पिछला भाग पढ़े:- ससुर का तगड़ा लंड-1
अपनी xxx हिंदी चुदाई कहानी के अगले पार्ट में मैं अदिति आप सब का स्वागत करती हूं। अगर आपने इस कहानी का पिछला पार्ट अभी तक नहीं पढ़ा है, तो पहले उसको जरूर पढ़ें।
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था कि मेरे ससुर और जवान कामवाली लड़की प्रीति का नैन-मटक्का चल रहा था। फिर जब मैंने उन्हें अकेले में मौका दिया, तो ससुर जी प्रीति को अपने कमरे में ले गए, और वहां पर उसके सारे कपड़े उतार कर उसको नंगी कर दिया। अब आगे बढ़ते है-
अब प्रीति ससुर जी के सामने नंगी पड़ी थी। उसका नंगा जिस्म देख कर ससुर जी की आंखों में चमक आ गई थी। उसकी चूत पर हल्के बाल थे। अब ससुर जी उसको हवस भरी आंखों से देखते हुए अपने कपड़े उतारने लग गए। जैसे-जैसे उनके कपड़े उतार रहे थे, वैसे-वैसे मुझे पता नहीं क्यों उतावलापन हो रहा था।
अब ससुर जी के सारे कपड़े उतार चुके थे, और सिर्फ उनका अंडरवियर बाकी था। उनके मोटे तगड़े लंड का उभार अंडरवियर के ऊपर से साफ नज़र आ रहा था। पता नहीं क्यों उस उभार को देख कर मेरे मुंह में क्यों पानी आ रहा था।
फिर ससुर जी ने अपना अंडरवियर नीचे किया, और उनका लंड किसी स्प्रिंग की तरह उछल कर बाहर निकल आया। उनका लंड एक काले सांप की तरह था। पूरे 8 इंच लम्बा, और 3 इंच मोटा था उनका लंड। ऐसे लंड को देख कर तो किसी भी औरत का मन पिघल जाए, और मैं तो पहले से प्यासी थी, जिसके पति ने आज तक उसको वो सुख ही नहीं दिया था।
फिर ससुर जी प्रीति की टांगों के बीच अपना मुंह लेके आए, और उसकी चूत पर मुंह लगा दिया। चूत पर मुंह लगते ही प्रीति की आह निकल गई। ससुर जी उसकी चूत पर जीभ फिराने लगे, और बाहर खड़ी रह कर देखने वाली मैं, जिसकी खुद की चूत में सुरसुरी बजने लगी। मुझे नहीं पता था कि एक मर्द एक औरत की चूत को चाटता भी है। ये देख कर मेरी चूत में खलबली मचने लग गई।
कुछ देर चूत चाटने के बाद उन्होंने एक हाथ से चूत के मुंह को खोला, और अपनी जीभ अंदर डालने लगे। इससे प्रीति पागल होने लगी, और अपना हाथ ससुर जी के सर पर रख कर उसको अपनी चूत में दबाने लग गई। ससुर जी अपनी जीभ से उसकी चूत के दाने को छेड़ रहे थे, जिससे बार-बार उसकी चूत में झटका लगता।
कुछ देर ऐसा ही चला। फिर प्रीति ने ससुर जी को उसको अपना लंड चुसवाने को कहा। ससुर जी ने उसको बेड से उठाया, और अपनी बाहों में उल्टा पकड़ लिया। अब वो स्टैंडिंग 69 पोजीशन में आ गए। ससुर जी का लंड प्रीति के चेहरे के सामने आ गया, और प्रीति की चूत ससुर जी के सामने आ गई।
प्रीति ने बिना देर किए ससुर जी के फड़कते लंड को अपने हाथ में लिया, और मुंह में लेके उसको किसी रंडी की तरह चूसने लगे। ससुर जी भी उसकी चूत पर मुंह लगा कर चूत चूसने लगे। दोनों पूरा मजा ले रहे थे। मुझे तो हैरानी थी ससुर जी की ताकत पर, जो इतनी उम्र में भी एक जवान लड़की को हवा में उठा कर उसकी चूत चूस रहे थे।
