जा और मौज ले। मैं नेहा के ऑफिस में हूं, मुझे बता कर जाना।” और बलराज बाहर निकल गया।
मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ। मैं और मेरी सेक्सी मामी रितिका? अकेले? मैं रेस्ट रूम का दरवाजा खोल कर अंदर गया। मामी चद्दर ओढ़ कर बेड पर लेटी हुई थी और कमीज, ब्रा, जींस और चड्ढी सोफे पर पड़े थे।
मुझे देख मामी लगभग चिल्लाते हुए बोली, “किशोर तू? तू यहां? तू यहां क्या कर रहा है?”
मैं बेड पर मामी की बगल मैं ही बैठ गया। “मामी क्या हुआ? नारंग साहब ने कर दी चुदाई? मुझे सर ने ही यहां भेजा तुम्हारी चुदाई से खुश हो कर, तुम्हें चोदने के लिए। इसका मतलब तुमने बलराज से मस्त चूत चुदवाई है। बलराज की तसल्ली कर दी।”
मामी कुछ पल चुप रही फिर मुझसे पूछा “अब?”
मैंने मामी की आंखों में आंखे डाल कर कहा, “अब क्या, अगर तुमने मुझसे चुदवानी है तो बोल दो हां चुदवानी है नहीं तो में कुछ देर बाद ऐसे बैठा रहूंगा और चला जाऊंगा। बलराज ने तो अपने हिसाब से खुश हो कर मुझे तुम्हें चोदने के लिए ही भेजा है।
बलराज साथ वाले ऑफिस में ही बैठा है अपनी माशूका नेहा के साथ। बलराज ने तो मुझे ये भी कहा है कि जाने से पहले उसको बताता जाऊं I मतलब एक चुदाई से मन नहीं भरा है उसका। अभी और चोदेगा तुम्हें।”
मामी चुप चाप लेटी रही। मैंने ही कहा ,”अब बताओ मामी क्या करना है। आधे पौने घंटे का ही टाइम है हमारे पास। अगर चुदाई करवानी है तो शुरू करें। देर करने का कोई फायदा नहीं। अगर नहीं करवानी तो भी बोल दो।”
मामी फिर भी कुछ नहीं बोली। मैंने मामी के ऊपर चद्दर हटा दी। मामी के नंगे कड़क जिस्म को देख कर मैं बोला, “मामी तू सच में है तो चोदने लायक।”
और मैंने मामी कि चूचियों को मुंह में ले लिया और निप्पल चूसने लगा। मामी मेरे सर पर हाथ फेरने लगी। मैंने मामी के होंठ अपने होठों मे ले लिए मामी भी अब साथ दे रही थी। हम दोनों एक-दूसरे के होंठ चूस रहे थे।
मेरा लंड तो मामी का नंगा जिस्म देख कर ही खड़ा हो गया था। मैं उठा अपनी दोनों टांगें मामी के दोनों तरफ कर के अपना लंड मामी के मुहं के सामने कर दिया, चूसने के लिए। मामी ने लंड पकड़ा और धीरे से बोली, “किशोर तेरा लंड तो बड़ा मस्त है, वैसे लंड तो इस नारंग का भी कम नहीं। साला चोदता भी बड़ा मस्त है।” ये कह कर मामी मेरा लंड चूसने लगी।
मेरा लंड और सख्त हो गया। दस मिनट की चुसाई के बाद मामी भी गरम हो गयी।
“किशोर मेरी फुद्दी चूस जरा।” मैं मामी के ऊपर से उठा और नीचे की तरफ जा कर मामी की टांगें फैला दी। सामने मामी की चूत सफ़ेद चिकने पानी से लिबड़ी पड़ी थी। जाघों तक भी बलराज का वीर्य और मामी की चूत का पानी फैला हुआ था।
मैंने मामी को कहा, “मामी इसको साफ़ तो करो, ये तो पूरी नारंग के सफ़ेद चिकने पानी से भरी पड़ी है।” मामी ने चूत पर हाथ लगाया तो सारा चिकना पानी मामी के हाथ पर लग गया।
मामी बुदबुदाई, “हद्द है, कितना पानी छोड़ता है ये बलराज। जब मेरी चूत में झड़ा था तभी मुझे लगा था कि मेरी चूत भर गयी है।”
मामी साथ लगे बाथ रूम में गयी और चूत धो कर वापस आकर चूतड़ तकिये पर टिका कर चूत चौड़ी कर के लेट गयी। मैंने थोड़ी देर मामी की चूत चूसी। हाथ से मैं मामी के मम्मे दबा रहा था। सेक्सी बोल्ड मामी को गरम होने मैं ज्यादा वक़्त नहीं लगा। मामी के चूतड़ों के नीचे तकिया तो पहले से ही था। मैंने टांगें ऊपर उठाई और थोड़ी और फैला। मोटे लंड से अभी-अभी चुदी चूत का छेद साफ़ दिख रहा था।
मैंने लंड चूत पर रखा और एक झटके से अंदर धकेल दिया। मामी केवल यही बोली, “आह किशोर आह, मजा आ गया। अब ज़रा दबा के चोद और निकाल पानी।”
मैंने मामी के पीछे हाथ डाल कर मामी को भींच लिया और जोरदार धक्के लगाने शुरू कर दिए। मामी भी नीचे चूतड़ ऊपर नीचे कर रही थी “आअ… किशोर आअह… आआह किशोर और जोर से चोद किशोर… आअह… निकलने वाला है किशोर… आह आआह… आअह” और फिर एक जबरदस्त चूतड़ के झटके और एक लम्बी आआआआह के साथ मामी का पानी छूट गया।
मेरा पानी नहीं छूटा था। एक मिनट के बाद जब मामी को लगा कि मेरा पानी नहीं छूटा तो बोली,”क्या हुआ किशोर, निकला नहीं? तुम्हारा लंड तो लगता है खड़ा ही है।”
मैंने कहा, “मामी बस निकलेगा अभी।” ये कह कर मैंने आठ-दस जोरदार धक्के लगाए और “ले मेरी मामी, निकल गया तेरी फुद्दी के अंदर” की आवाज के साथ लंड का गर्म पानी फर्र से मामी की चूत में निकाल दिया।
कुछ देर ऐसे ही मामी के ऊपर लेटे रहने के बाद मैंने लंड मामी की चूत से निकला और उठते हुए बोला, “जाओ मामी चूत को स्नान करवा के फिर चूत खोल कर के लेट जाओ। बलराज फिर आएगा। मान्या का स्क्रीन टेस्ट शाम तक चलेगा। तब तक बैंड बजेगा आज तुम्हारी चूत का।” कह कर मैंने कपड़े पहने और जाने के लिए मुड़ा।
पीछे से मामी बोली, “बड़ा मस्त चोदता है तू किशोर। तेरे से तो एक बार घर पर तसल्ली से चूत चुदवानी पड़ेगी।”
मैंने भी लंड हिला कर कहा “अब तो मेरा भी मन है मामी तुम्हें अच्छे से चोदने का।” ये कह कर मैं निकल गया।
बाहर आ कर में रश्मि के केबिन के सामने खड़ा हो गया। रश्मि मुसकुरा कर बोली ,”कैसा रहा किशोर? सर को इन्फॉर्म कर दूं?” मैं क्या कहता। मैंने हां मैं सिर हिला दिया। रश्मि ने ने फोन उठाया और बात की।
पूरे दस मिनट के बाद बलराज बाहर आया और मुझे बोला आओ, और ऑफिस के अंदर चला गया। अंदर आ कर बोला, “किशोर तुम ऐसा करो ऊपर स्टूडियो में चले जाओ पांच बजे तक मान्या का स्क्रीन टेस्ट खत्म होगा। उसके साथ ही आ जाना।”
मैंने भी कहा, “ठीक है सर।” मतलब नारंग पांच बजे तक रितिका मामी की चूत बजाने वाला था।
अभी ढाई बजे थे। स्टूडियो में मैं जाना नहीं चाहता था। बेकार में मुझे देख ऐसे ही मान्या नर्वस हो जाएगी। मैं ऑफिस से बाहर कॉफी पीने निकल गया। साढ़े चार बजे मैं ऊपर स्टूडियो में चला गया। मान्या का स्क्रीन टेस्ट खत्म हो चुका था। मान्या मेकअप रूम में थी, उसका मेकअप हटाया जा रहा था।
सीनियर आर्ट डायरेक्टर बत्रा सर वहीं थे, उन्होंने मुझे इशारे से बुलाया और बोले, “किशोर लड़की तो आत्मविश्वास से भरपूर है। वीडियो क्लिप बस एक बार नारंग सर और नेहा मैडम देख लें। मंगलवार तक पता लग जायेगा।
पांच बजे मान्या मेकअप रूम से बाहर आ गयी और मुझे देख सीधी मेरे पास ही चली आयी। मैं उसे नारंग के ऑफिस में ले गया। हम दोनों , मैं और मान्या, रश्मि उप्पल के केबिन के सामने वाले सोफे पर बैठ गए।
मान्या ने पूछा, “मम्मी क्या अभी भी अंदर ही है?”
मैंने कहा “तो और कहां जाएगी? वैसे भी मान्या मामी तुम्हारे भविष्य के बारे में ही बात कर रही होगी नारंग साहब से।”
मान्या ने इतना ही कहा, “कमाल है?” लग ही रहा था कि मान्या को मेरी इस भविष्य वाली बात पर विश्वास नहीं हुआ।
थोड़ी देर में रश्मि को फोन आया और रश्मि ने मुझे कहा,”किशोर तुम्हें सर बुला रहे हैं।” मैंने मान्या को कहा, “तुम बैठो मान्या, मैं आता हूं।”
मामी बलराज के सामने बैठी थी। मामी अपना हुलिया ठीक कर चुकी थी, मगर थकी-थकी लग रही थी। पता नहीं गैंडे नारंग ने कितनी बार चोदा था मामी को।
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