फिर ससुर जी ने उसको दोबारा बेड पर लिटा दिया, और उसके ऊपर आ गए। फिर उन्होंने अपने लंड को हाथ में लिया, और उसका टोपा प्रीति की चूत में रगड़ने लगे। प्रीति आह आह कर रही थी, और गांड ऊपर उठा कर लंड को चूत में लेने के लिए तड़प रही थी। लेकिन ससुर जी अपनी लंड को चूत में डालने के लिए तैयार नहीं थे।
उन्होंने प्रीति की चूचियों पर थप्पड़ मारने शुरू किए, और उसके होंठ चूसने लगे। प्रीति भी उनका साथ देने लगी। फिर वो उसके निप्पलों पर काटने लगे। इससे वो और उत्तेजित होने लगी। फिर उन्होंने जल्दी से अपने लंड को प्रीति की चूत के मुंह पर रखा, और जोर का धक्का मारा।
प्रीति के मुंह से चीख बाहर आई, और ससुर जी का आधा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया। प्रीति चिल्लाने लगी, और ससुर जी को लंड बाहर निकालने के लिए बोलने लगी। लेकिन अब ससुर जी कहां रुकने वाले थे। उन्होंने जोर का एक और धक्का लगाया, और लंड थोड़ा और अंदर चला गया। प्रीति की टाइट चूत ससुर जी को भी दर्द दे रही थी।
इस तरह लगातार धक्के लगा कर उन्होंने पूरा लंड प्रीति की चूत में घुसा दिया। उसकी चीखों को बंद करने के लिए उन्होंने अपने होंठ उसके होंठों से लगा दिए, और उसकी चूत में लंड अंदर-बाहर करने लगे। अब उन दोनों की चुदाई शुरू हो चुकी थी। प्रीति की आंखों से आंसू निकल रहे थे, जिन्हें मैं साफ देख पा रही थी।
धीरे-धीरे ससुर जी ने चूत चुदाई की स्पीड तेज़ कर दी, और प्रीति के होंठ भी छोड़ दिए। अब प्रीति आह आह करके मजे वाली आवाज़ें निकाल रही थी। वो गांड उठा-उठा कर ससुर जी का लंड ले रही थी। ससुर जी नीचे से उसकी चूत चोद रहे थे, और ऊपर से उसके होंठों और उसकी चूचियों का रस पी रहे थे। कमरे में थप-थप की आवाजें आ रही थी।
कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद ससुर जी ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला, और उसकी साइड में सीधे हो कर लेट गए। ससुर जी की सांस फूली हुई थी। फिर प्रीति उठी, और अपने बाल बांध कर ससुर जी के ऊपर आ गई। उसने अपनी गांड थोड़ी ऊपर की, और पीछे से हाथ ले जा कर उनके लंड को पकड़ा। फिर उसने लंड अपनी चूत पर सेट किया, और धीरे-धीरे आहें भरते हुए उसको पूरा अपनी चूत में लेके उसपे बैठ गई।
फिर उसने अपने हाथ ससुर जी की छाती पर रखे, और ससुर जी ने अपने हाथ उसके चूतड़ों पर रखे। अब वो ससुर जी के लंड पर जोर-जोर से उछलने लगी। उसके चेहरे पर एक अलग तरह का सुकून था। इतना सुकून को चरमसुख मिलने पर ही हो सकता है। फिर उनकी स्पीड तेज़ हुई, और ससुर जी भी नीचे से तेज़ी से धक्के मारने लगे। प्रीति खुद ही अपनी चूचियां दबा रही थी, और ससुर को उसके चूतड़ों को दबा रहे थे।
तभी ससुर जी ने प्रीति को इशारा किया, और वो जल्दी से लंड से उतर कर उसको हाथ में लेके हिलाने लगी। कुछ दो मिनट में ससुर जी के लंड से माल की पिचकारी निकली, को सीधी प्रीति के मुंह और चूचों पर पड़ी। इधर मेरी चूत ने भी पानी छोड़ दिया।
इसके आगे क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। अगर आपको इस हिंदी सेक्स कहानी को पढ़ कर मजा आया हो, तो कमेंट करके जरूर बताना।